इमली बीज के 14 हिडन फायदे | Imli beej ke fayde

Imli beej ke fayde के इस लेख में इमली क्या है, इमली बीज के फायदे, इमली के उपयोग तथा इमली के नुकसान को जानेंगे। इसके अलावा इमली के अन्य नाम, इमली में पोषक तत्व की मात्राएं इत्यादि के बारे में विस्तार से जानेंगे। जानने के लिए हमारे साथ बने रहें।

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इमली क्या है – what is tamarind in hindi

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इमली बीज का परिचय : इमली (tamarind in hindi) आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी है। इमली का पेड़ भारत के लगभग सभी स्थानों पर देखने को मिल जाता है। इमली का पेड़ 50-100 फूट से भी लंबा हो सकता है। यह बड़े शाखा वाली छायादार होता है, इसके छाल गहरे भूरे रंग की तथा छाल मजबूत होता है, फल और फूल गुच्छों में या बिना गुच्छों में भी लगता है तथा फल की लंबाई 3-4 इंच होती है। एक फल में 4-5 बीज होते हैं। इमली के पत्ते छोटे-छोटे होते है। इमली के लकड़ी कठोर होता है।

इमली बीज वानस्पतिक नाम : टैमैरिन्डस इन्डिका (Tamarindus indica)
इमली बीज परिवार (family) : फैबेसी (Fabaceae), subfamily: सेजैलपिनिएसी (Caesalpiniaceae)

इमली के अन्य नाम – Tamarind other name in hindi

Imli beej ke fayde के इस भाग में जानिए इमली के विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नाम, जो इस प्रकार है:

  • हिन्दी (tamarind hindi name) – इमली
  • अंग्रेजी (imli ka english name) – Tamarind Tree ( टैमैरिंड ट्री)
  • बंगाली – तेंतुल
  • ओडिया – तेतुंली
  • संस्कृत (tamarind sanskrit name) – चिञ्चिका
  • उर्दू – इमली
  • मराठी – चिञ्च
  • गुजराती – आंबली
  • तेलुगू – अम्लिका
  • तमिल – आम्लकम
  • मलयालम – वालनपुली
  • पंजाबी – इमली
  • नेपाली – नर्रा
  • अरबी – साबारा
  • लैटिन – Tamarindus indica (टैमैरिन्डस इन्डिका)

इमली के बीज का उपयोग – Tamarind seed uses in hindi

इमली के बीज का उपयोग रोग प्रतिरोधक के लिए, शीघ्र पत्तन में, गठिया में, डायबीटिज में, हृदय स्वस्थ के लिए, अल्सर में, घाव भरने में, आंखों के विकारों में, दस्त में, सफेद दांतों के लिए, भोजन में प्रोटीन की गुणवत्ता को बढ़ाने में किया जाता है।

इसके अलावा इमली के बीज का उपयोग बवासीर, अतिसार, आमातिसार, जिगर के लिए, प्रदर रोग, अधिक प्यास की समस्या, जलोदर, धातु रोग, योनि संकुचन के लिए, चक्कर आना, आग से जलने पर, मजबूत शरीर के लिए, खूनी बवासीर, प्रमेह, बिच्छू डंक में, गर्मी अधिक लगने पर, दाद, बार-बार पेशाब होने पर, वीर्य विकार, सफेद दाग, चेचक के घाव भरने में, बालों के लिए, नामर्दी आदि के लिए भी किया जाता है।

इमली के बीज के फायदे – Imli beej ke fayde

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इमली बीज के उपयोग (imli beej uses in hindi) जानने के बाद अब हम imli beej ke fayde (इमली बीज के फायदे) के कुछ प्रभावशाली फायदों को जानेंगे:

रोग प्रतिरोधक क्षमता में imli beej ke fayde

इमली के बीज रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में मददगार होता है। मुख्य रूप से इमली के बीज में विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन E जैसे पोषक तत्व पाया जाता है। इसके इन्हीं गुणों के कारण इम्यून सिस्टम को स्वस्थ रखने में मददगार होता है साथ ही यह संक्रमण से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने का कार्य करते हैं। इमली के बीज में अन्य पोषक तत्व भी होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में सहायक हो सकते हैं। इसके लिए प्रतिदिन 1-2 ग्राम इमली बीज पाउडर को गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। इसके अलावा इसे दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है।

शीघ्र पत्तन में imli beej ke fayde

इमली बीज शीघ्रपतन को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। इमली बीज में मौजूद गुणों की वजह से यह पुरुषों की सेक्सुअल स्थिति को सुधार सकता है। इमली बीज में एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ विटामिन C और फाइबर भी होते हैं, जो शरीर को ताकत प्रदान कर शीघ्रपतन को रोक सकते हैं। इसके सेवन से पुरुषों की सेक्सुअल प्रदर्शन क्षमता में सुधार हो सकता है। शीघ्र पत्तन में imli beej ke fayde लेने के लिए 1-2 ग्राम इमली बीज के पाउडर को पानी या दूध के साथ मिलाकर सेवन करें। इससे शीघ्रपत्तन तथा नपुंसकता के इलाज में मदद मिलता है।

गठिया में imli beej ke fayde

इमली बीज गठिया के इलाज में मददगार साबित हो सकता है। इमली बीज में पाए जाने वाले प्रोटेयोग्लिकन, ग्लुकोजामिन और चंद्रबीजाणुनाशक गुण गठिया के दर्द और सूजन को कम करने में प्रभावी पाया गया है। साथ ही इमली बीज में एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं जो जोड़ों की दर्द को कम करने में मददगार है। इमली बीज को पाउडर के रूप में ले सकते हैं या इसे दूध के साथ मिला कर भी सेवन किया जा सकता है। इसके लिए 1-2 ग्राम इमली बीज के पाउडर को नियमित सेवन करें।

डायबिटीज में imli beej ke fayde

डायबिटीज में इमली बीज का सेवन करने से फायदे हो सकते हैं। इमली बीज में मिलने वाली पोषक तत्व, जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। इमली बीज के सेवन से रक्त शर्करा के स्तर को कम किया जा सकता है, जिससे डायबिटीज को नियंत्रण करने में मदद मिलती है। इसके लिए इमली बीज को सीधे खा सकते हैं या फिर इन्हें पाउडर के रूप में ले सकते हैं। नियमित रूप से रोजाना 1-2 ग्राम इमली बीज पाउडर का गुनगुने पानी के साथ सेवन करें।

हृदय स्वस्थ के लिए imli beej ke fayde

इमली बीज हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। इमली बीज विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर्स जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो हृदय के लिए फायदेमंद हो सकता है। इमली बीज कोलेस्ट्रॉल को कम कर रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है। इसके लिए प्रतिदिन 1-2 ग्राम इमली बीज का सेवन करें। यह आपके भोजन में शामिल किया जा सकता है या फिर उन्हें सीधे खाया जा सकता है। इसके अलावा इमली के बीजों को पीस कर दूध, सालाद में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।

आंखों के विकारों में imli beej ke fayde

आंखों के विकारों में इमली के बीज का सेवन फायदेमंद हो सकता है। इमली बीज में विटामिन A, विटामिन सी तथा एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, इमली बीज में पाया जाने वाला लूटियन (lutein) रेटिना को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है, जिससे आंखों की रोशनी बढ़ती है। आंखों के विकारों में imli beej ke fayde के लिए रोजाना 1-2 ग्राम की मात्रा में इमली बीजों का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा इमली बीज को पत्थर में घिस कर काजल की तरह भी लगा सकते हैं, यह उपाय आंखों के कई प्रकार के विकारों को कम करने में सहायक हो सकता है।

वजन घटाने में imli beej ke fayde

इमली बीज वजन घटाने में मददगार हो सकता है। इमली के बीज में मिलने वाला विटामिन C और फाइबर जो वजन घटाने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए इमली बीज को सीधे खा सकते हैं या उन्हें पाउडर के रूप में सेवन कर सकते हैं। वजन घटाने में imli beej ke fayde लेने के लिए आप रोजाना 1-2 ग्राम इमली बीज का पाउडर पानी के साथ ले सकते हैं। ध्यान दें कि वजन घटाने के लिए इमली बीज का सेवन काफी नहीं है, बल्कि संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के साथ इसे सेवन करें।

पाचन क्रिया को बढ़ाने में imli beej ke fayde

इमली बीज पाचन क्रिया को बढ़ाने में मददगार होते हैं क्योंकि इमली बीज एसिड को नियंत्रित करके पाचन शक्ति को सुधारने में मदद करते हैं। इमली बीज में विटामिन C, फाइबर और अन्य पोषक तत्व पाचन को सुधारकर खाद्य पदार्थों को पचाने में सहायक होते हैं। इमली बीज को सीधे खा सकते हैं या उन्हें पाउडर के रूप में ले सकते हैं। पाचन क्रिया को बढ़ाने में imli beej ke fayde लेने के लिए प्रतिदिन 1-2 ग्राम इमली बीज का सेवन कर सकते हैं। पाचन क्रिया को सुधारने के लिए, इमली बीज को भूनकर और उसका पाउडर बनाकर उपयोग किया जा सकता है, जो आसानी से खाने में मिलाया जा सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य के लिए imli beej ke fayde

इमली बीज मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हो सकते हैं। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन C और अन्य पोषक तत्व मानसिक तनाव को कम करने और मनोबल को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इमली बीज के सेवन से अधिकतम फायदा उठाने के लिए, रोजाना 1-2 ग्राम इमली बीज पाउडर को पानी के साथ ले सकते हैं। यह मानसिक तनाव को कम करने, मन की एकाग्रता बढ़ाने और मनोबल को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

बालों के लिए imli beej ke fayde

इमली बीज बालों के स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होते हैं। इनमें प्रोटीन, विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो बालों के झड़ने को रोकते हैं, बालों की मजबूती और चमक को बढ़ाते हैं और बालों को मुलायम बनाते हैं। इमली बीज को पाउडर के रूप में ले सकते हैं और रोजाना खाली पेट या खाना खाने के पहले गुनगुने पानी के साथ सेवन कर सकते हैं। सामान्यत: 1 या 2 ग्राम इमली बीज का पाउडर एक कप गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन किया जा सकता है। संयमित मात्रा में सेवन करें इससे परिणाम जल्दी मिलती है।

पीटीएसडी के इलाज में imli beej ke fayde

पीटीएसडी या पित्ताशय गैस की समस्या एक सामान्य स्थिति है जिसमें पित्ताशय में गैस बनती है और उससे तकलीफ होती है। इमली बीज पीटीएसडी के इलाज में मददगार हो सकते हैं। इमली बीज में पाये जाने वाले विटामिन C, अंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पीटीएसडी के लक्षणों को कम कर सकते हैं। आप रोजाना खाली पेट इमली बीज का पाउडर एक गिलास गुनगुने पानी के साथ मिलाकर सेवन कर सकते हैं। इसके लिए सामान्य रूप से दिन में दो बार 1 ग्राम से 3 ग्राम तक की मात्रा ली जाती है।

हार्मोनल संतुलन के लिए imli beej ke fayde

इमली बीज हार्मोनल संतुलन को संघटित करने में मदद कर सकते हैं। इसमें मौजूद फाइटोएस्ट्रोजन और अन्य पोषक तत्व हार्मोनल असंतुलन को सुधार सकते हैं और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित कर सकते हैं। इमली बीज को पाउडर या कैप्सूल के रूप में ले सकते हैं। आमतौर पर इन्हें पानी के साथ लिया जाता है। हार्मोनल संतुलन के लिए imli beej ke fayde लेने के लिए दिन में लगभग 1-2 ग्राम (लगभग आधा चमच) इमली बीज का सेवन कर सकते हैं। यह अपने लक्ष्य और व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है।

मजबूत शरीर के लिए imli beej ke fayde

इमली बीज के उपयोग से कमजोर शरीर को मजबूत बनाया जा सकता है। चूंकि इमली बीज में विटामिन C के साथ एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर जैसे पोषक तत्व भी होता है, जो कमजोर शरीर को मजबूत बनाने के लिए एक अच्छा स्त्रोत माना जाता है। इसका सेवन करने से पाचन क्रिया ठीक होती है, खून की शुद्धि होती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। साथ ही नियमित सेवन से शरीर की ऊर्जा भी बढ़ता है। इसके लिए 1-2 ग्राम इमली बीज को या इसके पाउडर को दूध या गुनगुने पानी के साथ इस्तेमाल करें।

खांसी में imli beej ke fayde

खांसी में इमली बीज एक प्राकृतिक उपचार है जो सूखी या बलगम वाली खांसी को कम करने में मदद कर सकता है। इमली बीज में विटामिन C के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो खांसी को ठीक करने में मदद करते हैं। खांसी में imli beej ke fayde उठाने के लिए इमली बीज को उबालकर खाने या उसे पाउडर के रूप में भी सेवन कर सकते हैं। आमतौर पर, दिन में 1-2 ग्राम इमली बीज का पाउडर ले सकते हैं या इमली बीज को पानी में भिगोकर भी सेवन कर सकते हैं।

इमली के उपयोग होने वाले भाग

मुख्य रूप से इमली के इन भागों को उपचार के लिए उपयोग में लाया जाता है:

  • इमली यानी इनके फल
  • इमली के बीज
  • इमली के छाल
  • इमली के पत्ते

इमली किस रूप में उपलब्ध है

बाजार में इमली इस रूप में उपलब्ध होता है :

  • इमली बीज (Tamarind seeds)
  • इमली के बीज का पाउडर (Tamarind seeds powder)
  • इमली (Tamarind)

इमली बीज के पोषक तत्व की मात्रा

निम्नलिखित तालिका में इमली के बीज के प्रमुख पोषक तत्वों की मात्रा 100 ग्राम में दी गई है:

पोषक तत्वमात्रा (प्रति 100 ग्राम)
प्रोटीन3.1 ग्राम
विटामिन C20.5 मिलीग्राम
फाइबर4.0 ग्राम
कैल्शियम67 मिलीग्राम
मैग्नीशियम70 मिलीग्राम
आयरन1.5 मिलीग्राम
इमली बीज का पोषक मात्रा

यह तालिका पोषक तत्वों की अनुमानित मात्रा है और यह विभिन्न स्रोतों से भिन्न हो सकती है। इसलिए, वास्तविक मात्रा उत्पाद के बटवारे पर निर्भर करती है।

इमली बीज के अन्य दवाइयों के साथ प्रतिक्रिया

इमली के बीज का सेवन अन्य दवाओं के साथ या उनके प्रयोग के साथ कुछ संभवित प्रतिक्रियाएँ पैदा कर सकता है। इन प्रतिक्रियाओं में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  1. रक्त को पतला करने वाली दवाओं के साथ एंटीकोगुलेंट्स (Anticoagulants): इमली के बीज में विटामिन C की मात्रा होने के कारण, इसका सेवन एंटीकोगुलेंट्स जैसे दवाओं के साथ न करें। यह आपके रक्त को पतला कर सकता है और रक्तस्राव की संभावना को बढ़ा सकता है।
  2. औषधि विरोधी (Drug Interaction): इमली के बीज का सेवन अन्य औषधियों के साथ भी इंटरैक्शन कर सकता है। इसलिए, यदि आप किसी अन्य औषधि का सेवन कर रहे हैं, तो इमली के बीजों का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
  3. एलर्जिक प्रतिक्रिया: कुछ लोगों को इमली के बीजों से एलर्जी हो सकती है। इसलिए, यदि आप पहले कभी इमली से एलर्जी का सामना कर चुके हैं, तो इमली के बीजों का सेवन न करें।
  4. पाचन संबंधी प्रतिक्रियाएँ: कुछ लोगों को इमली के बीज से पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि गैस, उदरशूल या पेट दर्द। यदि ऐसा होता है, तो इमली के बीजों का सेवन कम करें या इसे पूरी तरह से छोड़ दें।

इसलिए, किसी भी औषधि का सेवन करने से पहले या किसी और प्रोडक्ट के साथ इमली के बीज का सेवन करने से पहले, आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

इमली के बीज के नुकसान – Tamarind seed side effect in hindi

Imli beej ke fayde ही नहीं इनके नुकसान भी है। इसलिए इमली के बीज का सेवन तभी करें जब आपको इसकी आवश्यकता हो, बिना आवश्यकता के इमली का इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है। जब भी इसकी आवश्यकता हो सीमित समय के लिए, निर्धारित मात्रा में ही सेवन करें। अधिक मात्रा में सेवन करने से निम्नलिखित नुकसान हो सकता है:

  • इमली के बीज में ऑक्सालेट्स (oxalates) की मात्रा होती है, जो किसी लोगों के लिए किडनी स्टोन्स (kidney stones) का खतरा बढ़ा सकती है।
  • इसके अलावा, इमली के बीज में ऑक्सलिक अम्ल (oxalic acid) होता है, जो कुछ लोगों को पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
  • अधिक मात्रा में इमली के बीजों के सेवन से गैस, पेट दर्द या अन्य पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।

इसलिए, कुछ लोगों को इमली के बीजों का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना अच्छा होता है, विशेषकर जिनके पास पहले से किडनी संबंधी समस्याएं हों या पाचन संबंधी विकारों की शिकायत हो।

FAQ – Imli beej ke fayde


इमली के बीज कैसे खाएं

इमली के बीज को सीधे खा सकते हैं या फिर उन्हें पीसकर पाउडर बना सकते हैं और उन्हें खाने के साथ मिला सकते हैं।

इमली के बीज खाने से क्या होता है

इमली के बीज में विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। इसका सेवन सर्दी-खांसी, पाचन संबंधी समस्याओं को कम करने, मधुमेह को नियंत्रित करने और त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह प्रोटीन की कमी, आर्थराइटिस और एलर्जी का इलाज में भी सहायक होता है।

इमली के बीज में क्या पाया जाता है

इमली के बीज में पोषक तत्व जैसे कि विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण और अन्य प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं। इन तत्वों का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।

इमली के बीज क्या हैं?

इमली के बीज इमली के फल के बीज होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

इमली बीज खाने के क्या नुकसान हैं

इमली के बीज का अधिक सेवन करने से उल्टी, जी मिचलाना या अपाचन की समस्या हो सकती है।

अंतिम संदेश

Imli beej ke fayde के इस लेख में आपने जाना इमली क्या होता है? इमली के उपयोग, इमली के फायदे तथा इमली सेवन के संभावित नुकसान क्या-क्या है? इस लेख में इमली से संबंधित बेहतर जानकारी देने की कोशिश की गई है, आशा है आपको पसंद आ गए होंगे। अगर आप प्राकृतिक चिकितस्या की जानकारी पाने के लिए इंटेरेसटेड है तो आप हमारे ब्लॉग को subscribe करना न भूलें। Imli beej ke fayde के इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका, धन्यवाद!

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नमस्कार दोस्तों, मैं इंडिया के सबसे बड़े लौहनगरी जमशेदपुर, झारखंड से हूँ। मैं इस ब्लॉग का लेखक और संस्थापक हूँ और इस ब्लॉग पर प्राकृतिक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य, जड़ी-बूटियों की जानकारी, प्राकृतिक उपचार, घरेलू उपचार से संबंधित जानकारी नियमित साझा करता रहता हूँ।

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