Harsingar benefits in hindi के इस भाग में जानेंगे हरसिंगार का उपयोग विभिन्न शारीरिक विकारों और बीमारियों में कैसे करें? इनके फायदे और नुकसान क्या है? हरसिंगार के औषधीय गुण और उपयोग के बारे में बहुत कम लोग ही जानते होगें। आज के इस लेख में Harsingar benefits in hindi पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
हरसिंगार क्या होता है – Harsingar in hindi

- परिचय : हरसिंगार (harsingar hindi) जिसे पारिजात के नाम से भी जाना जाता है, बगीचे या जंगलों में पाए जाने वाला एक छोटा पौधा या पेड़ है। इसके फूल खासकर सुगंधदायक होते हैं और इनका आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण स्थान है। हरसिंगार के पत्ते और फूल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और यह विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए प्रयोग किए जाते हैं, खासकर सर्दियों में। यह एक प्रमुख औषधि पौधा है जिसका व्यवसायिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग होता है और इसके फूलों का उपयोग पूजा-पाठ के साथ-साथ दवाई के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
- हरसिंगार पौधे की पहचान : हरसिंगार का पौधा या पेड़, जिसका ऊँचाई करीब 10 से लेकर 30 फीट तक हो सकती है।
- फूल: हरसिंगार के फूल सुगंधदायक होते हैं और उनके पांच से सात पंखड़ियां होती हैं। ये फूल अकेले या जोड़े-जोड़े में होते हैं और सफेद तथा केंद्र में नारंगी रंग के होते हैं जो सूर्यास्त के बाद खिलता है और सूर्योदय होने से पहले इनके फूल मुरझाकर गिर जाता है। इसमें बारहमासी फूल देने वाली पेड़ है जो एक साल में चार बार तक फूल दे सकता है।
- फल: हरसिंगार के फल छोटे और चपटे, जिसमें काले बीज होते हैं।
- छाल: हरसिंगार के छाल या पेड़ केसरिया रंग के होते हैं।
- harsingar family name : Oleaceae (ओलेसी)
- harsingar botanical name : Nyctanthes arbor-tristis
- parijat common name: Night-flowering Jasmine
हरसिंगार के अन्य नाम – harsingar other names in hindi
harsingar benefits in hindi के इस भाग में जानिए हरसिंगार के विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नाम, जो इस प्रकार है:
- हिन्दी (parijat plant hindi name) – हरसिंगार, पारिजात
- अंग्रेजी (harsingar ka english name) – Night jasmine (नाईट जैसमिन), मस्क फ्लॉवर (Musk flower)
- बंगाली – सेफालिका
- ओडिया – गोडोकोडीको
- संस्कृत – पारिजात
- उर्दू – गुलेजाफारी
- मराठी – पारिजातक
- गुजराती – -हारशणगार
- तेलुगू – सेपाली
- तमिल – मंझाटपू
- मलयालम – परिजातकम
- पंजाबी – हरसिंघार
- नेपाली – पारिजात
हरसिंगार के औषधीय उपयोग – harsingar uses in hindi
हरसिंगार (पारिजात) के गुण तथा उपयोग निम्नलिखित हैं जिसका आयुर्वेदिक उपचार तथा जड़ी-बूटी उपचार स्वरूप किया जाता है:
हरसिंगार के पौधे के औषधि गुण, पारिजात के स्वाद कड़वा, हलका, रूखा, तिक्त, कटु तथा इनका तासीर गर्म होता है परंतु कुछ हरसिंगार पौधे के तासीर ठंडे भी होते हैं। यह वात-कफनाशक, ज्वार नाशक, मृदु विरेचक, शामक और रक्तशोधक होता है। उपचार के रूप में इनका उपयोग सदियों से होता आ रहा है।
पारिजात के पत्तों का उपयोग अस्थमा, बेहतर पाचन के लिए, तंत्रिका-तंत्र विकारों में, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि के उपचार के लिए किया जाता है। हरसिंगार के बीज के तेल का उपयोग बालों के लिए मददगार होता है।
पारिजात के पत्ते का काढ़ा या चाय तथा हरसिंगार के बीज का उपयोग बुखार, तनाव, एंटीबैक्टीरियल के रूप में काम करता है।
जड़ का उपयोग गले के रोग (रक्तस्राव) नाक-कान से खून निकलने पर तथा गठिया में हरसिंगार के जड़ का काढ़ा या इनके अर्क का सेवन किया जा सकता है।
हरसिंगार के जड़ की छाल डायबिटीज, हृदय रोग की रोकथाम के लिए मददगार होता है। खांसी के उपचार के लिए हरसिंगार के छाल का उपयोग किया जा सकता है। पारिजात के फूल का उपयोग आंखों की जलन, सूजन तथा अन्य विकारों के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। इसके अलावा भी हरसिंगार के फूलों का उपयोग अनेक शारीरिक विकारों में किया जाता है।
त्वचा के लिए, दाद-खाज, खुजली, बवासीर, बार-बार पेशाब की समस्या आदि में फूल, पत्तियां, बीज, जड़ का उपयोग किया जा सकता है।
हरसिंगार के फायदे – harsingar benefits in hindi
Harsingar benefits in hindi (हरसिंगार के फायदे इन हिंदी) या हरसिंगार के पौधे के फायदे (Harsingar plant benefits in hindi) के फायदे तो अनेक हैं पर आज हम कुछ असरदार फायदों के बारे में बताएंगे, जो इस प्रकार है:

गठिया रोग में हरसिंगार के फायदे – benefits of harsingar leaves in arthritis in hindi
गठिया रोग में हरसिंगार के जड़ का काढ़ा 20-30 मिली सेवन करने से या गर्म पत्तों के लेप लगाने से लाभ हो सकता है। हरसिंगार के पत्तों में एंटी-इनफ्लैमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया के दर्द और सूजन को कम कर सकते हैं। यह गुण गठिया के दर्द को कम करने में मदद करते हैं और रोगी को आराम पहुँचा सकते हैं। हरसिंगार के पत्ते पैन किलर के रूप में भी काम कर सकते हैं और विषाक्तता को कम करके गठिया के लक्षणों को कम कर सकते हैं।
साइटिका में हरसिंगार का उपयोग कैसे करें – harsingar leaves for sciatica in hindi
साइटिका के लिए हरसिंगार के 3-4 पत्तियों को लेकर पीस लें तथा पानी में उबालकर छानकर सुबह-शाम सेवन करें। हरसिंगार के पत्ते में एंटी-इनफ्लैमेटरी गुण होते हैं, जो साइटिका के दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
घुटने के दर्द के लिए हरसिंगार के पत्तों का उपयोग कैसे करें – how to use harsingar leaves for joint pain in hindi
हरसिंगार के पत्तों में मौजूद एंटी-इनफ्लैमेटरी गुण घुटने के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। घुटने के दर्द के उपचार के लिए हरसिंगार के 3-4 पत्तों को पीसकर पेस्ट बनाकर 1 गिलास पानी में मिला लें। इसे धीमी आंच में गर्म कर जब पानी एक तिहाई रह जाए तब छानकर पीने योग्य थोड़ा ठंडा होने दें और इसे खाली पेट में सुबह सेवन करें। इसके अलावा, हरसिंगार के बीजों का तेल भी मलिश के लिए उपयोगी हो सकता है, जो घुटने के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
डायबिटीज – harsingar benefits for diabetes in hindi
डायबिटीज के लिए 10-20 मिली हरसिंगार जूस को सुबह-शाम सेवन करें। इसके अलावा इनके पत्ते का काढ़ा 50 मिली तक सेवन किया जा सकता है। पौधों में मौजूद गुण होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं। हरसिंगार के पत्तों के सेवन से रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है और डायबिटीज के प्रबंधन में मदद कर सकता है।
डेंगू और चिकनगुनिया – harsingar benefits for dengue in hindi
जब डेंगू या चिकनगुनिया की बात आती है तो हम सीधे अस्पताल जाते हैं। परंतु इसका अस्पताल में उपचार के बावजूद भी आप हरसिंगार के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं जो तेजी से प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में मददगार करता है, इससे शरीर की रिकॉवेरी जल्दी होती है। यह जड़ी-बूटी एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल तथा एंटीइंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर होता है, इसमें उत्पन्न विकारों, बुखार, दर्द और इसके जीवाणुओं से लड़ने में कारगर होता है। हरसिंगार के पत्तियों के रस 10-20 मिली सुबह-शाम सेवन करें जो इसमें सबसे बेहतर उपायों में से माना जाता है। इसके अलावा इनके 20-30 मिली काढ़े का भी सेवन कर सकते हैं।
मलेरिया – harsingar benefits for malaria in hindi
मलेरिया होने पर सीधे डॉक्टर के पास जाना चाहिए, परंतु मलेरिया में हरसिंगार मददगार हो सकता है। क्योंकि आयुर्वेद में हरसिंगार मलेरिया और बुखार के उपचार के लिए पहले से इस्तेमाल होता आ रहा है। आज भी आयुर्वेदिक चिकित्सीय उपचार के लिए इसका उपयोग किया जाता है। बेहतर उपाय है इसमें हरसिंगार के पत्तियों का काढ़ा 20-50 मिली सेवन करें।
हृदय – harsingar benefits for heart health in hindi
हरसिंगार जड़ की छाल के उपयोग से हृदय रोग के खतरों को कम किया जा सकता है। चूंकि जिन लोगों को कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज या मोटापे की बीमारियाँ हैं उनको हृदय रोग का खतरा बना रहता है। इसके लिए हरसिंगार के जड़ के छाल का काढ़ा बनाकर 20-50 मिली की मात्रा में सेवन करें।
एंटीबैक्टीरियल पेट के कीड़े – harsingar benefits for stomach infection in hindi
हरसिंगार के पत्तों में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण पेट के कीड़ों और संक्रमण में अथवा इंफेक्शन के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकते हैं। यह पेट के कीड़ों को नष्ट करने में सहायक हो सकता है। पेट के कीड़े या पेट के कृमियों के लिए हरसिंगार के पत्तों के रस 5-10 मिली शहद या मिश्री के साथ सेवन करें।
टाइफाइड में हरसिंगार के फायदे – harsingar benefits for typhoid in hindi
हरसिंगार के फूल टाइफाइड बुखार में होने वाले हानिकारक साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से हमारी रक्षा करती है। हरसिंगार में एंटीबैक्टीरियल गुण होने के कारण यह कई प्रकार के रोगाणुओं के संक्रमणों से हमें बचाती है जिससे सर्दी-खांसी में, जुकाम आदि जैसी स्तिथि में स्वस्थ रखने में मदद करती है। इसके लिए 10-20 मिली हरसिंगार के फूल के रस का सेवन करें या इसके काढ़ा भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
सुखी खांसी – harsingar benefits for cough in hindi
हरसिंगार में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जिसके कारण मौसमी की एलर्जी या किसी प्रकार के बैक्टीरिया संक्रमण तथा कई प्रकार के खांसी में मददगार हो सकता है। हरसिंगार के पत्तियों के 10-20 मिली रस या जूस को शहद के साथ सेवन करें। इसके अलावा इसमें इनके छाल के पाउडर का सेवन भी कर सकते हैं।
अस्थमा – harsingar benefits for asthma in hindi
दमा या अस्थमा में हरसिंगार के कई भागों का इस्तेमाल कर सकते है। हरसिंगार के पत्तियों में एंटी-अस्थमाटिक और एंटी-एलर्जीक गुण होता है इससे दमा या अस्थमा में या सांस संबंधित समस्याओं में मददगार हो सकता है। इसके गुण सांस की नली में सूजन को कम करता है जिससे सांस लेने की प्रक्रिया को आसान बनाती है। इसमें हरसिंगार के पत्तियों का रस या जूस 10-20 मिली मात्रा में सेवन करें या इनके फूलों का चूर्ण 2-3 ग्राम की मात्रा में डॉक्टर की देख-रेख में सेवन करें।
दाद-खुजली दाद त्वचा – harsingar benefits for skin in hindi
त्वचा के लिए हरसिंगार को वरदान माना जाता है। इंसान के शरीर पर भी फंगस होता है। कभी-कभी त्वचा पर लाल घेरा जिसमें काफी खुजली हो सकती है, त्वचा संक्रमण के कारण होता है जिसे दाद कहा जाता है। आधुनिक आयुर्वेदिक अनुसंधान के अनुसार हरसिंगार के पत्तियां, फूल तथा बीजों में त्वचा संबंधित विकारों, दाद या खुजली में मददगार हो सकता है क्योंकि इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाया जाता है। इसके लिए हरसिंगार के पत्ते का पेस्ट प्रभावित अंग पर लगाएं। इसके अलावा इनके फूल या बीजों का पेस्ट भी लगा सकते हैं।
ब्लड डिटॉक्सीफिकेशन – Harsingar for blood detoxification in Hindi
हरसिंगार के विभिन्न भागों में रक्त में जमा गंदगी को साफ करने वाली गुण पाया जाता है। इसके इस्तेमाल से लीवर को कार्य करने में मदद मिलती है और रक्त में मौजूद जहरीले पदार्थों को आसानी से बाहर निकालने में मदद मिलती है। इसके लिए हरसिंगार के ताजे पत्तियों का रस 10-20 मिली मात्रा में सेवन करें। इसके अलावा इनके छाल या फूल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
हरसिंगार गंजेपन में – harsingar benefits for hair in hindi
हरसिंगार बालों की कई प्रकार की समस्याओं में काम आता है। 21 वीं सदी में सबसे बड़ी चुनौती में से एक है गंजापन, पुरुष हो या महिला कुछ लोग इसके चपेट में आ गए हैं। बालों के इस तरह के समस्या के समाधान के लिए हरसिंगार के बीज फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए हरसिंगार के बीज का लेप सिर पर लगाएं या हरसिंगार के तेल का उपयोग काफी फायदेमंद होता है। इससे कई लाभ हो सकते हैं जैसे रूसी को ठीक करने में, जूँ से छुटकारा और सफेद बालों को काला बनाए रखने में मददगार हो सकता है।
पाचन शक्ति के लिए हरसिंगार के फायदे – harsingar benefis for digestive system in hindi
अपच में हरसिंगार या पारिजात को एक बेहतर उपाय माना जाता है। हरसिंगार में एंटी स्पस्मोडिक गुण होता है जो पाचन तंत्र को हेल्थी बनाए रखने में मददगार हो सकता है। आयुर्वेद में हरसिंगार का इस्तेमाल पारंपरिक चिकितस्या के तौर पर किया जाता आ रहा है। यह कमजोर पाचन शक्ति को फिर से मजबूत कर सकता है। इसके लिए हरसिंगार के 10-20 मिली पत्तियों का रस या जूस शहद के साथ सेवन करें।
घाव के लिए हरसिंगार के फायदे – benefits of harsingar for Injury in hindi
हरसिंगार (पारिजात) के पत्तों का उपयोग घावों के इलाज में किया जा सकता है। इनके पत्तियों में ऐंटिसेप्टिक, एंटीऑक्सीडेंट आदि गुण होते हैं जो घाव को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। इसने पत्तियों का पेस्ट घाव पर लगाएं। इस प्रयोग को करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही करें।
हरसिंगार के उपयोगी भाग – Useful parts of parijat plant in hindi
मुख्य रूप से हरसिंगार के इन भागों को उपचार के लिए उपयोग में लाया जाता है:
- हरसिंगार के पत्ते
- हरसिंगार के फूल
- हरसिंगार के तना
- हरसिंगार के छाल
- हरसिंगार के बीज
हरसिंगार किस रूप में उपलब्ध है
बाजार में हरसिंगार इस रूप में उपलब्ध होता है :
- चूर्ण या पाउडर
- टैबलेट
- कैप्सूल
- जूस
इसके अलावा भी कुछ अन्य आयुर्वेदिक दवाइयों के साथ मिश्रण कर इनका इस्तेमाल किया जाता है।
हरसिंगार में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की मात्राएं – Harsingar nutritional value in hindi
हरसिंगार की पत्तियों में बेंजोइक ऐसिड, कैरोटीन, ग्लूकोज, फ्रुक्टोज, अनाकार राल, एस्कॉर्बिक ऐसिड, मिथाइल सैलिसिलेट, टैनिक अम्ल, ओलीनोलिक अम्ल और फ्लेवन ग्लाइकोसाइड पाया जाता है। इनकी फूलों में आवश्यक तेल और ग्लाइकोसाइड होते हैं तथा इनके बीज ओलिक, पामिटिक और मिरिस्टिक अम्ल से भरपूर होते हैं।
हरसिंगार के अन्य दवाओं के साथ प्रतिक्रिया – harsingar interactions in hindi
हरसिंगार एक आयुर्वेदिक दवाई है लेकिन यह अन्य दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकती हैं इसलिए इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
हरसिंगार कुछ एलोपैथी या अंग्रेजी दवाओं के साथ मिलकर परस्पर क्रिया कर सकती हैं जिससे कुछ दवाओं का प्रभाव शरीर पर कम या ज्यादा हो सकता है।
इसके अलावा होम्योपैथी या कुछ आयुर्वेदिक दवाओं के साथ भी प्रतिक्रिया करती है इसलिए हरसिंगार के किसी भी भाग का या इससे बने दवा का सेवन सावधानी के साथ करें। उचित यही होगा की आप डॉक्टर से सलाह ले कर ही इसका सेवन करें।
हरसिंगार के नुकसान – harsingar side effects in hindi
हरसिंगार के इस्तेमाल के गंभीर नुकसान नहीं है फिर भी इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेने के बाद निर्धारित मात्रा में ही सेवन करें।
हरसिंगार (पारिजात) के अत्यधिक मात्रा में सेवन से कुछ संभावित नुकसान हो सकते हैं:
- पेट की समस्याएँ: अधिक हरसिंगार के सेवन से पेट की समस्याएँ जैसे कि दस्त, उलटी या पेट दर्द हो सकते हैं।
- त्वचा रिएक्शन: कुछ व्यक्ति त्वचा पर हरसिंगार के संपर्क से त्वचा रिएक्शन की समस्या का सामना कर सकते हैं।
- गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं को हरसिंगार के सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह गर्भावस्था में नुकसान कर सकता है।
- बच्चों के लिए: बच्चों को हरसिंगार के सेवन से बचना चाहिए।
- एलर्जी: कुछ लोगों को हरसिंगार से नुकसान एलर्जी के कारणों से भी हो सकता है।
FAQ – Harsingar benefits in hindi
हरसिंगार का फूल कब खिलता है
हरसिंगार के फूल सितम्बर से जनवरी के बीच खिलता है लेकिन कुछ हरसिंगार के पौधे साल में 3-4 बार फूल दे सकती है।
हरसिंगार के पत्ते कितने दिन पीना चाहिए?
बुखार में हरसिंगार का सेवन 5-10 दिन करें, 21 दिन साईटिका में, जोड़ों के दर्द में अधिक दिनों तक लिया जाता है, पेट के कीड़ों के लिए 21 दिन, इसका उपयोग का कोई निश्चित दिन नहीं होता लेकिन इसे ज्यादा दिनों तक लगातार सेवन करने से बचें।
हरसिंगार के पत्तों की तासीर क्या होती है?
सामान्यतः हरसिंगार के पत्तियों का तासीर ठंडी होती है लेकिन कुछ हरसिंगार के तासीर गर्म भी हो सकता है। इसलिए ज्यादातर इसे सर्दियों में इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
हरसिंगार कौन कौन सी बीमारी में काम आता है?
हरसिंगार साईटिका में, अस्थमा में, किडनी की बीमारी में, हृदय रोग में, कृमियों संक्रमण में, बालों के लिए, त्वचा विकारों में, टायफाइट बुखार, डेंगू, चिकनगुनिया, पित्त बुखार आदि के उपचार के लिए मददगार होता है।
हरसिंगार के पत्ते के नुकसान
आयुर्वेदिक उपचार के इतिहास में हरसिंगार के कोई घातक नुकसान अब तक नहीं देखा गया है, लेकिन फिर भी अगर पहले से शरीर में कोई रोग या विकार हो तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही सावधानी पूर्वक इसका सेवन करें। ज्यादा मात्रा में सेवन करने से उल्टी,दस्त, पेट दर्द, सीने में जलन आदि हो सकता है।
हरसिंगार का पौधा कहां पाया जाता है
हरसिंगार के पेड़ जंगलों और बगीचों में पाए जा सकते हैं। हरसिंगार उष्णकटिबंधीय पौधा होता है जो भारत में झारखंड, बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात असम आदि राज्यों में पाया जाता है। इसका पेड़ हिमालयों में भी पाया जाता है। इसके अलावा यह नेपाल, पाकिस्तान और थाईलैंड आदि में भी पाई जा सकती है। अब इसकी खेती भी होती है।
हरसिंगार के पत्ते की पहचान
इसकी पत्तियाँ वर्षा ऋतु में पूरी तरह से हरी हो जाती हैं। इनके पत्ते गुणकारी होता है लेकिन बसंत में इनके पत्ते पककर झड़ जाते हैं, पके हुए पत्ते गुणहीन होता है। इस समय इनके पत्तियों का चूर्ण का इस्तेमाल किया जा सकता है।
अंतिम संदेश
Harsingar benefits in hindi के इस लेख में आपने जाना हरसिंगार या पारिजात क्या होता है? इनके गुण क्या है? उपयोग, फायदे तथा इनके सेवन के संभावित नुकसान क्या है? इस लेख में हरसिंगार से संबंधित बेहतर जानकारी देने की कोशिश की गई है, आशा है आपको पसंद आ गए होंगे। Harsingar benefits in hindi के इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका, धन्यवाद!