ashwagandha ke fayde hindi me, इस लेख में अश्वगंधा क्या होता है? अश्वगंधा के औषधीय गुण, अश्वगंधा के फायदे ,अश्वगंधा का उपयोग तथा अश्वगंधा के नुकसान को जानेंगे। इसके अलावा अश्वगंधा का अन्य नाम, अश्वगंधा में पोषक तत्व की मात्राएं इत्यादि के बारे में विस्तार से जानेंगे। इसके अलावा और भी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दिया गया है जो आपको जानना जरूरी है। जानने के लिए हमारे साथ बने रहें।
अश्वगंधा क्या है – Ashwagandha in hindi

- अश्वगंधा परिचय: यह (Ain hindi) छोटी और झाड़ीदार पौधा होता है। इसकी पौधे ऊंचाई लगभग 1 से 5 फुट तक हो सकता है। यह पारंपरा से ही चिकित्सीय पद्धति में उपयोग करते आ रहे हैं। आज भी यह आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग होनेवाली महत्वपूर्ण दवा है। इनकी गुणों की वजह से ही इसे अमेरिकन जिनसेंग से तुलना की जाती है। जिससे इनको इंडियन जिनसेंग या इंडियन विंटर चेरी कहा जाता है।
- अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम क्या है (ashwagandha botanical name in hindi): Withania somnifera (विथानिया सॉमनीफेरा)
- परिवार (ashwagandha family name in hindi): Solanaceae (सॉलानसी)
- अश्वगंधा कितने प्रकार के होते हैं: Ashwagandha Fayde पौधे के आकार के आधार पर अश्वगंधा को हम दो प्रकार से विभाजित कर सकते हैं:
- छोटी अश्वगंधा: इसकी पौधे की झाड़ियां और जड़ें छोटी होती हैं। यह राजस्थान के नागौरी में अधिक पाई जाती है, इसलिए इसे “नागौरी अश्वगंध” भी कहते हैं।
- बड़ी अश्वगंधा: अश्वगंधा पौधे की झाड़ियां बड़ी और झटपटी होती हैं, जबकि इसकी जड़ें छोटी और पतली होती हैं। इसका आकर्षक विशेषता से भरा पौधा लोगों को खींचता है और इसके औष्धिय गुणों के कारण यह जड़ी-बूटी हजारों सालों से आज तक राज किया है। अश्वगंधा में उच्च कब्ज गुणों की प्रधानता होने से और इसकी गंध, जो कुछ घोड़े के पेशाब जैसे गंध करती है, इसलिए संस्कृत में इसे अश्व अथवा घोड़े से संबंधित नाम रखा गया है।
अश्वगंधा के अन्य नाम – Ashwagandha other names in hindi
Ashwagandha Fayde के लिए जाना जाता है लेकिन यह अधिक लोगों को अपने-अपने भाषा में इसका नाम जानने से ही संभव हो सकता है अश्वगंधा के अन्य नाम इस प्रकार हैः
- ashwagandha common name – Indian Winter cherry
- हिंदी (ashwagandha hindi name) – असगंध, अश्वगंधा
- अंग्रेजी (ashwagandha english name) – विंटर चेरी
- बंगाली (ashwagandha hindi name) – अश्वगंधा
- नेपाली (ashwagandha nepali name) – अश्वगंधा
- उड़िया (ashwagandha odia name) – असुंध
- तमिल (ashwagandha tamil name) – अमुक्किरा
- तेलुगु (ashwagandha telugu name) – अश्वगंधी
- उर्दू (ashwagandha urdu name) – असगंधनागोरी
- पंजाबी (ashwagandha punjabi name) – असगंद
- मराठी (ashwagandha marathi name) – असकंधा
- गुजराती (ashwagandha gujarati name) – आसान्ध
- लैटिन (ashwagandha latin name) – Withania somnifera
अश्वगंधा का उपयोग – Ashwagandha uses hindi
अश्वगंधा की विभिन्न उपयोग इस प्रकार हैं:
- अनिद्रा में उपयोगी होता है।
- इसमें बुखार कम करने वाला गुण होता है।
- यह एक निद्रा वटी के रूप में काम करता है।
- यह शरीर की ताप बढ़ाने वाली दवा हो सकता है।
- अश्वगंधा में हृदय की रक्षा करने वाले गुण मौजूद हैं।
- इसमें ब्लड शुगर को नियंत्रित करने वाला गुण होते हैं।
- यह थायरॉयड ग्लैंड की रक्षा करने वाला गुण हो सकता है।
- बुढ़ापे में आयी नसों की कमजोरी को दूर करने में कारगर है।
- अश्वगंधा में सूजन को कम करने वाली क्षमता विद्यमान होती हैं।
- यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और नींद लाने में मदद कर सकता है।
- यह शरीर से मूत्र को बाहर निकालने वाला के तौर पर काम करने की गुण विध्यमान है।
- अश्वगंधा का उपयोग शीघ्रपतन के इलाज के लिए किया जाता है।
अश्वगंधा के फायदे – ashwagandha ke fayde hindi me

अश्वगंधा के अनेक फायदे हैं हमें इसे उपयोग करने के तरीके पता होने चाहिए तो चलिए आज हम नीचे इसके बेहतरीन फायदे बताएंगे:
टीबी रोग में ashwagandha ke fayde hindi me
टीबी रोग में अश्वगंधा चूर्ण के सेवन से आपको बड़ी राहत मिल सकती है।
- टीबी रोगी को 2 gm. अश्वगंधा पाउडर को 20 mg. अश्वगंधा के ही काढ़ा के साथ सेवन करने से लाभ होता है।
- अश्वगंधा की जड़ से बने चूर्ण को दूध या शहद के साथ मिलाकर लेने से उसका असर और भी बढ़ जाता है।
आप इसे प्रतिदिन खाली पेट ले सकते हैं और इसे अन्य पोषक तत्वों के साथ मिलाकर लेने से इसके लाभ बढ़ जाते हैं। अतः टीबी जैसी गंभीर बीमारी से निपट सकते हैं।
इंद्रिय दुर्बलता में ashwagandha ke fayde hindi me
वर्तमान समय में यौन स्वास्थ्य से निपटने के लिए अश्वगंधा काफी प्रभावी जड़ी-बूटी में से एक है। अगर Ashwagandha Fayde की बात की जाए और यौन स्वास्थ्य की बात न की जाए तो बात अधूरी सी लगती है। अश्वगंधा के चूर्ण के उपयोग से लिंग की कमजोरी और शिथिलता को दूर किया जा सकता है। इसके लिए अश्वगंधा के पाउडर को सूती कपड़े से छान कर उसमें बराबर मात्रा में खांड मिलाकर रखें। सुबह में खाली पेट एक चम्मच चूर्ण को गाय के ताजे दूध के साथ सेवन करें। अश्वगंधा एक शक्तिवर्धक औषधि है जो पुरुषों की यौन क्षमता को बेहतर बनाती है।
खांसी के इलाज में ashwagandha ke fayde hindi me
असगंधा खासतौर से खांसी और वात से होने वाले कफ समस्या में इसका उपयोग करना चाहिए। इसके लिए असगंधा की 10 ग्राम जड़ों को कूटकर इसमें 10 ग्राम मिश्री मिलाएं और 400 मिलीग्राम पानी में पकाएं। जब इसका आठवां हिस्सा बच जाए, तो इसे चूल्हे से उतार लें। इसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पिलाते रहने से खांसी में जल्दी राहत मिलती है।
शारीरिक कमजोरी दूर करने में ashwagandha ke fayde hindi me
अगर शारीरिक कमजोरी दूर करना हो तो Ashwagandha Fayde आपको को जरूर जानना चाहिए। अश्वगंधा शरीर के रोगों से छुटकारा पाने में मदद करती है। अश्वगंधा के नियमित सेवन शरीर को स्वस्थ और बलवान बनाता है।
- 10-10 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण, तिल और घी का सेवन करें।
- 6 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण, मिश्री और शहद का सेवन करें।
- 10 ग्राम गाय का घी मिलाकर इसे सुबह-शाम शीतकाल में 4 महीने तक सेवन करें।
- 1 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण में 125 मिग्रा मिश्री डालकर गुनगुने दूध के साथ सेवन करें।
- 2-4 ग्राम चूर्ण को दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करें।
- अश्वगंधा की जड़ और चिरायता का सेवन करें।
- शहद के साथ तीन ग्राम मिश्रण जाड़े के दिनों में रोजाना 1-2 ग्राम सेवन करें।
- मांसपेशियों के विकास में मदद करता है।
अश्वगंधा चूर्ण के फायदे से शरीर को स्वस्थ और बलवान बना सकते हैं और समस्त समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
बुखार उतारने में ashwagandha ke fayde hindi me
अश्वगंधा से भी बुखार का इलाज किया जा सकता है। दो ग्राम अश्वगंधा पाउडर के साथ एक ग्राम गिलोय के जूस को मिला कर इसका सेवन हर रोज सुबह और शाम के समय करने से पुराना से पुराना बुखार ठीक हो सकता है। इसका सेवन शहद या गुनगुने पानी के साथ करना चाहिए। इससे बुखार से छुटकारा मिलता है।
आंखों की बीमारी में ashwagandha ke fayde hindi me
अश्वगंधा को आँखों के लिए उपयोग किया जा सकता है। यदि आपको आंखों की बीमारी या मोतियाबिंद हो गई हो तो आप Ashwagandha Fayde को जरूर से जानना चाहिए। आजकल तेजी से बढ़ती हुई आंखों से जुड़ी बीमारियाँ एक चिंता का विषय बन रही हैं। मोतियाबिंद जैसी मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं और कई लोग इसके शिकार हो जाते हैं। इन्हें मोतियाबिंद के तकलीफ से बचने के लिए अश्वगंधा एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
दो ग्राम अश्वगंधा , दो ग्राम आंवला तथा एक ग्राम मुलेठी को मिलाकर, इसको पीसकर पाउडर बना लें। एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर को सुबह और शाम पानी के साथ सेवन करने से आंखों की रौशनी में बढ़ोतरी हो सकती है। मोतियाबिंद में उपयोग करने से पहले किसी वैध से परामर्श कर लें।
चोट लगने पर ashwagandha ke fayde hindi me
Ashwagandha के फायदेअनेक हैं, इसलिए इसे चोट लगने पर घाव भरने में भी उपयोग में लाया जाता है। अश्वगंधा के चूर्ण में पुराना गुड़ या घी मिला लीजिए तथा इसे दूध के साथ सेवन करें। आप इसे घाव में पेस्ट या तेल के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
ध्यान रखें कि अगर घाव गहरा है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। महज अश्वगंधा पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि उसे अपने उचित सलाहकार की सलाह लेना चाहिए।
अनिद्रा में ashwagandha ke fayde hindi me
आयुर्वेद में अश्वगंधा को अनिद्रा के विकारों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे अनिद्रा के लिए वरदान माना जाता है।
- अश्वगंधा के कच्चे पत्तों में ट्राएथिलीन ग्लाइकोल होता है, जो गहरी नींद के लिए मदद करता है।
- अश्वगंधा में एंटी-स्ट्रेस गुण सिटोइंडोसाइड्स और एसाइलस्टरीग्लुकोसाइड्स होते हैं, जो तनाव कम करने में मदद करते हैं।
इसको खाने से नींद और तनाव से राहत मिलती है। इसमें पाए जाने वाले एंटी-स्ट्रेस गुण तनाव से मुक्ति दिलाने में मदद करते हैं।
जवाँ दिखने के लिए ashwagandha ke fayde hindi me
Ashwagandha Fayde उम्र बढ़ने से बचाने में (जवान दिखने में) हमारी मदद कर सकता है। अश्वगंधा में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण हमारी त्वचा के लिए वाकई लाभकारी हो सकते हैं। यह त्वचा के अंदर कोलेजन को बढ़ाने मे मददगार होती है जिसके कारण आपके त्वचा की परत मोटी होती है तथा चेहरे की रौनक और निखार बनी रहती है और उम्र के लक्षणों को रोकती है। जिनमें झुर्रियां और ढीली त्वचा शामिल है।
अश्वगंधा के यह गुण हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हो सकते हैं, और इसे अपने रोजमर्रा के जीवन में शामिल करना बेहद आसान है। इसके लिए आप रोजाना रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चामच या इससे भी कम अश्वगंधा पाउडर को मिलाकर सेवन करें। इससे त्वचा को स्वस्थ्य और चमक बनाए रखने में मदद मिलती है।
पेट की बीमारी में ashwagandha ke fayde hindi me
पेट की बीमारी में अश्वगंधा चूर्ण का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। अश्वगंधा पाउडर को 2 ग्राम गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से कब्ज की परेशानी से छुटकारा मिल सकता है। इसमें बराबर मात्रा में बहेड़ा चूर्ण शामिल करें। इसे 2-4 ग्राम की मात्रा में गुड़ के साथ सेवन करने से पेट के कृमि खत्म हो सकते हैं। इसके अलावा अश्वगंधा चूर्ण में बराबर भाग में गिलोय का चूर्ण शामिल करें। इसे 5-10 ग्राम शहद के साथ नियमित सेवन करने से पेट के कीड़ों का उपचार किया जा सकता है।
अश्वगंधा के फायदे बालों के लिए ashwagandha ke fayde hindi me
- अश्वगंधा बालों को स्वस्थ रखता है और झड़ने से बचा सकता है।
- आनुवंशिक कारण और थाइरायड से झड़ रहे बालों को रोकता है।
- बालों के मेलेनेन को बढ़ाकर उन्हें काला बनाए रखता है।
- सेबोरेहिक (Seborrheic) डर्मेटाइटिस में फायदेमंद है।
- स्ट्रेस को खत्म करता है और बालों से डैंड्रफ को खत्म करने में मदद कर सकता है।
- एंटीइंफ्लेमेटरी गुण से सेबोरेहिक (Seborrheic) डर्मेटाइटिस को ठीक करता है।
- अश्वगंधा को गुनगुने पानी के साथ 2 से 4 ग्राम मात्रा में सेवन करें।
- इसके चूर्ण का नियमित सेवन करने से समय से पहले बालों के सफेद होने की समस्या ठीक हो सकती है।
मस्तिष्क स्वास्थ्य में ashwagandha ke fayde hindi me
अश्वगंधा को दिमागी अथवा मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए उपयोग किया जाता है। अश्वगंधा दिमाग संबंधित अनेक प्रकार के विकारों में उपयोग किया जाता है।
- चिंता और अवसाद से बचाता है।
- एंक्सियोलिटिक और एंटी-डिप्रेसेंट क्रियाएं होती हैं।
- ट्राइबुलिन (मोनोमाइन ऑक्सिडेज इनहिबिटर) के स्तर को नियंत्रित करता है जो स्ट्रेस के कारण बढ़ जाता है।
- कॉग्निशन को बढ़ाने की क्षमता होती है।
- अश्वगंधा के सेवन से नींद अच्छी आती है, दिमाग शांत रहता है, मन की एकाग्रता बढ़ती है, जिससे याददाश्त तेज होती है।
अश्वगंधा पाउडर के फायदे पर विश्वास करें और इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करें ताकि आप तनाव से दूर, चिंता मुक्त और सकारात्मक जीवन जी सकें।
इम्यूनिटी के लिए ashwagandha ke fayde hindi me
अश्वगंधा का उपयोग इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। अश्वगंधा इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार होता है। यह अनेक प्रकार से हमारी रक्षा करता है, जैसे:
- अश्वगंधा पाउडर के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।
- अश्वगंधा में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
- अश्वगंधा जड़ और पत्तों का रस में साल्मोनेला और ई.कॉली नामक बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करने की गुण मौजूद है।
- अश्वगंधा में एंटी-ट्यूमर एजेंट होते हैं, जो ट्यूमर को पनपने से रोकने मे सक्षम पाया गया है।
- अश्वगंधा में हाइपोग्लाइमिक प्रभाव, ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में सहायक हो सकता है।
- अश्वगंधा का निर्धारित मात्रा के सेवन से डायबिटीज के खतरों से बचा जा सकता है।
अश्वगंधा के उपयोगी भाग – Ashwagandha part used in hindi
अश्वगंधा की सबसे अधिक लाभकारी गुण इनके जड़ में है। इसलिए अधिकतर इसके जड़ को उपयोग किया जाता है। साथ ही पौधे के बाकी हिस्से का भी उपयोग होता है।
- जड़
- पत्ते
- फल
- बीज
अश्वगंधा किस रूप में उपलब्ध है
अश्वगंधा बाजार में निम्नलिखित रूप में उपलब्ध है:
- पाउडर
- टैबलेट
- कैप्सूल
- सिरप
- चाय
अश्वगंधा में मिलने वाला पोषक तत्वों का वर्गीकरण – Ashwagandha ingredients in hindi
अब आपने अश्वगंधा के फायदे जान लिए हैं। अब हम आपको बता रहे हैं कि अश्वगंधा पाउडर में प्रति 100 ग्राम में मौजूद विभिन्न पोषक तत्वों की मात्रा कितनी होता है:
क्रमांक | पोषक तत्व | अश्वगंधा पाउडर (प्रति 100 ग्राम) |
1. | कार्बोहाइड्रेट | 49.9 ग्राम |
2. | आयरन | 3.3 मिलीग्राम |
3. | विटामिन-सी | 3.7 मिलीग्राम |
4. | प्रोटीन | 3.9 ग्राम |
5. | कैल्शियम | 23 मिलीग्राम |
6. | ऊर्जा | 245 कैलोरी |
7. | फैट | 0.3 ग्राम |
8. | क्रूड फाइबर | 32.3 ग्राम |
9. | मॉइस्चर | 7.45% |
अश्वगंधा का अन्य दवाइयों के साथ प्रतिक्रिया – Ashwagandha interactions in hindi
अश्वगंधा होम्योपैथिक दवाइयों के साथ कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है, लेकिन कुछ एलोपैथिक दवाइयों के साथ इसका कॉम्बिनेशन नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए अश्वगंधा का सेवन करते समय अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।आपको निम्नलिखित चीज़ों के साथ अश्वगंधा का उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए:
- नींद की गोलियों या आराम के लिए उपयोग होने वाली दवाओं के साथ अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए। दोनों साथ में लेने से प्रभाव को बढ़ा सकता है। इसलिए इस कॉम्बिनेशन को लेते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
- अश्वगंधा अल्कोहल या शराब के साथ प्रतिक्रिया कर सकती है इसलिए दोनों को साथ-साथ सेवन न करें।
अश्वगंधा के नुकसान – Ashwagandha side effects in hindi
अश्वगंधा उपयोग से निम्नलिखित नुकसान हो सकता है:
- ज्यादा खुराक से जी मिचलाना, दस्त, उल्टी का होना
- उनींदापन, वर्टिगो, खांसी, बलगम जमा होना
- नज़र धुंधली होना, मुँह सूखना
- वज़न बढ़ना, हैल्युसिनेशन (काल्पनिक ख्याल आना)
- लिवर डैमेज हो सकता है, खासतौर पर खुजली वाली त्वचा या पीलिया जैसे स्थिति में
- गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन करने से नुकसान हो सकते हैं और गर्भपात का कारण बन सकती है
- अश्वगंधा गर्म प्रकृति वाले व्यक्तियों के लिए नुकसानदेह हो सकता है
समाधान: गोंद, कतीरा, और घी सेवन से इस प्रभाव को ठीक किया जा सकता है। इससे भी ठीक नहीं होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना ज़रूरी है और उनकी सलाह अनुसार ही इसका सेवन करना चाहिए।
अश्वगंधा के दुष्प्रभाव
Ashwagandha ke Fayde hindi me के लिए उपयोग जरूर किया जाता है परंतु इसका यह मतलब नहीं की नुकसान नहीं होता है। आपको अश्वगंधा सेवन करने से पहले होने वाली दुष्परिणाम के बारे में भी पता होना जरूरी है, अन्यथा अश्वगंधा पाउडर साइड इफेक्ट्स का कारण भी बन सकता है। हम आपको कुछ महत्वपूर्ण दुष्परिणाम और सावधानियां बता रहे हैं:
- अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है। इसलिए इसका सेवन अधिक मात्रा में करने से बचना चाहिए।
- अश्वगंधा लंबी अविधि तक सेवन नहीं करना चाहिए।
- पेट संबंधी परेशानी वाले व्यक्तियों को इसके सेवन से बचाने की सलाह दी जाती है।
- कुछ स्थितियों में अश्वगंधा के उपयोग से बचना चाहिए जैसे:
- गर्भवती में
- बच्चे को स्तनपान कराने के दौरान
- ऑटोइम्यून रोगों में
- हाल ही में कोई सर्जरी हुई हो या अगर आगे कोई सर्जरी होने वाली हो
- थायराइड डिसऑर्डर में
FAQ – ashwagandha ke fayde hindi me
अश्वगंधा की तासीर कैसी होती है?
अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है। इसी वजह से कहा जाता है कि इसका अधिक और लंबे समय तक सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
क्या अश्वगंधा का सेवन गर्भवती महिलायें कर सकती हैं?
चूँकि इसकी स्पष्ट मेडिकल रिसर्च रिपोर्ट न होने की वजह से यह कहना उचित होगा कि इस स्तिथि में उपयोग करने से पहले चिकितस्यक से संपर्क कर लें।
अश्वगंधा का कौन सा भाग उपयोग में लाया जाता है?
अश्वगंधा की सबसे अधिक लाभकारी गुण इनके जड़ से होती है। इसलिए ज्यादातर जड़ को उपयोग में लाया जाता है। पौधे के बाकी हिस्सों को भी उपयोग में लाया जाता है।
अश्वगंधा सेवन करने का सबसे अच्छा समय कब होता है?
ऐसे तो आप अश्वगंधा सभी मौसम में लें सकते हैं लेकिन आप इसे शर्दीयों में लें तो अच्छा होगा। क्योंकि यह गर्म तासीर का है तो कुछ लोगों को इससे दिक्कत हो सकती है। इसलिए शर्दियों में लेने से इसके साइड इफेक्ट कम देखने को मिलता है।
अश्वगंधा का सेवन कितने दिनों तक करना चाहिए?
अश्वगंधा का सेवन लगातार लंबी अविधि तक नहीं करना चाहिए। आप इसे एक दिन में दो बार लगातार 6 सप्ताह से तीन महीने तक कर सकते हैं। आप सुबह और रात का समय चुन सकते हैं।
अश्वगंधा कहाँ मिलता है
अश्वगंधा अपने आप उगने वाली पौधा है। अश्वगंधा का पौधा वनों में भी उगता है तथा इसका खेती भी किया जाता है। इसे भारत में मध्यप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, झारखण्ड, गुजरात आदि प्रदेशों में पाया जा सकता है। साथ ही इसकी खेती दक्षिण एशिया, मध्य एशिया, अफ्रीका आदि के शुष्क इलाकों में की जाती है।
अश्वगंधा उपयोग में कैसे लाया जाता है:
अश्वगंधा को अनेक आयुर्वेदिक दवाओं के साथ मिश्रण करके भी बनाया जाता है। इसकी उपयोग की परंपरा बहुत पुरानी है। अश्वगंधा के जड़ का उपयोग चूर्ण, टैबलेट, कैप्सूल, जूस आदि के लिए किया जाता है।
अंतिम संदेश
ashwagandha ke fayde hindi me के इस लेख में आपने जाना अश्वगंधा क्या होता है? इनके गुण क्या है? उपयोग, फायदे तथा इनके सेवन के संभावित नुकसान क्या-क्या है? इस लेख में अश्वगंधा से संबंधित बेहतर जानकारी देने की कोशिश की गई है, आशा है आपको पसंद आ गए होंगे। अगर आप प्राकृतिक चिकितस्या की जानकारी पाने के लिए इंटेरेसटेड है तो आप हमारे ब्लॉग को subscribe करना न भूलें। “ashwagandha ke fayde hindi me” के इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका, धन्यवाद!