Benefits of kaunch beej in hindi के इस भाग में जानेंगे कौंच बीज कैसे उपयोग करें? कैसे शुद्ध करें? विभिन्न विकारों और स्वास्थ्य समस्याओं से कैसे लाभ प्राप्त करें। चूंकि कौंच का इस्तेमाल आयुर्वेद में वाजीकरण के रूप में परंपरा से होते आ रहा है। इसके बावजूद भी कई लोग इनके गुण और फ़ायदों से अनजान हैं। आज के इस लेख में इसे विस्तार से चर्चा करेंगे।
कौंच बीज क्या होता है – kaunch beej in hindi

- परिचय: कौंच एक लत्तेदार जंगली पौधा होता है जो किसी पेड़ के सहारे फैलती हैं। इसकी पौधे एकवर्षीय होती हैं तथा दूसरे वर्ष, वर्षात में फिर उगती हैं। इसके बाद इसमें शरद ऋतु में फूल आती हैं फिर इसमें शीतकाल में फल लगता है तथा वसंत के बाद इनके फल को इकट्ठा कर शुद्ध करके उपयोग में लाया जाता है। इनके फल रोयेंदार जो सीधे त्वचा के लिए तेज खुजली, जलन और सूजन उत्पन्न करते हैं। परंतु आयुर्वेद में इसे शुद्ध करके दवाई बनाई जाती है।
- पहचान: इसकी लताएं 10-12 फीट लम्बी हो सकती हैं, पत्तियाँ त्रिपर्णक तथा फूल का रंग बैगनी होता है। इनके फल और फूल गुच्छों में लगते हैं, फल 4-5 सेमी लंबी तथा लगभग 1-2 सेमी चौड़ी सुनहरे, चमकीले रोयें होते हैं। इनके एक फल में 4 से 6 बीज हो सकते हैं। इनके बीज का रंग काले या सफेद और बीज के आकार अंडाकार होता है।
- कौंच के वैज्ञानिक नाम (Kaunch beej scientific name): मुकुना प्रूरिएंस (Mucuna pruriens)
- पौधे के परिवार के नाम: फैबेसी (Fabaceae)
- गिलोय कितने प्रकार के होते हैं: कौंच दो प्रकार के होते हैं जंगली तथा दूसरी जो खेती करने योग्य है।
- जंगली कौंच: इसकी लताएं मैदानी क्षेत्रों में, मेढों में अपने आप उगती हैं तथा इसकी फल रोयेंदार होते हैं। इसकी रोयें त्वचा के लिए हानिकारक होता है इससे बहुत तेज खुजली, जलन और सूजन होता है। इसी कारण इसे मनुष्यों से दूर ही सुरक्षित माना जाता है।
- इसकी दूसरी प्रजाति जिसकी खेती की जाती है, इसमें रोयें कम होती हैं।
कौंच के अन्य नाम – kaunch beej other name in hindi
Benefits of kaunch beej in hindi के इस भाग में जानिए पीपर के विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नाम, जो इस प्रकार है:
- हिन्दी (mucuna pruriens hindi name) – कौंच, केवाँच
- अंग्रेजी (kaunch beej english name) – Cowhage (काउहेज)
- बंगाली (kaunch beej bengali name) – अकोलशी
- ओडिया (kaunch beej odia name) – अलोकुशी
- संस्कृत – कपिकच्छू
- उर्दू – कवाँचा
- मराठी – कवच
- गुजराती – कौंचा
- तेलुगू – पिल्लीयाडगु
- तमिल – पुनैईककल्लि
- मलयालम – नेक्कुरन
- पंजाबी – कवांच
- नेपाली – काउसो
- कन्नड़ – नासुगन्नी
- अरबी – हबुलकुलई
- फारसी – अनारेघोराश
कौंच के बीज का उपयोग – kaunch beej uses in hindi
कौंच बीज के गुण तथा उपयोग निम्नलिखित हैं जिसका आयुर्वेदिक उपचार तथा जड़ी-बूटी उपचार स्वरूप किया जाता है:
- कौंच बीज स्वाद में मधुर, कड़वा और भारी होता है और यह गर्म तासीर का होता है। यह शरीर से कफ, पित्त, वातनाशक को बढ़ावा देता है। कौंच के बीज का उपयोग वीर्य वृद्धि (वाजीकरण), बलदायक, रक्त विकारों को दूर करने के लिए गुणकारी माना जाता है।
- इसमें धातुवर्धक, कामोत्तेजक तथा स्तम्भक दोष को कम करने वाला गुण पाया जाता है। आयुर्वेद में इसका उपयोग वाजीकरण, वीर्य बढ़ाने के लिए किया जाता है।
- सिर्फ कौंच के बीज के प्रयोग से कई रोगों का उपचार किया जा सकता है। इसके अलावा इनके जड़ और पत्ते भी आयुर्वेदिक दवाई के रूप में प्रभावी होते हैं।
- इसका उपयोग अनेक शारीरिक विकारों जैसे- मूत्र विकारों के लिए, कई प्रकार के दर्द से राहत, अनिद्रा में, डिप्रेशन में, लकवा में, साँस रोग या दमा, मिर्गी, वात रोग, ट्यूमर, बेहोशी या चक्कर में, बुखार के उपचार के लिए किया जाता है।
- कौंच बीज का उपयोग मुख्य रूप से पार्किंसंस रोग, किडनी, मधुमेह, हृदय विकार के लिए किया जाता है।
- इसके बीज का सेवन कर हम यौन रोगों से निजात पाने के लिए, शीघ्रपतन में, टेस्टोस्टेरोन, श्वेत प्रदर, लिंग का ढीलापन, मासिक धर्म संबंधी विकार, बांझपन, ढीली योनि के उपचार के लिए किया जाता है।
- इनके बीज से शरीर को शक्तिशाली बनाने, बॉडीबिल्डिंग, लंबाई बढ़ाने में, मन की एकाग्रता, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी एजिंग के लिए, त्वचा में चमक, वजन घटाने, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ोतरी कर सकते हैं।
- इसके अलावा इसका उपयोग जलोदर, कब्ज, दस्त, पेचिश के उपचार तथा बिच्छू के डंक और घाव को सुखाने के लिए भी कर सकते हैं।
कौंच बीज के फायदे – Benefits of kaunch beej in hindi

Benefits of kaunch beej in hindi या kaunch beej benefits hindi के फायदे अनेक हैं पर आज हम यहाँ पर कुछ चुनिंदा फ़ायदों के बारे में चर्चा करेंगे, जो इस प्रकार है:
कामोत्तेजक के लिए कौंच बीज के फायदे – kaunch beej benefits for sexual disease in hindi
यदि कोई व्यक्ति मोटापा, धूम्रपान, शराब के सेवन या हॉर्मोनल बदलाव के कारण, चाहे किसी भी कारण से बाँझपन का सामना कर रहे हैं या पुरुषों में स्पर्म काउंट या शुक्राणुओं की कमी, नपुंसकता में, कामशक्ति की कमी आदि यौन रोगों से ग्रसित हैं तो कौंच के बीज इन समस्याओं में प्रभावी रूप से उपयोगी है।
इसके लिए कौंच बीज और तालमखाने बीज के पाउडर तथा मिश्री तीनों को बराबर मात्रा में मिला लें। इसे सुबह-शाम शहद या दूध के साथ सेवन करें। इसके अलावा दो-दो ग्राम कौंच बीज, गोखरू और मिश्री तीनों के बराबर मात्रा में लेकर शहद, दूध या पानी के साथ सेवन कर सकते हैं। इससे शुक्राणुओं की संख्या तथा कामशक्ति में वृद्धि होती है।
पार्किंसंस रोग में कौंच बीज के फायदे – kaunch beej benefits for parkinson disease in hindi
पार्किंसंस रोग के प्राथमिक लक्षणों में कंपकंपी, शरीर में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी, पैर को घसीटते हुए चलना, धीमी स्वर या आवाज अंदर की तरफ खिंचाव होना आदि हो सकते हैं। ऐसे तो यह रोग ज्यादातर वृद्ध पुरुषों को प्रभावित करती है लेकिन यह वृद्ध महिलाओं तथा आनुवंशिकी तौर पर कम उम्र के व्यक्तियों को भी हो सकती है। इसके लिए कौंच के बीज को प्रभावी पाया गया है। इसके लिए 4-5 ग्राम कौंच बीज के चूर्ण को दूध, शहद या पानी के साथ सुबह-शाम नियमित सेवन करें।
ढीली योनि के लिए कौंच जड़ के फायदे – Kaunch root benefits for loose vagina in hindi
कुछ महिलाओं के योनि प्रसव के बाद या किसी शारीरिक विकारों के कारण अपनी प्रकृतिक साइज़ से ढीली हो जाती है। ऐसे में यदि कोई महिला अपनी योनि को अपनी पहले वाली स्तिथि में लाना चाहती हैं तो कौंच के जड़ के काढ़े का इस्तेमाल करके कर सकती हैं। इसके लिए कौंच के जड़ का काढ़ा बनाकर नियमित कुछ दिनों तक योनि को धोएं, इससे योनि अपनी साइज़ में आ जाती हैं और योनि की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इस तरह के प्रयोग किसी विशेषज्ञ से सलाह ले कर ही करें।
बांझपन में कौंच बीज के फायदे – konch beej benefits for infertility in hindi
अगर कोई पुरुष या महिला मोटापा, शराब के सेवन या हॉर्मोनल बदलाव के कारण बाँझपन का सामना कर रहे हैं तो कौंच के बीज इन समस्याओं में प्रभावी रूप से उपयोगी है। इसके लिए 2-2 ग्राम कौंच बीज और इनके जड़ के चूर्ण को दूध या शहद या पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या में बढ़ोतरी होती है।
मूत्र विकारों में कौंच बीज के फायदे – kaunch beej benefits for urinary disorders in hindi
मूत्र विकारों के लक्षणों में हर समय मूत्र त्यागने की इच्छा बने रहना, मूत्र त्यागने में जलन तथा मूत्र पथ में जलन बने रहना और दर्द का अनुभव होना, पेशाब का रंग बदल जाना, दुर्गंध युक्त पेशाब होना, कमज़ोरी महसूस होना, पेट में पीड़ा होना आदि हो सकता है। इन समस्याओं में लाभ होता है। इसके लिए 2 ग्राम कौंच बीज के पाउडर पानी के साथ सुबह-शाम कुछ दिनों तक नियमित सेवन करें।
जलोदर में कौंच के जड़ के फायदे – kaunch root benefits for ascites in hindi
जलोदर पेट में तरल पदार्थ जमा होने को जलोदर कहते हैं जिससे पेट फूल जाता है या पैरों में सूजन हो सकता है। यह कई कारणों से हो सकता है जैसे- अत्यधिक अल्कोहल के सेवन से लिवर खराब हो जाती है तथा लिवर कार्य करना बंद कर देती है। इसके अलावा भी कई कारणों से हो सकता है, यह लिवर खराब होने का पहला लक्षण होता है।
इस स्तिथि में कौंच के जड़ को लाभदायक माना गया है। इसके लिए कौंच के जड़ को पीसकर पेट पर लेप लगाएं। इस तरह के प्रयोग से पहले विशेषज्ञों से उचित सलाह जरूर लें।
अनिद्रा में कौंच बीज के फायदे – kaunch beej benefits for insomnia in hindi
अनिद्रा से परेशान व्यक्ति रात को पर्याप्त नींद नहीं ले पाता है, दिन प्रतिदिन स्तिथि खराब होती जाती है। पर्याप्त नींद नहीं होने पर कई प्रकार की शारीरिक, मानसिक समस्याएं बढ़ जाती हैं जिसके कारण स्वभाव में चिड़चिड़ापन, शरीर में दर्द, पेट में गैस, आँखों में जलन, व्यक्ति मानसिक एकाग्रता नहीं बना पाता जैसे लक्षण देखने को मिलता है। अगर आप भी इन समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो यह कुछ हद तक मदद कर सकता है। इसके लिए लगभग 2 ग्राम कौंच बीज चूर्ण को सफेद मूसली के साथ सेवन करें। अनिद्रा में कौंच बीज सहायक के रूप में कार्य करता है।
मस्तिष्क एकाग्रता में कौंच बीज के फायदे – kaunch beej benefits for brain in hindi
कुछ लोग चिंता और तनाव के कारण मन की चैन व शान्ति खो देता है और किसी भी काम में मन नहीं लगा पाता तो ऐसे में मन की शांति और एकाग्रता बनाए रखने के लिए कौंच के बीज मददगार हो सकता है। चूंकि इसमें हाइड्रोअल्कोहलिक एक्सट्रैक्ट जैसी रसायन होने के कारण यह कुछ हद तक मस्तिष्क स्वस्थ को बनाए रखने में मददगार हो सकता है। इसके लिए कौंच बीज के चूर्ण को दूध अथवा पानी के साथ सेवन करें। इससे डिप्रेशन में भी फायदा होता है।
बॉडीबिल्डिंग में कौंच बीज के फायदे – kaunch beej benefits in bodybuilding in hindi
अब जमाना बदल गया है लोग अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए व अच्छे दिखने के लिए तरह-तरह के उपाय करते रहते हैं। कई लोगों को बॉडी-बिल्डर की तरह बॉडी-बनाने की इच्छा होती है। चूंकि कौंच बीज में प्रोटीन और ऐसे कुछ पोषक तत्वों की मात्राएं पाया गया है जो शरीर को मजबूत और ताकतवर बनाने में सक्षम होता है। इसके लिए कौंच बीज, इनके जड़ और मिश्री को समान मात्रा में लेकर दूध या पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करें। अपने शरीर को बॉडी-बिल्डर की तरह शरीर को मजबूत बनाने के लिए सिर्फ यही उपाय नहीं, इसके साथ आपको लाइफ स्टाइल में कुछ बदलाव करने के भी आवश्यकता हो सकती है।
कोलेस्ट्रॉल में कौंच बीज के फायदे – kaunch beej benefits for cholesterol in hindi
कौंच के बीज में हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया पाया जाता है जो कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करता है इससे हृदय रोग के जोखिम को कम होता है। इसलिए जिसके कोलेस्ट्रोल बढ़े हुए हैं वह इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए कौंच बीज के टैबलेट या 3-4 ग्राम चूर्ण को सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करें।
ट्यूमर (गिल्टी) में कौंच बीज के फायदे – kaunch beej benefits for tumor in hindi
शारीरिक विकारों की वजह से शरीर पर निकले गिल्टी में कौंच के बीज को लाभदायक माना जाता है। इसके लिए कौंच के बीजों को पीसकर ट्यूमर या गिल्टी पर लेप करने से गिल्टी ठीक होती है। यह गिल्टी को गला देता है। इसे दो-तीन बार लेप करें।
दर्द निवारक में कौंच बीज के फायदे – kaunch beej benefits for pain relief in hindi
कौंच के पत्तियों और इनके बीजों में दर्द निवारक गुण पाया जाता है। इसके सेवन से जोड़ों के दर्द में, शरीर का दर्द, सिर या कमर का दर्द सभी तरह के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए पत्तियों को पीसकर प्रभावित अंगों पर लेप करें। इसके अलावा आप कौंच के बीज के चूर्ण का सेवन भी कर सकते हैं। लेप के लिए आप किसी विशेषज्ञों से सलाह ले कर करें।
डायबिटीज में कौंच बीज के फायदे – kaunch beej benefits for diabetes in hindi
पिछले कुछ वर्षों से डायबिटीज (मधुमेह) एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। खान-पान और जीवन शैली में बदलाव के कारण है यह लगातार बढ़ती ही जा रही है ऐसे में अगर कुछ खान-पान और जीवन शैली में बदलाव कर कौंच के बीज का सेवन किया जाय तो इस रोग से बचा जा सकता है। इसके लिए 5 ग्राम कौंच के बीच के चूर्ण को गाय के दूध में उबालकर सेवन करें। इससे डायबिटीज में सुधार होती है।
बिच्छू डंक में कौंच बीज के फायदे
कौंच के बीज बिच्छू डंक में त्वरित राहत के लिए उपयोग किया जा सकता है। बिच्छू के डंक में कौंच के बीज को पीसकर डंक वाले अंग पर लेप करें। इससे कुछ ही देर में दर्द से राहत मिलता है और विष उतर जाता है।
तो ये थे Benefits of kaunch beej in hindi के कुछ महत्वपूर्ण जानकारी इसके अलावा भी इनके अनेक उपयोग और फायदे (kaunch beej benefits uses in hindi) हो सकते हैं जो आगे किसी अन्य लेख में चर्चा करेंगे।
कौंच के बीज शुद्ध कैसे करें – kaunch beej shudh kaise kare
इस तरीके से कौंच के बीज को शुद्ध कर सकते है:
कौंच के बीजों को उपयोग करने से पहले इसे शुद्ध किया जाता है। इसे शुद्ध करने के लिए 250 ग्राम कौंच के फलियों के लिए लगभग एक किलोग्राम (गाय या पैकेट दूध) दूध की आवश्यकता होती है। दोनों को एक बर्तन में डालकर खूब उबालें, उबालने के दौरान बीच-बीच में एक-दो बीजों को निकालकर चेक करें, जब आसानी से बीच से छिलके अलग हो जाएं तो इसे उतारकर ठंडा होने दें।
इसके बाद सारे बीजों को सावधानी से छिलकों से अलग कर लें। अब छिलकों को दूध के साथ जमीन पर गाड़ दें ताकि कोई इंसान या पशु-पक्षी उससे नुकसान न हो। उसके बाद इनके बीजों को कुछ दिनों तक छाया में सुखाने के बाद इसे पाउडर बना लें। अब इसे अच्छे से बोतल में ढक्कन लगाकर रख लें ताकि यह नमी न हो और इसे ज्यादा दिनों तक रखा जा सके। बिना किसी मिलावट के यह पाउडर एक साल तक बेहतर परिणाम दे सकता है इसके बाद यह expire हो जाता है।
कौंच के उपयोगी भाग – Useful parts of kaunch plant in hindi
मुख्य रूप से आयुर्वेदिक उपचार में कौंच के बीज के इन भागों को उपयोग में लाया जाता है:
- कौंच बीज
- कौंच के जड़
- कौंच के पत्तियां
- कौंच के फल के रोएँ
इनमें से किसी भी भाग का उपयोग वैधराज या डॉक्टर के द्वारा बताए गए नियमों और दिशा-निर्देशों के अनुसार ही करना है।
कौंच किस रूप में उपलब्ध है
कौंच बीज ज्यादातर इसी रूप में उपलब्ध होता है : जैसे-
- चूर्ण या पाउडर
- टैबलेट
- कैप्सूल
- कौंच के सूखे जड़
इसके अलावा अनेक आयुर्वेदिक दवाइयों के साथ मिश्रण करके भी इनका इस्तेमाल किया जाता है।
कौंच बीज में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की मात्राएं – kaunch beej nutritional value in hindi
कौंच बीज निम्नलिखित पोषक तत्वों से भरपूर होता है इसमें कच्चे कार्बोहाइड्रेट 42.79 – 64.88%, कच्चे फाइबर 5.3 – 11.5% के बीच पाया जाता है। इसके अलावा इसमें निम्नलिखित पोषक मिनेरल्स भी पाया जाता है:
पोषक तत्व (काले कौंच बीज में) | प्रत्येक 100 ग्राम में |
कच्चे प्रोटीन | 26.26 मिलीग्राम |
क्रूड लिपिड | 7.19 मिलीग्राम |
आयरन | 12.41 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 746.15 मिलीग्राम |
सोडियम | 98.39 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 1,846.23 मिलीग्राम |
फॉस्फोरस | 327.47 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 298.41 मिलीग्राम |
जिंक | 8.25 मिलीग्राम |
कॉपर | 1.96 मिलीग्राम |
मैंगनीज | 3.78 मिलीग्राम |
कौंच बीज में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की मात्राएं समान नहीं होता यह अलग-अलग जगहों में मिलने वाले बीज की मात्राएं भिन्न हो सकती हैं। यह एक सामान्य जानकारी है।
कौंच बीज के अन्य दवाइयों के साथ परस्पर प्रतिक्रिया – kaunch beej interactions in hindi
कौंच बीज सेवन करने के दौरान अधिक मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए, इससे गैस व अपच या पेट गरम जैसी स्तिथि पैदा हो सकती है। साथ ही कुछ अन्य दवाइयों के साथ भी प्रतिक्रिया कर सकती हैं जो इस प्रकार हैं:
- मधुमेह: यदि आप किसी तरह का मधुमेह रोधी दवाएं लें रहें हैं। तो आप कौंच बीज और मधुमेह रोधी दवाएं दोनों को साथ में न लें। यह दोनों मिलकर रक्त शर्करा को बहुत ज्यादा काम कर सकते हैं। किसी कारण से लेना पड़े तो आप डॉक्टर की निगरानी में ले सकते हैं और रक्त शर्करा स्तर पर नियमित निगरानी रखें।
- रक्तचाप: कौंच बीज को रक्तचाप कम करने वाली किसी भी दवाईयों के साथ नहीं लेना चाहिए। इन दोनों का एक साथ इस्तेमाल रक्तचाप को बहुत ज्यादा कम कर सकता है।
- पार्किसंस रोग: यदि आप पार्किसंस रोग का इलाज या किसी अन्य स्तिथि में लेवोडोपा (एल-डोपा) ले रहें हैं तो आप कौंच बीज का सेवन न करें। लेवोडोपा और कौंच बीज दोनों साथ मिलकर प्रतिक्रिया कर सकती हैं।
- मानसिक स्थितियों के लिए: नियमित कौंच बीज के सेवन से मस्तिष्क में डोपामाइन नामक रसायन बढ़ता हैं। अगर आप मानसिक स्थितियों के लिए कोई दवाईयां ले रहें हैं तो कौंच बीज का सेवन नहीं करें। यह कौंच बीज के साथ परस्पर क्रिया कर सकती हैं।
- सर्जरी के लिए: सुरक्षा की दृष्टि से कौंच बीज का सेवन सर्जरी से लगभग 15 दिन पहले बंद कर देना चाहिए। सर्जरी में उपयोग होने वाली दवाईयां कौंच बीज (एल-डोपा नामक रसायन) के साथ हृदय संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
- अवसाद या आंत संबंधी दवाइयों के साथ: कौंच बीज अवसाद और आंत संबंधी कुछ दवाइयों के साथ मिलकर परस्पर क्रिया कर सकती हैं। इसलिए इसके साथ कौंच बीज लेने से पहले संबंधित चिकितस्यक से परामर्श कर लें।
कौंच बीज के नुकसान – kaunch beej side effects in hindi
कौंच के बीज का सेवन लगातार 3 माह से अधिक न करें। निर्धारित समय से अधिक लेने या अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर में अत्यधिक गर्मी बढ़ सकती हैं जिससे निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं:
- इनके नुकसानों में गैस, मतली, सिरदर्द, शरीर में पोषक तत्वों की कमी, जरूरत से ज्यादा नींद आने की समस्याएं, थकान और कमजोरी शामिल हैं।
- इन बीमारियों में जैसे हृदय रोग, लिवर की बीमारीयां, पेप्टिक अल्सर, कैंसर में, मानसिक बीमारी या सर्जरी और मधुमेह में कौंच बीज का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती।
- कौंच बीज गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए नुकसानदायक हो सकती है, यदि किसी कारणवश लेना पड़े तो इन स्तिथियों में इनका सेवन सावधानी के साथ व डॉक्टर से सलाह ले कर करें।
- कौंच बीज बच्चों के उपयोग के लिए नहीं है, इसलिए इसे बच्चों के पहुँच से दूर रखें।
- कौंच के फल सीधे त्वचा के लिए असुरक्षित है। इससे बहुत तेज खुजली, जलन और सूजन होती है। इससे सावधानी के साथ शुद्ध करके उपयोग में लाया जाता है।
FAQ – Benefits of kaunch beej in hindi
कौंच के बीज क्या है?
कौंच के बीज कौंच के रोयेंदार फल से प्राप्त होता है, इनके फल 4-5 सेमी लंबी तथा लगभग 1-2 सेमी चौड़ी सुनहरे, चमकीले रोयें होते हैं। इनके एक फल में 4 से 6 बीज हो सकते हैं। इनके बीज का रंग काले या सफेद और बीज के आकार अंडाकार होता है। इन्हीं बीजों को आयुर्वेदिक दवाई के रूप में उपयोग किया जाता है।
कौंच के बीज कैसे होते हैं
कौंच के फल रोयेंदार जिसको त्वचा पर स्पर्श करने से तेज खुजली, जलन और सूजन उत्पन्न होती है। इनके फल और फूल गुच्छों में लगते हैं, इनके फल लगभग 4-5 सेमी लंबी तथा 1-2 सेमी चौड़ी होती है। इनके एक फल में 4 से 6 बीज हो सकते हैं। इनके बीज का रंग काले या सफेद होता है तथा बीज का आकार अंडाकार होता है। जिसका उपयोग उपचार के रूप में किया जाता है।
कौंच के बीज के क्या फायदे हैं
कौंच के बीज प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, सोडियम, पोटैशियम, जिंक आदि जैसे पोषक तत्वों से भरपूर तथा कई प्रकार के रसायन होता है। इससे कामोत्तेजक बढ़ाने, बांझपन के इलाज के रूप में, पार्किंसंस रोग, मूत्र विकार, अनिद्रा से राहत के लिए, मस्तिष्क की एकाग्रता में, शरीर को मजबूत बनाने में, मधुमेह आदि में फायदेमंद होता है।
कौंच के बीज की तासीर क्या होती है
कौंच बीज के तासीर गर्म होता है, इसका उपयोग यौन उत्तेजना को बढ़ाने के लिए किया जाता है। गर्म तासीर होने के कारण इसके इस्तेमाल गर्मियों में करने की सलाह नहीं दी जाती है। नुकसान से बचने के लिए उचित मात्रा में सीमित समय के लिए सेवन करें।
कौंच के बीज का उपयोग कैसे करें
आयुर्वेद निर्देशानुसार सामान्य स्तिथि में कौंच के बीज के 3-6 ग्राम मात्रा को दूध या शहद के साथ लेने की सलाह दी जाती है। यह रोगी के उम्र और बीमारी की स्तिथि के आधार पर मात्राएं भिन्न हो सकती है। उपयोग से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आयुर्वेदिक चिकितस्यक से परामर्श करें।
कहाँ पाया जाता है
कौंच की लताएं मैदानी क्षेत्रों में, खेतों में, मेढों में, जंगलों आदि में जंगली लता के रूप में पाया जाता है। भारत में मुख्य रूप से यह झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान आदि जैसे क्षेत्रों में पायी जाती है। इसकी लताएं हिमालय के निचले हिस्सों में भी पाया जा सकता है।
अंतिम संदेश
Benefits of kaunch beej in hindi के इस लेख में आपने जाना कौंच या कौंचा क्या होता है? इसमें छुपा गुण क्या है? उपयोग, फायदे तथा इनके सेवन से होने वाले नुकसान क्या है? इस लेख के माध्यम से कौंच से संबंधित बेहतर जानकारी देने की कोशिश की गई है, आशा है आपको पसंद आया। Benefits of kaunch beej in hindi के इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका, धन्यवाद!