Nagarmotha benefits in hindi के इस लेख में नागरमोथा के गुण, नागरमोथा के फायदे, नागरमोथा के औषधीय उपयोग तथा नागरमोथा के नुकसान को जानेंगे। इसके अलावा उपयोगी के उपयोगी भाग, नागरमोथा के विभिन्न नाम, नागरमोथा कितने प्रकार के होते हैं आदि को विस्तार से जानेंगे।
नागरमोथा क्या होता है – Nagarmotha in hindi

- नागरमोथा की पहचान और परिचय: Nagarmotha hindi में जानने के लिए अब आपकी इंतज़ार खत्म हो गई। नागरमोथा के पौधे कोमल, पतले, सुगंधित और घास के समान छोटे कमजोर होते हैं। इसका तना सीधा, त्रिकोणीय और शाखाहीन होता है। नीचे एक कंद होता है, जिससे प्रकंद उभरते हैं। ये गूदेदार सफेद होते हैं, लेकिन वृद्धि होने पर रेशेदार भूरे रंग के हो जाते हैं और पकने पर लकड़ी की तरह कठोर हो जाते हैं। इसका स्वाद तीखा और कड़वा होता है।
- नागरमोथा का वैज्ञानिक नाम (Nagarmotha scientific name in hindi) : साइपरस रोटंडस (Cyperus rotundus)
- परिवार (Nagarmotha family name in hindi) : साइपेरेसी (Cyperaceae)
नागरमोथा के अन्य नाम – Nagarmotha other names in hindi
Nagarmotha, हिन्दी के अलावा अन्य क्षेत्रो में अपने भाषा के हिसाब से अलग-अलग नामों से जाना जाता है। यहां हम नागरमोथा के अन्य भाषाओं में नामों की सूची प्रस्तुत कर रहे हैंः
- हिंदी – नागरमोथा
- अंग्रेजी (nagarmotha english name) – (Nutgrass) नटग्रास, अम्ब्रेला एज,
- उर्दू – नागरमोथा
- बंगाली – नागरमोथा
- तेलुगु – कोलतुंगामुस्ते, तुंगगाड्डालावेरू
- गुजराती – नागरमोथया
- संस्कृत – नागर मुस्तक
- कन्नड़ – नागरमुस्थे
- तमिल (nagarmotha tamil name) – कोरेइकिलान्गु
- मलयालम (nagarmotha malayalam name) – कोराकीजहान्ना
- मराठी – लवाला
- लैटिन (nagarmotha latin name in hindi) – Cyperus scariosus
नागरमोथा का उपयोग – Nagarmotha uses in hindi
नागरमोथा का उपयोग निम्नलिखित हैं जिसका आयुर्वेदिक उपचार तथा जड़ी-बूटी उपचार के लिए किया जाता है:
- नागरमोथा पाउडर का उपयोग कृमिनाशक, सूजनरोधी, ऐंठनरोधी, वातनाशक, त्वचा विकारों आदि के लिए उपयोग किया जाता है।
- नागरमोथा पाउडर में पचन यानी पाचन और दीपन (भूख बढ़ाने वाला) गुण होते हैं।
- यह त्वचा, बाल, पेट, जोड़ों, और गुर्दे संबंधी विकारों में फायदेमंद है।
- इससे मोटापा कम करने में भी सहायकता मिलती है।
- यह वात, पित्त और कफ दोषों को संतुलित करने में सक्रिय रूप से मदद करता है।
- इस तरह के दोषों के कारण होने वाली विभिन्न बीमारियों में भी लाभप्रद है।
- नागरमोथा का तेल त्वचा, बालों और जोड़ों पर लगाया जा सकता है।
- नागरमोथा तेल तनाव को दूर करने में मदद करता है।
- नागरमोथा में बालों के जड़ों को मजबूत करने के ओषधीय गुण मौजूद होता है इसके सेवन से बालों का झड़ना बंद होता है। नया बाल उगता है जिससे बाल घनें होते हैं।
नागरमोथा के फायदे – Nagarmotha benefits in hindi

Nagarmotha benefits in hindi के कुछ प्रभावी फायदों के बारे में जानेंगे जो ऊपर हमने वादा किया था:
त्वचा के लिए नागरमोथा के फायदे – Nagarmotha benefits for skin in hindi
नागरमोथा को त्वचा विकारों के लिए सबसे अच्छे आयुर्वेदिक उपचारों में से एक माना जाता है।
- इसका उपयोग एक्जिमा, जिल्द की सूजन, मुँहासे आदि त्वचा विकारों के इलाज में किया जाता है।
- यह एंटीफंगल एजेंट के रूप में कार्य करता है।
- यह त्वचा की एलर्जी और अतिसंवेदनशील त्वचा में मदद करता है।
- इसकी एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि के कारण नुकसान को रोकता है और एंटी-एजिंग एजेंट के रूप में कार्य करता है।
- नागरमोथा पाउडर खुजली और सूजन को कम करने में मदद करता है और रक्तस्राव को भी रोकता है।
- नागरमोथा के उपयोग से त्वचा के रंग में निखार आता है।
- चेहरे या त्वचा में काले धब्बे होने पर नागरमोथा के कच्चे कंदों को पीसकर लेप लगाएं।
उपयोग विधि: एक चम्मच इससे भी कम नागरमोथा पाउडर लें और उसमें गुलाब जल या नारियल का तेल मिलाकर पेस्ट बना लें। त्वचा पर लगाएं और 2 से 4 घंटे के लिए छोड़ दें। पानी से साफ करें। लक्षण ठीक होने तक इसे दोहराएँ।
बालों के लिए nagarmotha लाभ – Nagarmotha benefits for hair in hindi
नागरमोथा पाउडर बालों की समस्याओं में, जैसे:-
- रूसी और रूसी के कारण बालों के झड़ने के इलाज में प्रभावी है।
- पित्त और कफ दोषों को संतुलित करता है, जो रूसी और शुष्क खोपड़ी की समस्याओं को ठीक करता है।
- बालों के झड़ने को नियंत्रित करता है।
- एंटीफंगल और जीवाणुरोधी गुणों से खोपड़ी के दाद और सोरायसिस का इलाज करता है।
- जूँ के संक्रमण से छुटकारा पाने में मदद करता है।
- दोमुंहे बालों को ठीक करता है।
- बालों को चिकना और चमकदार बनाने में मदद करता है।
उपयोग विधि: एक से दो चम्मच नागरमोथा पाउडर को नारियल तेल के साथ मिलाकर पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को स्कैल्प और बालों पर लगाएं। इसे 2 से 4 घंटे तक रखें। उपचार को हर्बल शैंपू से धो सकते हैं। नियमित उपयोग से लाभ होगा।
आँखों के लिए नागरमोथा के फायदे – Nagarmotha benefits for eyes in hindi
नागरमोथा को आँखों के रोग में प्रभावी पाया गया है। नागरमोथा कंद का काढ़ा बना लें तथा इसे ठंडा होने दें। इस ठंडे काढ़े से आँखों को धोने से आँख के रोग दूर हो जाती है। आँखों में जलन होने, आँखेँ लाल होने पर , कालापन हो या रात में दिखाई कम दें तो नागरमोथा के कंद को घिसकर बकरी के दूध में मिलाकर पेस्ट बना लें इसे आँखों में काजल की तरह लगा लें।
पेट के लिए नागरमोथा के फायदे – Nagarmotha benefits for stomach problems in hindi
- नागरमोथा चूर्ण गैस और अपच के कारण होने वाले पेट दर्द से राहत दिलाता है।
- इसमें दीपन (भूख बढ़ाने वाला) और पचन (पाचन) गुण होते हैं, जो पाचन अग्नि (अग्नि) को प्रज्वलित करते हैं और पाचन में सुधार करते हैं।
- नागरमोथा चूर्ण दस्त का निवारण करता है।
- नागरमोथा की जड़ का काढ़ा बनाकर 10-30 मि.ली. मात्रा में पिलाने से पाचनक्रिया तेज होती है।
- 5-10 ग्राम नागरमोथा चूर्ण का सेवन करने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं।
- नागरमोथा, सोंठ तथा अतीस से बने काढ़े का सेवन करने से अनपच की समस्या ठीक होती है।
- नागरमोथा, अतीस, हरड़ अथवा सोंठ चूर्ण को गर्म पानी के साथ सेवन करने से अपच समस्या ठीक होती है।
- नागरमोथा के काढ़े का सेवन सुबह, दोपहर और शाम को अनपच के कारण होने वाली दस्त की समस्या ठीक होती है।
- नागरमोथा का काढ़ा बनाकर सुबह और शाम भोजन से 1 घण्टा पहले पीने से बुखार और बुखार के कारण भूख न लगने की परेशानी ठीक होती है।
- अदरक और नागरमोथा को पीसकर मधु के साथ सेवन करने से अनपच के कारण होने वाले दस्त में लाभ होता है।
- बराबर मात्रा में सुंधबाला, नागरमोथा, बेल, सोंठ और धनिया से बने काढ़े का सेवन करने से दस्त में लाभ होता है।
- नागरमोथा की जड़ का काढ़ा बनाकर पेट की पाचनक्रिया तेज होती है।
उपयोग विधि: अगर आपको पेट दर्द, दस्त या अपच हो रहा हो तो आधा से एक चम्मच नागरमोथा पाउडर लें और इसे भोजन के बाद दिन में दो बार हल्का गर्म पानी के साथ सेवन करें।
जोड़ों के दर्द में नागरमोथा – Nagarmotha benefits for arthritis in hindi
नागरमोथा पाउडर गठिया और आमवाती जोड़ों के दर्द में राहत देता है, और जोड़ों की सूजन और कठोरता से भी राहत देता है।
- पिप्पली मूल, अकरकरा, नागरमोथा, अजगंध, वच, पीपर और काली मिर्च को बराबर मात्रा में लें।
- सोंठ और गुड़ को मिलाकर 2.5 ग्राम की गोली बनाएं और सुबह और शाम एक-एक गोली सेवन करें।
- नागरमोथा, हल्दी और आंवला को काढ़ा बनाकर ठंडा होने दें तथा इसे मधु के साथ सेवन करने से गठिया रोग में लाभ होता है।
उपयोग विधि: दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए नागरमोथा पाउडर को सरसों के तेल में मिलाकर जोड़ों पर लगाया जा सकता है। इससे सन्धिवात (गठिया), जोड़ों का दर्द (ग्रन्थिवात) और वात दोष से होने वाले अन्य रोग ठीक हो सकते हैं।
बुखार में नागरमोथा के फायदे – Nagarmotha benefits for fever in hindi
नागरमोथा के सेवन से बुखार में फायदेमंद होता है और इसके साथ अन्य जड़ी-बूटियों का संयोजन भी फायदेमंद हो सकता है। यह काढ़ा बनाने और उसकी मात्रा के विशेष तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।
- बुखार में लाभ होता है।
- पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
- ठंड लगने वाले बुखार में भी लाभकारी हो सकता है।
- कफ, वात, अपच, पित्तज बुखार में राहत प्रदान कर सकता है।
- वातज-बुखार और पित्तज-बुखार में भी फायदेमंद होता है।
- कफ-पित्तज बुखार में भी लाभ हो सकता है।
उपयोग विधि: आधा चम्मच या उससे कम नागरमोथा पाउडर लें और 1 से 2 कप पानी में तब तक उबालें जब तक इसकी मात्रा आधी न हो जाए। बुखार को नियंत्रित करने के लिए दिन में 2 से 3 बार सेवन करें।
नागरमोथा से दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए
आयुर्वेद में नागरमोथा का उपयोग दूध के उत्पादन में सुधार के लिए किया जाता है।
- स्तनपान के दौरान दूध की कमी से परेशान धात्री माताओं के लिए नागरमोथा को जल में उबालकर पिलाने से उनके दूध की वृद्धि हो सकती है।
- नागरमोथा को ताजे रूप में पीसकर माता के स्तनों पर लेप करने से भी दूध की वृद्धि होती है।
सावधानियां और सुझाव: नागरमोथा का उपयोग स्तनपान को सुविधाजनक बनाने और दूध की वृद्धि के लिए एक सुरक्षित विधि है, लेकिन इसे सेवन करने से पहले आपको एक विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
मूत्र विकारों में नागरमोथा के फायदे – Nagarmotha benefits for urine infection in hindi
नागरमोथा को मूत्र विकारों में एक अच्छा उपाय कहा जा सकता है। नागरमोथा में मूत्रवर्धक गुण होते हैं और इसमे पेशाब के दौरान होने वाले जलन को कम करने की औषधीय गुण पाया जाता है।
- मूत्र त्यागने के दौरान होने वाली जलन को कम करता है।
- शरीर की ऊर्जा स्तर बढ़ाने में मदद करता है।
- गुर्दे की पथरी को ठीक करने में सहायक होता है।
- गुर्दे में जमा हुए खनिजों को घोलकर उन्हें पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर निकालने में मदद कर सकता है।
- गुर्दे के स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक हो सकता है।
उपयोग विधि: आधा चम्मच या इससे भी कम नागरमोथा पाउडर को शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार भोजन के बाद पानी के साथ सेवन करें।
बिच्छू काटने पर नागरमोथा के फायदे – Nagarmotha benefits for scorpion bite in hindi
- नागरमोथा का प्रयोग बिच्छू डंक के जहर को उतारने के लिए किया जा सकता है।
- नागरमोथा कंद को पीसकर बिच्छू या अन्य कीड़े-मकौड़ों के काटने वाले स्थान पर लेप के रूप में लगाने से बिच्छू के डंक से होने वाला दर्द ठीक होता है।
- इससे देवदारु, सरसों तथा नागरमोथा के समान भाग चूर्ण को मक्खन में मिलाकर लेप करने से भिलावे का विष उतर जाता है।
नागरमोथा के इस उपयोग से शरीर को जहर के प्रभाव से बचाने में मदद मिलती है और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में सहायक होता है।
मोटापा कम करने में नागरमोथा के फायदे – Nagarmotha benefits for weight loss in hindi
मोटापा घटाने के लिए नागरमोथा का इस्तेमाल करना एक अच्छा विकल्प कहा जा सकत है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:
- आधा चम्मच या इससे भी कम नागरमोथा चूर्ण को खाने के बाद दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए।
- यह पाचन सिस्टम को सुधारता है और भोजन का अवशोषण अच्छे से होता है।
- इससे शरीर में जमी हुई अतिरिक्त वसा कम होती है और आपके शरीर में अमा की मात्रा भी कम हो सकती है।
ध्यान दें:
नागरमोथा के उपयोग की मात्रा को ध्यान में रख कर करना चाहिए इसकी अधिक मात्रा में सेवन करने से रक्त विकार जैसे समस्या पैदा हो सकते हैं। नागरमोथा का सेवन अधिक मात्रा में करने से यह कंठ और फेफड़ों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है इसलिए इसकी उचित मात्रा ही सेवन करनी है।
नागरमोथा के उपयोगी के उपयोगी भाग – Nagarmotha benefits in hindi
ऐसे तो नागरमोथा के कण-कण औषधीय गुणों से परिपूर्ण हैं परंतु अभी तक तना और जड़ को ही दवाई के रूप में उपयोग में लाया जाता है।
- नागरमोथा जड़ (Nagarmotha roots)
- नागरमोथा का तना या राइजोम
बाजार में नागरमोथा किस रूप में उपलब्ध है – Nagarmotha benefits in hindi
नागरमोथा बाजार में निम्नलिखित रूप में उपलब्ध है:
- नागरमोथा का तेल (Nagarmotha oil )
- नागरमोथा टैबलेट (Nagarmotha tablets)
- नागरमोथा पाउडर (Nagarmotha churna)
- नागरमोथा कैप्सूल (Nagarmotha capsule)
पोषक तत्वों का वर्गीकरण – Nagarmotha nutritional value in hindi
नागरमोथा प्रोटीन, कैल्शियम, वसा, प्रोटीन, तांबा, जिंक, पोटेशियम जैसे औषधीय गुणों से भरपूर होता है। नागरमोथा में प्रचुर मात्रा में फाइटोकेमिकलस् भी पाया जाता है। जो नागरमोथा के औषधीय गुणों के प्रमुख कारण है।
नागरमोथा के अन्य दवाइयों के साथ प्रतिक्रिया – Nagarmotha interaction in hindi
नागरमोथा कुछ एलोपैथी दवाओं के साथ मिलकर प्रतिक्रिया कर सकती हैं जिससे कुछ दवाओं का प्रभाव शरीर पर कम या ज्यादा हो सकता है। इसलिए इस दौरान नागरमोथा का सेवन करने से बचें या डॉक्टर से सलाह लें। इन स्तिथियों में नागरमोथा न लें:
- नागरमोथा का सेवन रक्त को पतला करने वाली दवाओं के साथ न करें, इससे खून जरूरत से ज्यादा पतला होता है जिससे रक्त के थक्के को धीमा कर देती है और रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है।
- नागरमोथा को मधुमेह की दवाइयों के साथ सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि इन दोनों के साथ में इस्तेमाल शुगर लेवल को जरूरत से ज्यादा कम कर सकता है जो रोगी के लिए घातक साबित हो सकती है।
- नागरमोथा का प्रभाव सीधा हृदय और दिमांग पर पड़ता है, इसलिए हृदय और दिमांग से संबंधित रोगी नागरमोथा का इस्तेमाल न करें।
नागरमोथा के नुकसान – Nagarmotha side effects in hindi
नागरमोथा का सेवन सीमित समय के लिए, निर्धारित मात्रा में ही करें। ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने से निम्नलिखित नुकसान हो सकता है:
- नागरमोथा के अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में सीने में जलन, दस्त लगना, एलर्जी, उल्टी, जी मिचलाना, पेट में दर्द या पेट की अनेक परिशनियाँ पैदा कर सकती है।
- नागरमोथा में खून को पतला करने वाला गुण पाया जाता है। इसके सेवन से शरीर मे रक्त के थक्के बनने नहीं देता, अधिक मात्रा में सेवन करने से रक्त ज्यादा पतला हो सकता है और रक्तस्राव हो सकता है।
- नागरमोथा का सेवन मधुमेह की रोगीयों के लिए भी खतरा हो सकता है इसलिए इसे लेने के दौरान नियमित रक्त शर्करा के स्तर की जांच कराते रहें।
FAQ: Nagarmotha benefits in hindi
क्या नागरमोथा का सेवन गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान किया जा सकता है?
गर्भावस्था और स्तनपान अवधि के दौरान, नागरमोथा का सेवन करने से पहले विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। क्योंकि कुछ अध्ययनों से पता चला है, गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान नागरमोथा का सेवन करने से नुकसान हो सकता है, इसलिए सुरक्षित रूप से इसका सेवन करने के लिए चिकित्सकीय सलाह अनिवार्य है।
नागरमोथा की तासीर कैसी होती है?
नागरमोथा की तासीर शीतल यानि ठंडी होती है। अतः रक्तचाप वाले मरीजों को इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श कर लेनी चाहिए।
नागरमोथा किस रूप में उपलब्ध है?
बाजार में नागरमोथा निम्नलिखित रूप में उपलब्ध है: नागरमोथा पाउडर, नागरमोथा टैबलेट, नागरमोथा कैप्सूल, नागरमोथा का तेल इत्यादि।
नागरमोथा क्या होता है?
नागरमोथा एक खरपतवार रूपी घास है जिसके जड़ में कंद होता है तथा कंद में प्रकंद जुड़े होते हैं। यह बिना शाखा वाली घास है इसके पत्ते पतले लंबे तथा कमजोर होता है। इसका तिक्त सुगंध होता है। इसके कंद में काफी असरदार गुण होता है जो दवाई के रूप में उपयोग किया जाता है। यह पाचन, दीपन पेट रोग, जोड़ों के दर्द, त्वचा रोग, आँखों के रोग, मूत्र रोग इत्यादि के लिए प्रयोग किया जाता है।
नागरमोथा का उपयोग क्या है
नागरमोथा के सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं और बुखार के इलाज में भी मदद करता है। इसके तेल का उपयोग त्वचा और बालों से संबंधित समस्याओं को दूर करने में किया जाता है। इसके पाउडर और काढ़े से दर्द और सूजन से राहत मिल सकती है। इसके गुणों के कारण इसे वायरल संक्रमण को रोकने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। नागरमोथा एक सुरक्षित और प्राकृतिक उपाय है जो विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकता है।
नागरमोथा कितने प्रकार के होते हैं
नागरमोथा मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं: (1.) नागरमोथा (2.) मोथा (3.) केवटीमोथा
नागरमोथा कहाँ मिलता है
नागरमोथा प्रायः तालाबों और नदियों के किनारे नमीदार भूमि में पाया जाता है। जुलाई में इसका पौधा खिलता है और दिसंबर में फल (कंद) देता है।
अंतिम संदेश
Nagarmotha benefits in hindi के इस लेख में आपने जाना नागरमोथा क्या होता है? इनके गुण क्या है? उपयोग, फायदे तथा इनके सेवन के संभावित नुकसान क्या-क्या है? इस लेख में नागरमोथा से संबंधित बेहतर जानकारी देने की कोशिश की गई है, आशा है आपको पसंद आ गए होंगे। Nagarmotha benefits in hindi के इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका, धन्यवाद!