कब्ज के 12 घरेलू उपचार| constipation ayurvedic treatment in hindi

constipation ayurvedic treatment in hindi के इस लेख में जानिए कब्ज क्या होता है? कब्ज होने के कारण, पेट में कब्ज के लक्षण तथा कब्ज का आयुर्वेदिक इलाज। साथ ही जानिए कब्ज के लिए आयुर्वेदिक दवा, कब्ज से बचने के उपाय, कब्ज में आहार, कब्ज में परहेज, कब्ज से होने वाले नुकसान आदि के बारे में विस्तार से। constipation ayurvedic treatment in hindi में जानने के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

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कब्ज क्या होता है – what is constipation in hindi

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कब्ज का मतलब है पेट ठीक से साफ न होना। यह एक आम समस्या है। पेट में मल सख्त हो जाता है। इसे बाहर निकालने में दिक्कत होती है। कभी-कभी पेट में दर्द भी होता है। कब्ज होने पर रोज़ाना टॉयलेट नहीं जा पाते। यह खाने-पीने की गलत आदतों से हो सकता है। कम पानी पीने से भी कब्ज होता है। हर दिन ताज़ा फल और सब्ज़ियाँ खाने से कब्ज में राहत मिलती है। अधिक पानी पीना भी फायदेमंद होता है। हल्की एक्सरसाइज करने से पेट ठीक रहता है।

पेट में कब्ज के लक्षण – constipation symptoms in hindi

पेट में कब्ज होने के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं :

  • पेट में भारीपन महसूस होना।
  • भूख कम लगना।
  • नियमित टॉयलेट जाने की इच्छा नहीं होना।
  • मल सख्त और सूखा होना।
  • मल त्यागने में कठिनाई होना।
  • पेट में दर्द या ऐंठन होना।
  • पेट फूलना या गैस बनना।
  • मल त्यागते समय जोर लगाना पड़ना।
  • मल त्यागने के बाद भी पेट पूरी तरह साफ न लगना।
  • थकान, आलस्य या सुस्ती महसूस करना।

कब्ज होने के कारण – constipation reasons in hindi

कब्ज होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं :

  • पानी कम पीना।
  • फाइबर यानि रेशेदार खाद्य पदार्थ कम खाना।
  • अधिक तला-भुना और मसालेदार खाना।
  • अधिक मीठा या जंक फूड खाना।
  • शारीरिक गतिविधि की कमी।
  • बहुत ज्यादा बैठे रहना।
  • समय पर टॉयलेट न जाना।
  • तनाव या चिंता होना।
  • यात्रा करना और खानपान में बदलाव।
  • स्वयं कुछ दवाओं का सेवन।
  • दूध या डेयरी उत्पाद अधिक खाना।
  • वृद्धाववस्था के कारण।
  • गर्भावस्था के दौरान।
  • नींद पूरी न होना।
  • थायरॉइड या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं।

कब्ज का आयुर्वेदिक इलाज – constipation ayurvedic treatment in hindi

कब्ज के इलाज निम्नलिखित आयुर्वेदिक तरीके से किया जा सकता है:

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कब्ज में अजवाइन के फायदे

कब्ज में अजवाइन बहुत फायदेमंद होती है। यह पेट के गैस और अपच को कम करती है और पाचन को सुधारती है। अजवाइन के सेवन से आंतों की सफाई होती है, जिससे कब्ज में राहत मिलती है। आप आधा चम्मच अजवाइन गुनगुने पानी के साथ सुबह खाली पेट सेवन करें। चाहें तो रात को सोने से पहले भी ले सकते हैं। अजवाइन को भूनकर नमक के साथ भी खाया जा सकता है। इससे पेट की समस्याओं में जल्दी आराम मिलता है।

त्रिफला चूर्ण कब्ज के लिए

त्रिफला चूर्ण कब्ज के लिए फायदेमंद होता है। यह चूर्ण तीन फलों – आंवला, बहेड़ा और हरड़ से बनता है, जो पाचन को सुधारता है और आंतों की सफाई करता है। त्रिफला चूर्ण की एक छोटी चम्मच (लगभग 5 ग्राम) रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। इसे खाली पेट लेना ज्यादा फायदेमंद होता है। नियमित सेवन से कब्ज में राहत मिलती है और पेट हल्का महसूस होता है।

अरण्डी का तेल कब्ज के लिए – castor oil for constipation in hindi

अरण्डी का तेल कब्ज के लिए बड़ा फायदेमंद होता है। यह पेट को साफ करने में मदद करता है और मल को नरम बनाता है। इसके लिए रात को सोने से पहले एक चम्मच अरंडी के तेल को हल्के गर्म पानी या दूध के साथ मिलाकर पी सकते हैं। सुबह उठने पर पेट साफ हो जाता है। ध्यान रखें कि इसे रोजाना न लें, सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही इस्तेमाल करें। ज्यादा मात्रा में सेवन से पेट में दर्द या दस्त हो सकते हैं। इसलिए सही मात्रा में ही लें।

कब्ज में घी के फायदे

कब्ज में घी बहुत फायदेमंद होता है। यह पाचन को सुधारता है और मल को मुलायम बनाता है, जिससे कब्ज में राहत मिलता है। घी को रात में गर्म दूध में मिलाकर पीने से अच्छा असर होता है। एक चम्मच घी गर्म दूध में मिलाकर सोने से पहले पिएं। इससे सुबह पेट साफ होने में मदद मिलती है। घी का नियमित सेवन करने से आंतें भी स्वस्थ रहती हैं।

कब्ज में एलोवेरा के फायदे

कब्ज में एलोवेरा बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसमें प्राकृतिक लैक्सेटिव गुण होते हैं, जो आंतों को साफ करने में मदद करते हैं। एलोवेरा जूस पाचन तंत्र को सुधारता है और मल को नरम करता है, जिससे कब्ज में राहत मिलता है। इसके लिए सुबह खाली पेट एक कप एलोवेरा जूस पानी में मिलाकर सेवन करें। इसकी मात्रा एक या दो चम्मच से शुरू करें और धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं। नियमित सेवन से आपको कब्ज से राहत मिल सकती है।

कब्ज में मुलेठी के फायदे

कब्ज में मुलेठी के फायदे बहुत हैं। मुलेठी पाचन को सुधारती है और पेट को साफ करती है। यह पेट की गैस और ऐंठन को भी कम करती है। मुलेठी का पाउडर पानी या गर्म दूध में मिलाकर पिया जा सकता है। एक चम्मच मुलेठी पाउडर रोज सुबह खाली पेट लेना फायदेमंद होता है। इसका नियमित सेवन कब्ज से राहत दिला सकता है।

कब्ज में ईसबगोल के फायदे

कब्ज में इसबगोल बहुत फायदेमंद है। यह फाइबर से भरपूर होता है, जो पेट में जाकर पानी सोख लेता है और मल को नरम और बड़ा बनाता है। इससे मल आसानी से निकल जाता है और कब्ज से राहत मिलती है। इसबगोल को एक चम्मच रात को सोने से पहले गुनगुने पानी या दूध के साथ लें। इसे रोजाना लेने से पाचन तंत्र बेहतर होता है और कब्ज की समस्या दूर होती है।

कब्ज में सौंफ के फायदे

सौंफ कब्ज में बहुत फायदेमंद होती है। इसमें फाइबर होता है, जो पाचन को सुधारता है और कब्ज को दूर करने में मदद करता है। सौंफ का पानी या चाय पीने से पेट साफ रहता है और गैस की समस्या भी कम होती है। सौंफ का सेवन करने के लिए, एक चम्मच सौंफ को एक गिलास पानी में रात भर भिगो दें और सुबह खाली पेट पिएं। इसके अलावा सौंफ की चाय बनाकर दिन में एक या दो बार पिएं। इससे पाचन बेहतर होता है और कब्ज की समस्या से राहत मिलती है।

कब्ज में अलसी के फायदे

कब्ज में अलसी के फायदे बहुत होते हैं। अलसी में फाइबर होता है, जो पाचन को सुधारता है और मल को नरम बनाता है। यह पेट साफ रखने में मदद करता है। अलसी का सेवन करने के लिए एक चम्मच पिसी हुई अलसी पाउडर सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ लें। इसे दही या जूस में मिलाकर भी खा सकते हैं। रोजाना अलसी लेने से कब्ज की समस्या धीरे-धीरे कम हो जाती है।

कब्ज में शहद के फायदे

शहद कब्ज में काफी फायदेमंद होता है। इसमें प्राकृतिक लैक्सेटिव गुण होते हैं, जो पाचन तंत्र को सुधारते हैं और मल को नरम बनाते हैं। शहद को गुनगुने पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं। इसके लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें। आप शहद को दूध में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं। शहद कब्ज को दूर करने के साथ-साथ आपकी ऊर्जा भी बढ़ाता है। नियमित सेवन से आप पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।

कब्ज में आंवले के फायदे

आंवला कब्ज में बहुत फायदेमंद है। इसमें फाइबर भरपूर होता है, जो पाचन में मदद करता है और मल को नरम बनाता है। रोजाना एक चम्मच आंवला पाउडर को गुनगुने पानी के साथ सुबह खाली पेट लें। ताजा आंवला या आंवला जूस भी लिया जा सकता है। आंवला आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और नियमित सेवन से पेट की कई समस्याएं दूर हो सकती हैं। इसके नियमित उपयोग से कब्ज की समस्या में राहत मिलती है और आपका पेट साफ रहता है।

कब्ज में अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे

अविपत्तिकर चूर्ण कब्ज में बहुत फायदेमंद होता है। यह आयुर्वेदिक चूर्ण पेट की सफाई करता है और पाचन सुधारता है। इसे लेने से गैस, एसिडिटी और पेट के भारीपन से राहत मिलती है। रोज सुबह खाली पेट अविपत्तिकर चूर्ण एक चम्मच, गुनगुने पानी के साथ लें। रात को सोने से पहले भी इसे ले सकते हैं। इसका नियमित सेवन कब्ज की समस्या को दूर करता है और पेट को हल्का महसूस कराता है।

ध्यान दें:-

स्वस्थ्य जीवन शैली के लिए यह एक सामान्य जानकारी है इसे चिकित्सीय निर्देश या सलाह न समझें। आपका जीवन बहुमूल्य है, कृपया इसे व्यवहार में लाने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से उचित सलाह लेने की चेष्टा करें।

कब्ज से बचने के उपाय – prevention of constipation in hindi

कब्ज से बचने के निम्नलिखित उपाय हो सकते है :

  • रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं।
  • फाइबर वाले आहार, फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं।
  • हर दिन थोड़ी देर टहलें या योग करें।
  • भोजन समय पर करें।
  • दही और अन्य प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ खाएं।
  • हल्का और पौष्टिक भोजन लें।
  • घर का बना खाना खाएं, फास्ट फूड से बचें।
  • भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाएं।
  • तनाव कम करें तथा मेडिटेशन और गहरी सांस लेने की तकनीकें आजमाएं।
  • नियमित सही समय टॉयलेट जाएं।
  • शराब का सेवन सीमित करें।
  • रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें।
  • कब्ज के लक्षण लंबे समय तक रहें तो विशेषज्ञ से सलाह लें।

कब्ज में आहार – constipation diet plan in hindi

कब्ज में निम्नलिखित आहार लें जिससे यह नियंत्रित रहता है:

  • कब्ज के लिए उच्च फाइबर फल जैसे पपीता, सेब, नाशपाती, संतरे आदि खाएं।
  • कब्ज के लिए सब्जी, पालक, ब्रोकोली, गाजर आदि।
  • साबुत अनाज जैसे, दलिया, ब्राउन राइस और ओट्स लें।
  • प्रोबायोटिक दही खाएं। यह पेट के लिए अच्छा है।
  • अखरोट, अलसी के बीज और चिया बीज खाएं।
  • किशमिश, अंजीर और सूखे आलूबुखारे खाएं।
  • मूंग दाल और मसूर दाल खाएं।
  • फाइबर युक्त खाना जैसे बाजरा और जौ खाएं।
  • खीरा, टमाटर और पत्तेदार सलाद खाएं।
  • नारियल पानी पियें। यह पेट को ठंडक और आराम देता है।
  • सुबह खाली पेट नियमित नींबू पानी पिएं।
  • अजवाइन को पानी में उबालकर पिएं।
  • भोजन के बाद छाछ पिएं।
  • प्रयाप्त पानी पिएं, दिन में लगभग 8-10 गिलास।

कब्ज में परहेज – avoid constipation meaning in hindi

कब्ज में निम्नलिखित परहेज की आवश्यकता हो सकती है:

  • फास्ट फूड, जंक फूड तथा तले-भुने खाना खाने से बचें।
  • मैदा से बनी चीजें, जैसे ब्रेड और बिस्किट कम खाएं।
  • ज्यादा मात्रा में चीनी और मिठाइयां न खाएं।
  • अधिक दूध पीने से बचें।
  • तला हुआ खाना जैसे पकोड़े, समोसे और चिप्स से बचें।
  • रेड मीट जैसे गोश्त और अन्य भारी मांसाहारी खाद्य पदार्थ कम खाएं।
  • कैफीन वाले पेय जैसे चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन कम करें।
  • अल्कोहल अथवा शराब या धूम्रपान का सेवन न करें।
  • तीखा और मसालेदार खाना न खाएं।
  • सोडा और कार्बोनेटेड पेय से बचें।
  • कच्चा केला का सेवन कम करें।
  • ज्यादा पनीर खाने से बचें।
  • ज्यादा नमक वाले खाद्य पदार्थ न खाएं।
  • ताजा और स्वच्छ खाना खाएं, बासी खाने से बचें।

कब्ज से होने वाले नुकसान – constipation side effects in hindi

कब्ज से होने वाले कई नुकसान हो सकते हैं जो इस प्रकार है :

  • मल जमा होने से पेट में दर्द होता है।
  • आंतों में गैस बनती है और पेट फूलता है।
  • कब्ज के कारण भूख कम लगती है।
  • मल त्यागने में जोर लगाने से बवासीर हो सकता है।
  • पेट में ऐंठन और मरोड़ हो सकती है, इससे पाचन तंत्र कमजोर होता है।
  • सख्त मल त्यागने से खून आ सकता है।
  • मल त्यागने में कठिनाई, जिससे मल त्यागते समय अधिक जोर लगाना पड़ता है।
  • कब्ज से मानसिक तनाव और चिड़चिड़ापन बढ़ता है।
  • कब्ज से त्वचा पर दाने और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
  • थकान आदि से ऊर्जा की कमी महसूस होती है।
  • पेट की असुविधा के कारण अनिद्रा का कारण बनता है।
  • पेट में गैस और मल के कारण सांसों में बदबू आती है।
  • कब्ज से सिरदर्द और चिड़चिड़ापन हो सकता है।
  • कब्ज से मानसिक तनाव और अवसाद बढ़ सकता है।

कब्ज की समस्या को नजरअंदाज न करें। इसे ठीक करने के लिए स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त पानी पिएं। स्वस्थ पेट, स्वस्थ जीवन का आधार है।

FAQ – constipation ayurvedic treatment in hindi

कब्ज क्यों होता है

कब्ज अक्सर गलत खान-पान और अस्वस्थ्य जीवनशैली के कारण होता है। कम पानी पीना, फाइबर की कमी और अधिक तला-भुना खाना इसका कारण बनता है। शारीरिक गतिविधि की कमी और तनाव भी कब्ज बढ़ा सकते हैं। समय पर टॉयलेट न जाना और कुछ दवाइयाँ भी कब्ज पैदा कर सकती हैं।

कब्ज को कैसे दूर करें

कब्ज को दूर करने के लिए खूब पानी पिएं। रेशेदार फल और सब्जियां खाएं। रोजाना व्यायाम करें। प्रतिदिन सही समय पर खाना खाएं, तला-भुना और मसालेदार खाना कम खाएं। तनाव कम करें और पूरी नींद लें। अगर कब्ज बना रहे तो त्रिफला चूर्ण या ईसबगोल लें। नियमित रूप से टॉयलेट भी जाएं।

कब्ज को इंग्लिश में क्या कहते हैं

कब्ज को इंग्लिश में “Constipation” कहते हैं। यह एक आम पाचन समस्या है। इसमें पेट ठीक से साफ नहीं होता। मल सख्त हो जाता है और निकालने में मुश्किल होती है। इसे ठीक करने के लिए ज्यादा पानी पिएं। फाइबर युक्त खाना खाएं और रोजाना हल्की एक्सरसाइज करें।

कब्ज को जड़ से खत्म कैसे करें

कब्ज को जड़ से खत्म करने के लिए रोजाना प्रयाप्त पानी पिएं और फाइबर युक्त आहार लें, जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज। नियमित व्यायाम करें और तनाव कम करें। आयुर्वेदिक दवाएं जैसे त्रिफला चूर्ण और इसबगोल का सेवन करें। रोजाना सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पिएं तथा नियमित टॉयलेट जाएं।

कब्ज में कौन सा फल खाएं

कब्ज में राहत पाने के लिए पपीता, सेब, नाशपाती और संतरा खाएं। ये फल फाइबर से भरपूर होते हैं और पाचन को सुधारते हैं। इनका नियमित सेवन से पेट को साफ रखने में मदद मिलती है।

कब्ज में क्या नहीं खाना चाहिए

कब्ज में तला-भुना और मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए। फास्ट फूड और जंक फूड से बचें। सफेद ब्रेड और मैदा से बने उत्पाद न खाएं। चाय, कॉफी और अल्कोहल का सेवन कम करें तथा मीठी चीजें और चॉकलेट भी न लें। दूध और डेयरी उत्पादों से बचें। इस तरह के भोजन से कब्ज बढ़ सकता है, इसलिए इन्हें अपनी डाइट से हटाएं।

कब्ज में कौन सी सब्जी खाएं

कब्ज में पालक, गाजर, बीन्स और ब्रोकली जैसी फाइबर युक्त सब्जियाँ खानी चाहिए। पालक का सूप या सलाद, गाजर का जूस या सब्जी या ब्रोकली को उबालकर या भाप में पका कर खाएं। फाइबर युक्त सब्जियाँ कब्ज में राहत देती हैं।

कब्ज में क्या खाना चाहिए

कब्ज में फाइबर युक्त खाना खाना चाहिए। ताजे फल, सब्जियां और शीघ्र पचने वाले अनाज को अपने आहार में शामिल करें। पपीता, अमरूद और संतरा जैसे फल पाचन में मदद करते हैं। हरी सब्जियां जैसे पालक और मेथी फायदेमंद होती हैं।

कब्ज में दूध पीना चाहिए कि नहीं

कब्ज में दूध पीना कुछ लोगों के लिए सही नहीं हो सकता। दूध में लैक्टोज होता है, जो पचाने में समस्या पैदा कर सकता है और कब्ज बढ़ा सकता है। फिर भी, व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर ही निर्णय लें।

कब्ज के लक्षण क्या है

कब्ज के लक्षणों में पेट में भारीपन, मल त्यागने में कठिनाई, पेट दर्द और सूजन शामिल हैं। आप महसूस कर सकते हैं कि आपका पेट साफ नहीं हो रहा है। कभी-कभी मल सख्त और सूखा हो जाता है, जिससे इसे निकालने में दिक्कत होती है। कब्ज होने पर आप थकान और भूख कम लगने जैसी समस्याएं भी महसूस कर सकते हैं।

अंतिम संदेश

constipation ayurvedic treatment in hindi के इस लेख में आपने जाना कब्ज क्या होता है? कब्ज होने के कारण, पेट में कब्ज के लक्षण तथा कब्ज का आयुर्वेदिक इलाज। इसके अलावा कब्ज से बचने के उपाय, कब्ज में आहार, कब्ज में परहेज, कब्ज से होने वाले नुकसान आदि के बारे में। अगर आप प्राकृतिक चिकित्सया की जानकारी पाने के लिए इच्छुक हैं तो आप हमारे ब्लॉग को subscribe करना न भूलें। constipation ayurvedic treatment in hindi के इस लेख को अंत तक पढ़ने के लिए आपका, धन्यवाद!

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नमस्कार दोस्तों, मैं इंडिया के सबसे बड़े लौहनगरी जमशेदपुर, झारखंड से हूँ। मैं इस ब्लॉग का लेखक और संस्थापक हूँ और इस ब्लॉग पर प्राकृतिक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य, जड़ी-बूटियों की जानकारी, प्राकृतिक उपचार, घरेलू उपचार से संबंधित जानकारी नियमित साझा करता रहता हूँ।

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