हाई बीपी की 14 आयुर्वेदिक उपाय| high bp ayurvedic treatment in hindi

High bp ayurvedic treatment in hindi के इस लेख में जानिए High blood pressure या उच्च रक्तचाप क्या होता है? साथ ही उच्च रक्तचाप के लक्षण, उच्च रक्तचाप का कारण तथा उच्च रक्तचाप के लिए आयुर्वेदिक दवा और उच्च रक्तचाप की रोकथाम, इसके अलावा उच्च रक्तचाप संतुलित आहार, उच्च रक्तचाप में परहेज, उच्च रक्तचाप का नुकसान आदि के बारे में सटीक और नई जानकारी। जानने के लिए हमारे साथ बने रहें।

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उच्च रक्तचाप क्या होता है – what is high blood pressure in hindi

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उच्च रक्तचाप, जिसे हाई ब्लड प्रेशर भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें धमनियों में खून का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है। यह दिल को अधिक मेहनत करने पर मजबूर करता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उच्च रक्तचाप का कोई विशेष लक्षण नहीं होता, इसलिए इसे “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है।

उच्च रक्तचाप के लक्षण – symptoms of high blood pressure in hindi

उच्च रक्तचाप के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:

  • सिरदर्द
  • चक्कर आना
  • थकान
  • छाती में दर्द
  • सांस लेने में तकलीफ
  • अनियमित दिल की धड़कन
  • नाक से खून आना
  • धुंधला दिखना
  • नींद में परेशानी
  • चिंता और घबराहट

उच्च रक्तचाप का कारण – reason of high blood pressure in hindi

उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:

  • अत्यधिक नमक का सेवन
  • मोटापा
  • धूम्रपान
  • शराब का सेवन
  • तनाव
  • व्यायाम की कमी या अधिक आराम करना
  • अनुवांशिक कारण
  • आयु ढलना
  • असंतुलित आहार
  • नींद की कमी यानि अनिद्रा

उच्च रक्तचाप के लिए आयुर्वेदिक दवा – high bp ayurvedic treatment in hindi

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने और लाभ के लिए निम्नलिखित आयुर्वेदिक दवा (जड़ी-बूटी) का उपयोग किया जा सकता है :

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उच्च रक्तचाप में आंवला के फायदे

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए आंवला फायदेमंद होता है। आंवले के विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने तथा उच्च रक्तचाप को कम करने का काम करते हैं। रोज सुबह खाली पेट 10-20 मिली आंवला जूस पीने से उच्च रक्तचाप व कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके अलावा आंवले के पाउडर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

उच्च रक्तचाप में शहद के फायदे

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए शहद एक प्रभावी उपाय हो सकता है। इसके लिए एक गिलास पानी में दो चम्मच शहद और आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर सेवन करें। यह मिश्रण ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। अगर आपको मधुमेह है, तो इस सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।

उच्च रक्तचाप में मेथी के फायदे

मेथी हाई ब्लड प्रेशर के लिए फायदेमंद है। इसके लिए एक चम्मच मेथीदाना चूर्ण सुबह और एक चम्मच रात को लें। इससे उच्च रक्तचाप और डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है। 15 दिन नियमित सेवन करने से इसका असर दिखने लगेगा। आप चाहें तो मेथीदाना चूर्ण में अजवाइन और पिसी हुई काली मिर्च भी मिला सकते हैं।

उच्च रक्तचाप में तरबूज बीज के फायदे

यदि आप ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो रोजाना भोजन के बाद 5 से 10 ग्राम तरबूज के बीज जरूर खाएं। एक अध्ययन में पाया गया है कि तरबूज के बीजों में लाइकोपीन होता है। यह कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा यह उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव डेमेज को भी रोकता है।

उच्च रक्तचाप में नारियल पानी के फायदे

उच्च रक्तचाप में नारियल पानी फायदेमंद है। नारियल पानी में पोटेशियम, मैग्नीशियम आदि होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह रक्त प्रवाह को सुधारने में मदद करता है। नारियल पानी पीने से तनाव कम होता है। यह दिल को स्वस्थ रखता है साथ ही रक्तचाप को नियंत्रित करता है। प्रतिदिन एक गिलास ताजे नारियल पानी का सेवन करें। इसे सुबह खाली पेट या भोजन के बाद पी सकते हैं।

उच्च रक्तचाप में अजवाइन के फायदे

उच्च रक्तचाप में अजवाइन के कई फायदे होते हैं। अजवाइन के औषधीय गुण रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है। अजवाइन तनाव को कम करती है। यह हृदय को भी स्वस्थ रखती है। रोजाना एक चम्मच अजवाइन का सेवन करें। इसे गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं। अजवाइन को चाय के साथ भी सेवन किया जा सकता है। बेहतर परिणाम के लिए नियमित सुबह खाली पेट सेवन करें।

उच्च रक्तचाप में नीम के पत्ते के फायदे

उच्च रक्तचाप में नीम के पत्तों के कई फायदे होते हैं। नीम के पत्ते में प्राकृतिक गुण होते हैं जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। ये पत्ते रक्त को साफ रखते हैं और रक्त प्रवाह को सुधारते हैं। नीम का नियमित सेवन हृदय को मजबूत बनाता है और तनाव को कम करता है। रोजाना सुबह खाली पेट 4-5 नीम के पत्ते चबाएं या नीम के पत्तों का रस निकालकर 1-2 चम्मच पिएं। नीम के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी को भी पी सकते हैं।

उच्च रक्तचाप में जटामांसी के फायदे

उच्च रक्तचाप में जटामांसी कई तरह से फायदेमंद हो सकते हैं। जटामांसी का सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह हृदय को भी मजबूत बनाती है और रक्त प्रवाह को सुधारती है। नियमित सेवन से उच्च रक्तचाप के लक्षणों में राहत मिलती है। रोजाना 500 मिलीग्राम जटामांसी पाउडर को पानी या दूध के साथ लें। इसे सुबह और शाम, दोनों समय लिया जा सकता है।

उच्च रक्तचाप में अश्वगंधा के फायदे

अश्वगंधा एक प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसमें तनाव दूर करने वाले गुण होते हैं। रक्तचाप बढ़ने का एक मुख्य कारण तनाव है। अगर आपको हाई बीपी की समस्या है, तो रोज रात को सोने से पहले एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर को दूध में मिलाकर सेवन करें।

उच्च रक्तचाप में हल्दी के फायदे

उच्च रक्तचाप में हल्दी के कई फायदे हैं। हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह धमनियों को स्वस्थ रखता है और रक्त प्रवाह को सुधारता है। हल्दी हृदय को मजबूत बनाती है और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करती है। नियमित सेवन से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। रोजाना आधा चम्मच हल्दी पाउडर दूध में मिलाकर पिएं। इसे खाने में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हल्दी को शहद के साथ भी लिया जा सकता है।

उच्च रक्तचाप में अर्जुन के छाल के फायदे

अर्जुन के पेड़ की छाल एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। अर्जुन का छाल हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। नियमित रूप से अर्जुन की चाय पीने से ब्लड वेसल्स में सही फ्लो बना रहता है। इससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है।

उच्च रक्तचाप में इलाइची के फायदे

उच्च रक्तचाप में इलायची के कई फायदे होते हैं। इलायची में मौजूद पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह रक्त वाहिकाओं की कार्यक्षमता को बढ़ाकर रक्त प्रवाह को सुधारती है। इलायची का सेवन हृदय को स्वस्थ रखता है और तनाव को कम करता है। इससे उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।रोजाना 2-3 इलायची खाएं। इलायची पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर या इसे चबाकर भी सेवन कर सकते हैं। यह उपाय सुबह खाली पेट करना अधिक फायदेमंद होता है।

उच्च रक्तचाप में जीरा के फायदे

उच्च रक्तचाप में जीरा बहुत फायदेमंद होता है। जीरा में पोटेशियम और मैग्नीशियम होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है। जीरा का सेवन पाचन को सुधारता है, सूजन को कम करता है। इससे हृदय स्वस्थ रहता है और रक्तचाप नियंत्रित रहता है। रोजाना एक चम्मच जीरा पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं। आप इसे सुबह खाली पेट ले सकते हैं। जीरा को खाने में मसाले के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

उच्च रक्तचाप में तुलसी के फायदे

तुलसी के पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में प्रभावी माने जाते हैं। इनमें पाया जाने वाला यूजेनॉल, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर की तरह काम करता है। यह हृदय और धमनियों की दीवारों पर कैल्शियम के जमने को रोकता है। इससे रक्त वाहिकाएं रिलैक्स होती हैं। तुलसी के पत्तों को चबाने या तुलसी की चाय पीने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

ध्यान दें:-

स्वस्थ्य जीवन शैली के लिए यह एक सामान्य जानकारी है इसे चिकित्सीय निर्देश या सलाह न समझें। आपका जीवन बहुमूल्य है, कृपया इसे व्यवहार में लाने से पहले डॉक्टर से उचित सलाह लेने की चेष्टा करें।

उच्च रक्तचाप की रोकथाम – high blood pressure prevention tips in hindi

उच्च रक्तचाप की रोकथाम के लिए निम्नलिखित उपाय किया जा सकता है:

  • फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं। नमक और वसा कम करें।
  • रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलें या योग करें।
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें।
  • ध्यान, प्राणायाम या गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।
  • रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें।
  • समय-समय पर ब्लड प्रेशर चेक कराएं।
  • नमक का सेवन कम करें और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • चाय और कॉफी की मात्रा कम रखें।

उच्च रक्तचाप संतुलित आहार – diet for high blood pressure in hindi

निम्नलिखित संतुलित आहार का सेवन कर उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है :

  • ताजे फल और हरी सब्जियां खाएं। ये विटामिन और मिनरल से भरपूर होते हैं।
  • जौ, ओट्स और ब्राउन राइस खाएं। इसमें फाइबर और पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होता है।
  • मूंग, चना और राजमा जैसी दालें खाएं। इसमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा में होता है।
  • बादाम, अखरोट और अलसी के बीज खाएं। इसका सेवन ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए किया जाता है।
  • कम फैट वाला दूध, दही और पनीर खाएं। इसका इस्तेमाल कैल्शियम और प्रोटीन के लिए किया जाता है।
  • सैल्मन और ट्यूना जैसी मछलियां खाएं। इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है।
  • कम नमक वाले खाद्य पदार्थ खाएं। नमक की अधिक मात्रा रक्तचाप को बढ़ाता है।
  • प्रयाप्त पानी पिएं। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और रक्तचाप नियंत्रित करता है।
  • जैतून का तेल इस्तेमाल करें। यह स्वस्थ वसा का स्रोत है।
  • मीठे और पैकेज्ड फूड से दूर रहें। यह रक्तचाप को बढ़ा सकता है।

उच्च रक्तचाप में परहेज – high blood pressure foods to avoid in hindi

उच्च रक्तचाप में परहेज करने के लिए निम्नलिखित चीजों से बचें:

  • नमक: नमक का अधिक सेवन रक्तचाप बढ़ाता है। खाने में कम नमक का प्रयोग करें।
  • तला-भुना खाना: तला-भुना और वसायुक्त खाना रक्तचाप को बढ़ा सकता है। ऐसे खाने से परहेज करें।
  • जंक फूड: जंक फूड में अधिक नमक और उच्च वसा होती है। यह उच्च रक्तचाप को बढ़ा सकता है।
  • प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में नमक और प्रिज़रवेटिव्स होते हैं। इन्हें खाने से बचें।
  • अधिक चीनी: अधिक चीनी का सेवन वजन बढ़ाता है, जो उच्च रक्तचाप को बढ़ा सकता है। मीठे खाद्य पदार्थ कम खाएं।
  • कैफीन: कैफीनयुक्त पेय पदार्थ जैसे चाय, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन कम करें।
  • शराब: शराब का सेवन रक्तचाप बढ़ा सकता है। इसे पूरी तरह से बंद कर दें।
  • धूम्रपान: धूम्रपान से रक्तचाप बढ़ता है और हृदय रोग का खतरा भी बढ़ता है। इसे छोड़ दें।

उच्च रक्तचाप का नुकसान – high bp side effects in hindi

उच्च रक्तचाप के निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं :

  • उच्च रक्तचाप के कारण दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है तथा इससे दिल का दौरा भी पड़ सकता है।
  • यह मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बाधित कर सकता है। इससे स्ट्रोक हो सकता है।
  • उच्च रक्तचाप से किडनी पर दबाव बढ़ता है। इससे किडनी फेल हो सकती है।
  • आंखों की छोटी रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। इससे दृष्टि कमजोर हो सकती है।
  • उच्च रक्तचाप से मस्तिष्क के हिस्सों को नुकसान पहुंच सकता है। इससे याददाश्त में कमी हो सकती है।
  • इसमें धमनियां कठोर हो जाती हैं तथा इससे रक्त प्रवाह में बाधाआ सकती है।
  • दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे दिल का आकार बढ़ सकता है।
  • उच्च रक्तचाप से मानसिक तनाव बढ़ सकता है। इससे घबराहट हो सकती है।
  • उच्च रक्तचाप से थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। शरीर हमेशा थका हुआ लगता है।
  • उच्च रक्तचाप से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। यह स्थिति गंभीर हो सकती है।

FAQ – High bp ayurvedic treatment in hindi

उच्च रक्तचाप क्या है

उच्च रक्तचाप को हाइपरटेंशन भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है। इससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यह दिल की बीमारियों तथा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

उच्च रक्तचाप के लक्षण क्या है

उच्च रक्तचाप के कई लक्षण हो सकते हैं। सिरदर्द, चक्कर आना और धुंधली दृष्टि इनमें आम हैं। साथ ही सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई आदि भी हो सकता है। थकान और नाक से खून आना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।

उच्च रक्तचाप में कौन सा अंग प्रभावित होता है

उच्च रक्तचाप में मुख्य रूप से हृदय प्रभावित होता है। इससे दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे दिल की मांसपेशियों पर दबाव बढ़ता है। इसके अलावा, उच्च रक्तचाप धमनियों, किडनी, मस्तिष्क और आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर में क्या खाना चाहिए

हाई ब्लड प्रेशर में ताजे फल और सब्जियां खानी चाहिए। मुख्य रूप से केला, पालक और ब्रोकली आदि। ओट्स और नट्स भी अच्छे हैं। वसा रहित दूध का सेवन करें। प्रयाप्त पानी पिएं और ग्रीन टी का इस्तेमाल करें। संतुलित आहार लें साथ ही नियमित व्यायाम करें।

हाई ब्लड प्रेशर में कौन सा नमक खाना चाहिए

हाई ब्लड प्रेशर में कम सोडियम वाला नमक, जैसे सेंधा नमक। यह नमक रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करता है। सेंधा नमक में खनिज होते हैं जो सेहत के लिए अच्छे होते हैं। कम सोडियम वाला नमक दिल के लिए बेहतर होता है। हमेशा संतुलित मात्रा में नमक का सेवन करें।

हाई ब्लड प्रेशर में कौन सा फल खाना चाहिए?

हाई ब्लड प्रेशर में केला खाना चाहिए। केले में पोटैशियम होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह दिल के लिए भी फायदेमंद होता है। रोजाना एक या दो केले खाने से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।

हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए?

हाई ब्लड प्रेशर में कुछ चीजें नहीं खानी चाहिए। नमक और नमकीन चीजें कम करें। तली हुई और जंक फूड से बचें। अधिक चीनी और मिठाई भी न लें। प्रोसेस्ड फूड, जैसे पैकेज्ड स्नैक्स और रेडी-टू-ईट मील से दूर रहें। अल्कोहल और कैफीन का सेवन भी सीमित करें।

हाई ब्लड प्रेशर क्यों होता है

हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप कई कारणों से हो सकता है। इनमें अनियमित खानपान, अधिक नमक का सेवन, तनाव, मोटापा, धूम्रपान और शराब का सेवन शामिल हैं। इसके अलावा, शारीरिक गतिविधि की कमी, अनुवांशिक कारण और उम्र बढ़ने से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इन सभी कारणों से दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है।

हाई ब्लड प्रेशर कैसे कम करें

हाई ब्लड प्रेशर कम करने के लिए नियमित व्यायाम करें। नमक का सेवन कम करें और ताजे फलों व सब्जियों का अधिक सेवन करें। धूम्रपान और शराब से बचें। तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान करें। रोजाना नीम या आंवला का सेवन करें। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करवाएं।

हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल कैसे करे

हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत नियंत्रित करने के लिए गहरी सांस लें। कुछ मिनट तक आराम करें। एक गिलास पानी पिएं। ताजे फल और सब्जियां खाएं। नमक का सेवन कम करें। लहसुन या तुलसी के पत्ते चबाएं। हर्बल चाय पीने से भी मदद मिल सकती है।

अंतिम संदेश

High bp ayurvedic treatment in hindi के इस लेख में आपने जाना High blood pressure या उच्च रक्तचाप क्या होता है? साथ ही उच्च रक्तचाप के लक्षण, उच्च रक्तचाप का कारण तथा उच्च रक्तचाप के लिए आयुर्वेदिक दवा और उच्च रक्तचाप की रोकथाम, इसके अलावा उच्च रक्तचाप संतुलित आहार, उच्च रक्तचाप में परहेज, उच्च रक्तचाप का नुकसान आदि के बारे में विस्तृत व अद्यतीत जानकारी। आगे भी इस तरह के जानकारी से जुड़े रहने के लिए इसे सबस्क्राइब करें। High bp ayurvedic treatment in hindi के इस लेख को अंत तक पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद!

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नमस्कार दोस्तों, मैं इंडिया के सबसे बड़े लौहनगरी जमशेदपुर, झारखंड से हूँ। मैं इस ब्लॉग का लेखक और संस्थापक हूँ और इस ब्लॉग पर प्राकृतिक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य, जड़ी-बूटियों की जानकारी, प्राकृतिक उपचार, घरेलू उपचार से संबंधित जानकारी नियमित साझा करता रहता हूँ।

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