पेप्टिक अल्सर रोकने के 10 प्राकृतिक उपाय | peptic ulcer treatment in ayurveda in hindi

peptic ulcer treatment in ayurveda in hindi के इस आर्टिकल में जानिए पेप्टिक अल्सर क्या है ? पेप्टिक अल्सर के कारण, पेट में अल्सर होने के लक्षण, अल्सर का आयुर्वेदिक इलाज, अल्सर में क्या खाना चाहिए, अल्सर में परहेज तथा अल्सर के गंभीर नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं?

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पेप्टिक अल्सर क्या होता है – what is peptic ulcer in hindi

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अल्सर इन हिन्दी: पेट में अल्सर या पेप्टिक अल्सर जिसे गैस्ट्रिक अल्सर (gastric ulcer in hindi) भी कहा जाता है, आमतौर पर आमाशय या छोटी आंत के ऊपरी हिस्से में होता है। यह विकार तब होता है जब खाना पचाने वाला अम्ल आंत की भीतरी झिल्ली को नुकसान पहुंचाने लगता है। हमारे पेट में एक म्यूकस की चिकनी परत होती है, जो पेट की भीतरी परत को पेप्सिन और हाइड्रोक्लोरिक एसिड से बचाती है। ये दोनों एसिड पाचन क्रिया के लिए जरूरी होते हैं, लेकिन ये शरीर के ऊत्तकों को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। यह अल्सर उत्पन्न होता है जब एसिड और म्यूकस झिल्ली के बीच का संतुलन विकृत हो जाता है।

पेप्टिक अल्सर के कारण – peptic ulcer causes in hindi

पेप्टिक अल्सर के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (H Pylori) संक्रमण: यह बैक्टीरिया पेट के ऊपरी भाग में विकसित होता है और पेप्टिक अल्सर के उत्पन्न होने का प्रमुख कारण माना जाता है।
  • नियमित दवाओं का सेवन: लंबे समय तक नॉनस्टेरॉयडल एंटी-इन्फ्लैमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) या अधिक शक्तिशाली पेन किलर्स का उपयोग करने से पेप्टिक अल्सर हो सकता है।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन: धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन पेट की सुरक्षा पर बुरा प्रभाव डाल सकता है और पेप्टिक अल्सर को बढ़ावा दे सकता है।
  • तनाव या स्ट्रेस: अत्यधिक तनाव और स्ट्रेस भी पेट के अल्सर का कारण बन सकता है।
  • अन्य चिकित्सा अवसाद: कुछ चिकित्सा अवसाद जैसे कि कॉर्टिकोस्टेरॉयड्स और बिस्फोस्फोनेट्स भी पेप्टिक अल्सर के उत्पन्न होने का कारण बन सकते हैं।

पेट के अल्सर के लक्षण – peptic ulcer symptoms in hindi

पेट में अल्सर के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • पेट दर्द: जब किसी व्यक्ति को अल्सर रोग हो जाता है, तो उन्हें पेट में जलन और पेट दर्द की समस्या होती है। पेट के ऊपरी भाग में या नाभि के नीचे दर्द का अनुभव हो सकता है, जो अक्सर रात को अधिक तेज होता है।
  • पेट में जलन: पेट में जलन का अनुभव हो सकता है, विशेषकर भूखे पेट के समय या पेट भरने के बाद।
  • उबकाई और एसिडिटी: भोजन का स्वाद अच्छा नहीं लगता और कब्ज की समस्या हो सकती है। उबकाई या एसिडिटी की समस्या हो सकती है, जिससे आपका खाना या पेट में जलन की स्थिति बढ़ सकती है।
  • खाली पेट में भी डकार या खट्टी डकार आ सकती है और उल्टी हो सकती है।
  • पेट भारीपन लगना: भारीपन और भरीपन की भावना हो सकती है, जैसे कि आपका पेट भर गया हो।
  • पेट में सूजन: पेट में सूजन या फूलने की अनुभव हो सकती है।
  • उल्टी: उल्टी की अक्सर समस्या हो सकती है, विशेषकर भोजन के बाद या जल्दी खाने के बाद।
  • खून की उल्टी: अल्सर के संबंध में खून की उल्टी हो सकती है, जो गंभीर समस्या होती है।
  • गुदा द्वार से खून आना: कई बार दस्त के साथ खून भी आ सकता है।
  • इसके साथ ही बेचैनी और कमजोरी भी महसूस हो सकता है।

यदि आपको इनमें से कोई भी गंभीर लक्षण अनुभव हो रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना सुरक्षित होगा।

पेट के अल्सर का आयुर्वेदिक इलाज – peptic ulcer treatment in ayurveda in hindi

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अल्सर की दवा हालांकि यह प्राकृतिक घरेलू उपचार है इसे अल्सर में दो तरह से फायदा पहुंचा सकता है। पहला यह पेप्टिक अल्सर को रोकती है, दूसरा यह अल्सर के लक्षणों को कम करती है। निम्नलिखित है जो पेप्टिक अल्सर में प्रभावी पाया गया है:

अल्सर में अनार के फायदे

पेप्टिक अल्सर में अनार खाना फायदेमंद हो सकता है। अनार में विटामिन सी तथा अन्य पोषक तत्व होते हैं। इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स गुण होता है। अनार का नियमित सेवन जठराग्नि को बढ़ावा देता है और पाचन क्रिया को सुधारता है। अल्सर में अनार का सेवन करने के लिए, प्रतिदिन एक अनार का जूस पीना या कच्चा अनार खाना फायदेमंद हो सकता है। इससे अल्सर के लक्षणों में कमी आ सकती है।

पेप्टिक अल्सर में आंवले के फायदे

पेप्टिक अल्सर के लिए आंवला एक प्राकृतिक उपाय है जो इस समस्या में सहायक बन सकता है। आंवला में विटामिन C की अच्छी मात्रा होती है, जो पेट की लाइनिंग को मजबूत बनाता है और अल्सर के लक्षणों को कम करता है। इसके लिए आंवले का जूस या कच्चा आंवला या सुखे आंवला उपयोग किया जा सकता है। आमतौर पर दिन में 1-2 आंवले खाए जा सकते हैं या उनका रस पिया जा सकता है।

पेप्टिक अल्सर में पान के फायदे

पान पत्ते में अनेक औषधीय गुण होते हैं, जो पेप्टिक अल्सर के इलाज में मदद कर सकते हैं। इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स, एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेट्री प्रॉपर्टीज़ होती हैं, जो पेट की सूजन को कम करने और पेट की अन्य समस्याओं को ठीक करने में मदद करती हैं। प्रतिदिन सुबह एक पान पत्ते को सादा चबा कर खायें या फिर इसका रस निकालकर पिया जा सकता है।

पेप्टिक अल्सर में मुलेठी के फायदे

घी को मुलेठी और हल्दी के चूर्ण के साथ पानी में उबालकर ठंडा करके पेट पर लगाने से अल्सर रोग में राहत मिलती है। यह घरेलू उपाय अल्सर के लक्षणों को कम करने में मदद करता है और पेट की सूजन को कम करता है। इसके लिए, आपको एक पात्र में पानी में हल्दी और मुलेठी का चूर्ण मिलाकर उबालना है। इसे नियमित रूप से लगाने से अल्सर के लक्षणों में राहत मिल सकती है।

पेप्टिक अल्सर में सौंफ के फायदे

पेप्टिक अल्सर पाचन तंत्र को प्रभावित करती है। सौंफ पेप्टिक अल्सर के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। सौंफ में मौजूद पोषक तत्व पेप्टिक अल्सर की स्थिति को सुधारने में मदद कर सकते हैं। इसमें फाइबर, विटामिन C और फोलेटिक एसिड शामिल होते हैं। इसके लिए खाना खाने के बाद चुटकी भर सौंफ मिश्री के साथ सेवन करें।

पेप्टिक अल्सर में मेथी के फायदे

मेथी के जेल में फ्लेवोनोइड्स और पॉलीसेकेराइड की मौजूदगी के कारण, यह पेट को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है और गैस्ट्रिक घावों से बचाव कर सकता है। इसके अतिरिक्त, मेथी की एंटी-स्रावी गतिविधि भी होती है जो अल्सर के खिलाफ सुरक्षा कार्य कर सकती है। मेथी का सेवन दिन में 1-2 चम्मच की मात्रा को भोजन के साथ या खाली पेट ले सकते हैं।

पेप्टिक अल्सर में सहजन के फायदे

सहजन एक प्राकृतिक उपाय है जो इस समस्या के इलाज में मदद कर सकता है। सहजन में घाव को ठीक करने वाली गुण होती है, जो अल्सर के उपचार में सहायक हो सकते हैं। सहजन का सेवन करने का सरल तरीका है, इसके लिए सहजन के पत्तियों के काढ़े बनाकर खाली पेट सेवन करें।

पेप्टिक अल्सर में गाजर के फायदे

गाजर में मौजूद गुण पेप्टिक अल्सर को प्रभावी ढंग से ठीक करने में सहायक होते हैं। गाजर का अर्क पेप्टिक अल्सर से बचाने में मददगार होता है। गाजर में मौजूद विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर पेट की स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। इसके विशेष गुण गाजर को पेट की सूजन को कम करने और अल्सर के लक्षणों को शांत करने में सक्षम बनाते हैं।

पेप्टिक अल्सर में बादाम के फायदे

बादाम में मौजूद पोषक तत्व प्रोटीन, विटामिन E, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स पेप्टिक अल्सर के इलाज में मदद कर सकता है। बादाम पेट की जलन को कम करके उल्टी, जलन और दर्द को कम कर सकता है। यह पाचन को सुधारता है और पेट की लाइनिंग को फिर से बनाने में मदद करता है। बादाम को पीसकर एक गिलास दूध में उबालें, फिर उसे ठंडा करें और पिएं। यह उपाय पेट में अल्सर की समस्या से राहत दिला सकता है।

पेप्टिक अल्सर में केला के फायदे

केले के फूल के सेवन का आयुर्वेदिक उपयोग है, विशेषकर पेट संबंधित समस्याओं के इलाज में। इसमें अल्सर, अपच, कब्ज जैसी समस्याओं को नियंत्रित करने की क्षमता होती है। केले के फूल में मेडिकल प्रोपर्टीज होती हैं जो पेट की समस्याओं को ठीक करने में मदद करती हैं। यह एक प्राकृतिक औषधि होती है जो गैस्ट्रिक फंक्शन को सुधारती है और पाचन को बेहतर बनाती है। इसे सब्जी के रूप में सेवन किया जा सकता है, जो पेट संबंधित बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

पेप्टिक अल्सर में नींबू के फायदे

नींबू का उपयोग करके गैस्ट्रिक अल्सर का इलाज किया जा सकता है। आप एक आधा कप ठंडे दूध में आधा नींबू का रस मिला कर पी सकते हैं। यह पीने से पेट को आराम मिलता है और दर्द में राहत मिलती है। नींबू में विटामिन सी होता है जो पेट को शांति देता है और अल्सर के लक्षणों को कम कर सकता है। ठंडे दूध में मिलाया नींबू पीने से पेट की जलन और गैस्ट्रिक अल्सर के दर्द में आराम मिल सकता है।

पेप्टिक अल्सर में मुनक्का के फायदे

मुनक्का एक प्राकृतिक उपचार है जो इस समस्या का सामना करने में मदद कर सकता है। मुनक्का उच्च पोटेशियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो पेप्टिक अल्सर के इलाज में लाभदायक है। इसके लिए रात को 4-5 मुनक्के को पानी में भिगा दें। सुबह इन्हें दो छोटी हरड़ और मुनक्के को पीसकर सुबह खाली पेट सेवन करें। इस मिश्रण को सेवन करने से अल्सर के जलन और उल्टी जैसे लक्षणों में राहत मिलती है। यह प्राकृतिक उपाय है जो पेट की समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है।

अल्सर में किशमिश के फायदे

किशमिश में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं, जो अल्सर के इलाज में मदद कर सकते हैं। यह पेट के जलन और दर्द को कम करने में सहायक होता है। काली किशमिश में मौजूद ठंडक और अल्कलाइन गुण इन सभी समस्याओं को राहत प्रदान कर सकता है। इसके लिए किशमिश को पानी में भिगोकर सुबह-शाम सेवन करें। प्रतिदिन 10-12 किशमिश सेवन किया जा सकता है।

अल्सर में एलोवेरा के फायदे

शोधकर्ताओं के अनुसार, एलोवेरा में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो पेट के अल्सर के संक्रमण को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह गुण एच पाइलोरी बैक्टीरिया के साथ लड़ने में मदद करते हैं जो पेट की अंदरूनी दीवार को नुकसान पहुंचाता है और अल्सर का कारण बनता है। एलोवेरा का उपयोग अल्सर के इलाज में एक प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प के रूप में किया जा सकता है।

ध्यान दें:-

पेप्टिक अल्सर एक जिद्दी घाव होता है, जो आसानी से ठीक होने का नाम ही नहीं लेता। दवाई का सेवन करने के दौरान इसका कोर्स कम्प्लीट करना बहुत जरूरी होता है। आधा-अधूरा दवाई खाने के बीच में छोड़ना प्रभावित रोगी के लिए गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। पहले से स्तिथि गंभीर हो सकती है इसलिए इसका उपचार योग्य डॉक्टर या वैध की देख-रेख में ही करें।

पेप्टिक अल्सर में क्या खाना चाहिए

पेप्टिक अल्सर में निम्नलिखित आहार लिया जा सकता है: सेहतमंद और संतुलित आहार लेना चाहिए, जिसमें प्रोटीन, फल, सब्जियाँ और अन्य आवश्यक पोषक तत्व शामिल हों। अल्सर होने के दौरान, आपको दूध, सब्जी का सूप, मसाले वाला कस्टर्ड, और दलिया खाना चाहिए। रेशेदार आहार खाने से आपको अल्सर से होने वाली पेट की जलन में राहत मिल सकती है।

अल्सर में परहेज – precautions in peptic ulcers in hindi

अल्सर में परहेज करना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि स्थिति में सुधार हो सके और इलाज को सहायक बनाया जा सके। निम्नलिखित बातों का पालन करके अल्सर के मरीज़ अपनी स्थिति को बेहतर बना सकते हैं:

  • अल्सर में ज्यादा मीठे और खट्टे खाने नहीं खाने चाहिए। इसमें अन्नानास, संतरा, अमरूद और टमाटर खाना भी नुकसानदायक हो सकता है।
  • चाय, कॉफी, शराब और सिगरेट जैसे नशीले पदार्थों से दूर रहें।
  • खाने की आदतें: मसालेदार, तली हुई और तीखी चीजों से बचाना चाहिए। शरीर पर तेजी से प्रभाव करने वाले पदार्थों, तम्बाकू और अल्कोहल से भी दूर रहना चाहिए।
  • समय से लेना: भोजन नियमित सही समय पर खाना चाहिए। भूख नहीं लगने पर छोटे-छोटे पारियों में खाना लेना चाहिए।
  • खाना खाने के बाद: खाने के बाद लेटना या झुककर नहीं सोना चाहिए। भोजन के बाद ठंडे पानी की बजाय गर्म पानी पीना चाहिए।

यह सभी परहेज अल्सर के मरीज़ को उनके शारीरिक स्थिति को सुधारने में मदद कर सकते हैं।

FAQ – peptic ulcer treatment in ayurveda in hindi

पेट में अल्सर क्यों होता है

पेप्टिक अल्सर अन्य कारणों के साथ खानपान की गलत आदतों के कारण भी हो सकता है। चाय, कॉफी, सिगरेट और शराब का अत्यधिक सेवन अल्सर का कारण बन सकता है। खट्टे, मसालेदार, और गरम चीजों का अधिक सेवन भी इसे बढ़ावा देता है। तनाव, जलन, गुस्सा, थकान, और मानसिक तनाव भी अल्सर के लिए खतरनाक हो सकते हैं।

अल्सर कितने दिन में ठीक होता है

अल्सर के उपचार की अवधि व्यक्ति के शारीरिक स्थिति और उपचार की प्रभावकारिता पर निर्भर करती है। सामान्यतः, अल्सर के ठीक होने में 4 से 8 हफ्ते लग सकते हैं, लेकिन यह अलग-अलग हो सकता है। अल्सर के इलाज के दौरान डॉक्टर की सलाह का पालन करें।

गैस्ट्रिक अल्सर कितने दिन में ठीक होता है

गैस्ट्रिक अल्सर का इलाज व्यक्ति के स्वास्थ्य स्तर, अल्सर की गंभीरता और उपचार के प्रति पालन के आधार पर भिन्न हो सकता है। सामान्यतः, यह कुछ सप्ताह से लेकर कुछ महीनों तक लग सकता है। संपर्क के समय चिकित्सा देखभाल अलसर को ठीक करने में मदद कर सकती है।

अल्सर में अंडा खाना चाहिए

अल्सर में अंडा खाना उपयोगी हो सकता है। अंडे पेट के अल्सर को बिगाड़ते हैं इस बात का कोई सटीक प्रमाण नहीं है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि आप अंडे को आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों के साथ खा सकते हैं। अगर आप अंडे का व्यंजन बनाते हैं तो उच्च वसा सामग्री को शामिल किए बिना सेवन करें।

अल्सर में दही खाना चाहिए

अल्सर में दही खाना फायदेमंद हो सकता है लेकिन इसकी मात्रा को ध्यान में रखते हुए, चूंकि निर्धारित मात्रा में दही खाने से सेवन करने से पेट में गुड बैक्टरिया की संख्या में बढ़ोतरी होती है। अल्सर होने वाले लोगों को दही और छाछ का सेवन कम करना चाहिए क्योंकि ये उनके पेट में एसिड के स्तर को बढ़ा सकते हैं।

अल्सर में केला खाना चाहिए

अल्सर में केला खाना फायदेमंद हो सकता है। केला में अल्कालाइन होता है, जिससे अम्लपित्त को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही, केले में फाइबर, पोटैशियम, विटामिन सी भी होता है, जो पेट की स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।

अल्सर में पपीता खाना चाहिए

अल्सर में पपीता खाना चाहिए क्योंकि यह पेट की अम्लपित्त को कम करने में मदद कर सकता है। पपीते में प्राकृतिक रूप से विटामिन C और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो पेट के लिए उपयोगी होते हैं। इसके अलावा लौकी और कद्दू की सब्जी खाना चाहिए क्योंकि ये दोनों सब्जियां अल्सर को कम करने में मददगार हो सकती हैं।

अल्सर में कौन सा फल खाना चाहिए

पेप्टिक अल्सर में निम्नलिखित फल खाया जा सकता है जो पेट के लिए अच्छा माना जाता है, जैसे- अल्सर में पपीता, केला, सेब, अनार, आंवला जैसे फल खाया जा सकता है। जो अल्सर के लक्षणों को कम करता है।

पेप्टिक अल्सर में क्या खाना चाहिए

पेप्टिक अल्सर में आपको कम मसालेदार, कम तेल वाले और उपार्जनशील खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसमें सुखे फल, सब्जियाँ, दलिया, रोटी, दूध, दही, केले आदि शामिल हैं। शाकाहारी और पौष्टिक आहार पेट के रोग को सुधार सकता है।

अंतिम संदेश – conclusion of peptic ulcer in hindi

पेप्टिक अल्सर एक सामान्य और प्रभावी रूप से इलाज होने वाली विकार है, जिसे सही चिकित्सा और जीवनशैली के उपायों के साथ नियंत्रित तथा खत्म किया जा सकता है। लक्षणों में जलन, पेट में दर्द और पाचन संबंधी समस्याएं शामिल हो सकती हैं। peptic ulcer treatment in ayurveda in hindi के लिए बेहतर जानकारी देने की कोशिश की गई है, आशा है आपको पसंद आए होंगे।

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नमस्कार दोस्तों, मैं इंडिया के सबसे बड़े लौहनगरी जमशेदपुर, झारखंड से हूँ। मैं इस ब्लॉग का लेखक और संस्थापक हूँ और इस ब्लॉग पर प्राकृतिक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य, जड़ी-बूटियों की जानकारी, प्राकृतिक उपचार, घरेलू उपचार से संबंधित जानकारी नियमित साझा करता रहता हूँ।

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