Tamilnadia uliginosa pindara in hindi के इस लेख में पिंडरा (Tamilnadia uliginosa) के गुण और फायदे, पिंडरा के औषधीय उपयोग तथा पिंडरा के नुकसान को जानेंगे। इसके अलावा पिंडरा के विभिन्न नाम को भी जानेंगे।
पिंडरा क्या होता है – Tamilnadia Uliginosa in hindi

- परिचय: Tamilnadia Uliginosa एक पर्णपाती वृक्ष है। तमिलनाडिया यूलिगिनोसा को पिंडरा(pindara) या डिवाइन जैस्मीन के नाम से भी जाना जाता है। इसके फल, फूल, छाल और जड़ में कई औषधीय गुण हैं। यह स्वाद में सुधार करता है। यह पचाने में हल्का होता है। यह समस्त पेट के रोगों का इलाज है और बहुत तेजी से असर करती है। अगर आप स्वास्थ्य है तो भी साल भर में कम से कम एक बार इसके फल का सब्जी जरूर खाना चाहिए।
- पिंडरा का वैज्ञानिक नाम (Pindara scientific name): (Tamilnadia uliginosa) तमिलनाडिया यूलिगिनोसा
- पिंडरा परिवार नाम: (Rubiaceae) रूबियासी परिवार का है।
- कहाँ मिलता है: Tamilnadia Uliginosa (तमिलनाडिया यूलिगिनोसा) नमी वाले स्थानों पर ज्यादा पाया जाता है। भारत में तमिलनाडु, झारखण्ड इत्यादि के साथ-साथ बांग्लादेश, श्रीलंका, वियतनाम आदि में भी पाया जाता है। आज-कल इसकी खेती की भी प्रयास की जा रही है।
पिंडरा के अन्य नाम – Tamilnadia Uliginosa other name in hindi
तमिलनाडिया यूलिगिनोसा (Tamilnadia Uliginosa) को विभिन्न क्षेत्रों में कई नामों से जाना जाता है। इनके अन्य नाम इस प्रकार हैः
- अंग्रेजी – तमिलनाडिया, डिवाइन जैस्मीन (Divine Jasmine)
- हिंदी – पिंडारा, पिंडारी
- संस्कृत – पिंडारा
- उड़िया- पोतुआ
- बंगाली – पिरालो
- गुजराती – गंगेड़ा
- मराठी – पेंडारी
- तेलुगु – अदावी मंगा
- तमिल – कालीकराई
- कन्नड़ – पेरालु
- मलयालम – पिंडिचक्का
- असमिया – बाना बेंगेना, बखर बेंगेना
पिंडरा के गुण और उपयोग – Tamilnadia Uliginosa uses in hindi
- पिंडारा एच पायलोरी संक्रमण में उपयोगी है।
- यह पेट के अल्सर को ठीक करता है।
- जूँ और रूसी बालों के लिए
- अधकपारी (माइग्रेन) को ठीक करता है।
- भोजन में विषाक्त स्थिति को ठीक करता है।
- दस्त और पेचिश में उपयोगी है।
- पेट के कृमि संक्रमण को खत्म करने के लिए
- फोड़े-फुन्सियों के को ठीक करने लिए उपयोग कर सकते हैं।
- जोड़ों के दर्द या गठिया में इसका उपयोग किया जाता है।
- जठरांत्र संबंधी विकार (जैसे- पेट, छोटी आंत, बड़ी आंत, मलाशय, पित्ताशय थैली, पाचन, यकृत, अग्न्याशय, पाचन इत्यादि) रोग में उपयोगी है।
- गठिया को ठीक करने की गुण इसमें होता है।
- मछलीयों के जहर के लिए इसके लिए जहर के रूप में कार्य करता है।
पिंडरा के फायदे – Tamilnadia uliginosa benefits in hindi

दस्त और पेचिश में पिंडरा के फायदे
पिंडरा में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो पेट संबंधित बहुत सारे रोग में लाभदायक होता है। दस्त, पेचिश, कब्ज, पेप्टिक अल्सर, अजीर्ण आदि। इनके फलों में कई सारे गुण होते हैं। दस्त या पेचिश होने पर पिंडरा के कच्चे फलों के अर्क का सेवन करना चाहिए।
फोड़े-फुंसियों के लिए पिंडरा के फायदे
फोड़े या फुन्सियों पर पिंडरा के फलों का गूदा लगाया जा सकता है।
जाठरान्त्र विकार के लिए
पिंडरा पेट के अनेक रोगों को दूर कर सकता है। उन्हीं में से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल या जाठरान्त्र विकार भी है। इसमें लकड़ी में भुने हुए पिंडरा के कच्चे फलों का सेवन नियमित करने से जल्द ठीक होता है। साथ ही इसकी राख का उपयोग दस्त, पेचिश, हैजा, फोड़े के इलाज के लिए किया जाना चाहिए।
पेट में कृमि संक्रमण को रोकने के लिए
प्राकृतिक रूप से पिंडरा में एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होता है। यह पेट के कई प्रकार के बैक्टीरिया को कम कर सकता है। पेट में कृमि के संक्रमणों को रोकने के लिए पिंडरा के फलों के पाउडर को शहद के साथ सेवन करना चाहिए। पिंडरा में कृमिनाशक गुण पाया जाता है।
रूसी बालों तथा जूँ से छुटकारा पाने के लिए
आधुनिक जमाने में पिंडरा का उपयोग बालों की समस्याओं में भी किया जा रहा है। यह रूसी बाल और जूँ से छुटकारा पाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पिंडरा रूसी बालों तथा जूँ से छुटकारा पाने के लिए नियमित रूप से पिंडरा के कच्चे फलों के रस का हेयर टॉनिक के रूप में सेवन करना चाहिए।
अधकपारी में पिंडरा के फायदे
अधकपारी (माइग्रेन) में पिंडरा के कच्चे फलों को उबालकर शहद के साथ मिलाकर सेवन करें। अधकपारी के इलाज के लिए प्रातः सूर्य उगने से पहले इसका सेवन किया जाना चाहिए।
गठिया में पिंडरा के फायदे
गठिया में पिंडरा के सेवन से फायदा मिल सकता है। गठिया रोग के इलाज के लिए पिंडरा के फलों का पेस्ट बनाएं तथा इस पेस्ट को प्रभावित अंगों पर को लगाएं। इससे गठिया या जोड़ों के दर्द में राहत मिलता है।
जोड़ों के दर्द में फायदों के लिए
जोड़ों के दर्द या गठिया होने पर पिंडरा के कच्चे पत्तियों को उबालकर पानी को सेवन करना चाहिए। इससे जोड़ों का दर्द कम होता है।
अत्यधिक छींक आने पर
बार-बार छींक आने पर पिंडरा के पत्तियों के काढ़े का सेवन करना चाहिए।
मछली के जहर के लिए
मछली के जहर के लिए पिंडरा के फलों का उपयोग किया जा सकता है।
ध्यान दें:
यहाँ Tamilnadia Uliginosa के सामान्य जानकारी दी गई हैं। यह किसी बीमारी की इलाज की गारंटी नहीं है या इसके इस्तेमाल से होने वाले नुकसान की स्पष्ट जानकारी भी उपलब्ध नहीं है। इसलिए ज्यादा मात्रा में या लगातार अधिक दिनों तक सेवन करने से बचें। अतः बीमारी में इसका इस्तेमाल करने से पहले किसी योग्य वैध से जानकारी के पश्चात ही करें।
पिंडरा के उपयोग होने वाले भाग – Tamilnadia Uliginosa Parts Uses in hindi
मुख्य रूप से इन सभी भागों को उपयोग में लाया जाता है:
- फल
- पत्तियाँ
- छाल
- जड़
पिंडरा किस रूप में उपलब्ध है – Tamilnadia Uliginosa is available in form
चूँकि यह बहुमूल्य पेड़ अब विलुप्त होने के कगार पर है इसलिए बाजार में इसका प्रोडक्ट मिलना थोड़ा कठिन होता है।फिर भी सीजन में जो मिल सकता है:
- सीजन में कच्चे फल मिल जाएगा।
- अप्रैल से जनवरी तक इसके कच्चे पत्ते मिल सकते हैं।
- इसका जड़ सालभर मिलता है।
- फूल जून से सितंबर तक मिल जाता है।
पिंडरा के कच्चे फल का पोषक तत्वों का वर्गीकरण – Tamilnadia Uliginosa nutritional value in hindi
क्रमांक | पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम में |
1. | पानी | 86 mg |
2. | प्रोटीन | 0.58 mg |
3. | खनिज पदार्थ | 0.80 mg |
4. | सोडियम | 5 mg |
5. | आयरन | 1.2 mg |
6. | वसा | 0.24 mg |
7. | फाइबर | 3.4 mg |
8. | विटामिन सी | 600 mg |
9. | पोटैशियम | 225 mg |
10. | ऊर्जा | 58 mg |
पिंडरा का अन्य दवाइयों के साथ प्रतिक्रिया – Tamilnadia Uliginosa interaction in hindi
होम्योपैथिक दवा के साथ प्रतिक्रिया: Tamilnadia Uliginosa(पिंडरा) को होम्योपैथिक दवा के साथ सेवन कर सकते हैं। इसके साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है।
एलोपैथिक (अंग्रेजी) दवाओं के साथ प्रतिक्रिया: यदि आप पिंडरा को एलोपैथिक दवाओं के साथ ले रहे हैं तो अपने चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। यदि चिकित्सक द्वारा पिंडरा और एलोपैथिक दोनों दवाओं को एक साथ सेवन करने की सलाह देती है, तो पहले एलोपैथिक दवा लेना है तथा आधे घंटे बाद पिंडरा लेनी चाहिए।
FAQ – Tamilnadia uliginosa pindara in hindi
Tamilnadia Uliginosa (पिंडरा) की तासीर कैसी होती है?
Tamilnadia Uliginosa (पिंडरा) की तासीर ठंडी होती है।
Tamilnadia Uliginosa (पिंडरा) क्या होता है?
Tamilnadia Uliginosa (पिंडरा) एक पर्णपाती वृक्ष है। छाल गहरे लाल भूरे रंग की होती है। पेड़ 6-7 मीटर की ऊंचाई तक बड़ी होती है। पेड़ की शाखाएँ अनेक 4-कोण वाली शाखाओं में समाप्त होती हैं। नुकीले कांटों के एक या दो जोड़े लगभग 1-2 सेमी लंबाई के होते हैं। पत्तियाँ सरल एवं विपरीत होती हैं। वे मोटे, झुर्रीदार और चमकदार होते हैं। फूल सफेद और सुगंधित होते हैं। इनके फल का आकार गोल या अंडाकार हो सकता है। यह एकान्त, चिकना और पीला होता है। बीज असंख्य, चिकने और दबे हुए होते हैं।
Tamilnadia Uliginosa (पिंडरा) का क्या-क्या फायदे होते हैं?
Tamilnadia Uliginosa (पिंडरा) के निम्नलिखित फायदे होते हैं:- जाठरान्त्र विकार के लिए, फोड़े-फुंसियों के में, पेट को कृमि से बचाव के लिए, रूसी बालों तथा जूँ से छुटकारा पाने के लिए, दस्त और पेचिश में, अधकपारी में, गठिया में, जोड़ों के दर्द आदि के लिए फायदेमंद हैं।
Tamilnadia Uliginosa (पिंडरा) कहाँ होता है?
Tamilnadia Uliginosa (तमिलनाडिया यूलिगिनोसा) भारत में तमिलनाडु, झारखण्ड इत्यादि के साथ-साथ बांग्लादेश, श्रीलंका, वियतनाम आदि देशों में भी पाया जाता है। इसको नमी वाले स्थानों पर ज्यादा पाया जाता है। आज-कल इसकी खेती की भी प्रयास की जा रही है।
Tamilnadia Uliginosa (पिंडरा) कब होता है?
अप्रैल तक में नए पत्ते आ जाते हैं फिर इसके फूल लगते हैं। अगस्त तक में इसका फल लग जाता है। सब्जी के लिए इसका फल का इस्तेमाल के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से नवंबर तक होता है इसके बाद इसके फल पक जाते हैं। फरवरी-मार्च में इसके पत्ते झड़ जाते हैं।
Tamilnadia Uliginosa, पिंडरा का सेवन कैसे करें?
अगर आप गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जठरांत्र) संबंधी विकार (जैसे- पेट, छोटी आंत, बड़ी आंत, मलाशय, पित्ताशय थैली, पाचन, यकृत, अग्न्याशय, पाचन इत्यादि) में सेवन करना चाहते हैं। तो आपको लकड़ी में पिंडरा के कच्चे फलों को भुनकर नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। इससे जल्द ठीक हो जाता है। साथ ही इसकी राख का उपयोग दस्त, पेचिश, फोड़े के इलाज के लिए कर सकते हैं।
क्या Tamilnadia Uliginosa का इस्तेमाल गर्भावस्था में तथा दूध पिलाने वाली माताएं कर सकती हैं?
अगर गर्भावस्था या दूध पिलाने वाली माताएं इसका इस्तेमाल बीमारी के इलाज के लिए कर रही हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श कर लें। सामान्यतः इसका फल का इस्तेमाल निर्धारित मात्रा में सब्जी के रूप में कर सकते हैं।
तमिलनाडिया यूलिगिनोसा, पिंडरा की पहचान कैसे करें
तमिलनाडिया यूलिगिनोसा या पिंडरा के पेड़ 6-7 मीटर की ऊंचाई तक बड़ी होती है। पेड़ की शाखाएँ अनेक 4-कोण वाली शाखाओं में समाप्त होती हैं। नुकीले कांटों के एक या दो जोड़े लगभग एक-दो सेमी लंबाई के होते हैं। इनके छाल गहरे लाल भूरे रंग की होती है। पत्तियाँ मोटी, झुर्रीदार और चमकदार होते हैं। फूल सफेद और सुगंधित होते हैं। इनके फल का आकार गोल या अंडाकार हो सकता है। यह एकान्त, चिकना हरा और पीला होता है। बीज असंख्य, चिकने और दबे हुए होते हैं।
Tamilnadia uliginosa या पिंडरा का उपयोग कैसे किया जाता है
पिंडरा को निम्नलिखित तरीके से इन भागों का इस्तेमाल किया जाता है:
पत्तियां: पत्तियों का उपयोग घाव, अल्सर, त्वचा रोग, कुष्ठ रोग, खांसी, बुखार, अस्थमा, पेट दर्द और ब्रोंकाइटिस के इलाज में किया जाता है। इसके लिए इनके कच्चे पत्तियों को उबालकर सेवन करना चाहिए।
फल: कच्चे फल कसैला होता है। कच्चे फल का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है। परंपरागत रूप से फलों का उपयोग दस्त, हैजा, पेचिश, माइग्रेन, फुंसी, फोड़े आदि के इलाज के लिए किया जाता है।
पका फल: इसका इस्तेमाल शरीर की गर्मी को शांत करने के लिए तथा मूत्र विसर्जन को अधिक लाने के लिए किया जाता है।
फूल: इनके फूलों से तेल बनाया जाता है।
जड़: जड़ों को शीतलक, कामोत्तेजक, मूत्रवर्धक तथा टॉनिक के रूप में सेवन किया जाता है।
अंतिम संदेश
Tamilnadia uliginosa pindara in hindi के इस लेख में आपने जाना पिंडरा क्या होता है? इनके गुण क्या है? उपयोग, फायदे तथा इनके सेवन के संभावित नुकसान क्या-क्या है? इस लेख में पिंडरा से संबंधित बेहतर जानकारी देने की कोशिश की गई है, आशा है आपको पसंद आ गए होंगे। Tamilnadia uliginosa pindara in hindi के इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका, धन्यवाद!