Mulethi benefits hindi के इस लेख में मुलेठी के गुण और मुलेठी के फायदे, मुलेठी के औषधीय उपयोग तथा मुलेठी के नुकसान को जानेंगे। इसके अलावा मुलेठी के विभिन्न नाम, मुलेठी का अन्य दवाइयों के साथ प्रतिक्रिया आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे।
मुलेठी क्या है – what is mulethi in hindi
- परिचय: मुलेठी (Mulethi) एक झाड़ीदार पौधा होता है। इसे प्राकृतिक उपचारों में सबसे पुराने उपचार के रूप में माना जाता है। हमारे आसपास या दूर पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसे पेड़-पौधे अक्सर देखने को मिल जाते हैं। जिसका उपयोग पारंपरिक रूप से घरेलू उपचार के रूप में करते आ रहे हैं। मुलेठी इन्हीं पौधों में से एक है जो लोगों के स्वास्थ्य को कई प्रकार से बेहतर बनाता आ रहा है। इसका इस्तेमाल सर्दी-जुकाम या खांसी में आराम पाने के लिए करते हैं। गला दर्द या गले की खराश में मुलेठी बहुत उपयोगी साबित होता है। अब मुलेठी सिर्फ खांसी और जुखाम तक सीमित रहने वाली जड़ी-बूटी नहीं रही। मुलेठी का उपयोग अब कई गंभीर रोगों को जड़ से निजात पाने के लिए किया जाता है। आज हम यहाँ मुलेठी के फायदों के साथ-साथ अन्य कई गुण आदि को भी जानेंगे।
- वैज्ञानिक नाम: इसका वैज्ञानिक नाम ग्लाइसीराइजा ग्लबरा (Glycyrrhiza glabra) है। इसके तने में कई औषधीय गुण होते हैं, चबाने पर मीठा स्वाद देता है।
- पौधे की कूल: यह Fabaceae (फैबेसी) कूल का पौधा है।
मुलेठी के अन्य नाम – Mulethi other name in hindi
Mulethi benefits hindi के इस भाग में जानिए मुलेठी के विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नाम, जो इस प्रकार है:
- हिन्दी (licorice hindi name) – मुलहठी, मुलेठी
- अंग्रेजी (mulethi english name) – Liquorice root (लिकोरिस रूट), स्वीटवुड (Sweetwood)
- बंगाली – यष्टिमधु
- ओडिया (mulethi odia name) – जेठीमध
- संस्कृत (mulethi sanskrit name) – यष्टीमधु
- उर्दू (mulethi plant urdu name) – मुलेठी
- मराठी (mulethi marathi name) – जेष्टिमधु
- गुजराती – जेठीमध
- तेलुगू – अतिमधुरम
- तमिल – आदिमधुरम
- मलयालम – अतिमधुरम
- पंजाबी – मुलेठी
- नेपाली – जेठी मधु
- अरबी (mulethi arabic name) – अस्लुस्सूस
- लैटिन (mulethi latin name) – Glycyrrhiza glabra
मुलेठी के औषधीय उपयोग – Mulethi benefits hindi
मुलेठी के गुण तथा उपयोग इस प्रकार हैं:
- मुलेठी में चिड़चिड़ापन को दूर करने की गुण होता है।
- मुलेठी निर्जलीकरण (Dehydration) में उपयोगी है।
- मुलेठी आँखों के लिए अच्छा है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता और सहन शक्ति बढ़ाता है।
- त्वचा के रंगों को निखारता है।
- आज कई लोग टूथपेस्ट में मुलेठी का इस्तेमाल करते हैं।
- यह शीघ्रपतन के इलाज में, कामोत्तेजक, वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाने में मददगार है।
- गले के विकारों और आवाज को सुधारता है।
- यह अल्सर, घाव में तथा सूजन को ठीक करता है।
- मुलेठी की जड़ एच पायलोरी संक्रमण में उपयोगी है।
- यह जहर के बुरे प्रभाव को रोक सकता है।
- यह उल्टी और मतली को रोक सकता है।
- यह बहुत अधिक प्यास लगने को कम करता है।
- यह दर्द या थकान में उपयोगी होता है।
- क्षय (टीवी) विकारों तथा अपक्षयी रोगों को कम करने में मददगार है।
- यह कफ को बाहर निकालता है साथ ही सांस से संबंधित रोगों को ठीक करता है।
- मुलेठी हृदय स्वास्थ्य को बढ़वा देता है।
- इसमें अवसाद को कम करने की गुण मौजूद है।
- यह बेहतरीन मस्तिष्क टॉनिक है।
- रक्तस्राव विकार में उपयोगी, रक्त की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाता है।
- खांसी, छाती में जमाव और गले की खराश से राहत दिलाती है।
- यह बुखार को कम कम करता है।
- जीवन की आयु को बढ़ाती है।
- यह बालों के लिए भी उपयोगी है।
मुलेठी के फायदे – Mulethi benefits hindi
मुलेठी या यष्टिमधु एक बहुत उपयगी जड़ी-बूटी है इसके उपयोग से अनेक फायदे हो सकते हैं तो चलिए कुछ जरूरी फ़ायदों को जान लेते हैं:
त्वचा के लिए मुलेठी के फायदे – mulethi benefits for skin in hindi
गुलाब जल, हल्दी पाउडर, मुल्तानी मिट्टी और मुलेठी पाउडर को अच्छी तरह मिलाकर मास्क बनाएं। इसे त्वचा पर लगाएं। मुलेठी पाउडर त्वचा को चमक देता है। यह आपकी त्वचा से दाग और काले धब्बों को हटा सकता है। यह मेलेनिन को त्वचा में कम करता है, जिससे त्वचा का रंग भी बेहतर होता है।
अल्सर में मुलेठी के फायदे
इसके लिए दिन में तीन बार एक चम्मच यष्टिमधु चूर्ण या यष्टिमधु पाउडर को एक कप दूध के साथ लेना चाहिए। चूँकि पेट का अल्सर एक गंभीर बीमारी है और इसका इलाज सही समय पर कराना बहुत जरूरी है। पेट के अल्सर को घर पर मुलेठी से भी ठीक कर सकते हैं। इसलिए पेट में अल्सर होने पर तीखी चीजों और मिर्च मसालों से दूर रहें।
खून की कमी में मुलेठी के फायदे
मुलेठी में आयरन जैसे पोषक तत्व पाया जाता है इसलिए इसके सेवन से शरीर में नया खून को बनता है। इसके लिए 10-20 मिली यष्टिमधु काढ़े में शहद मिलाकर पियें या एक चम्मच मुलेठी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर खाएं। शरीर में खून की कमी या निमोनिया होने पर यष्टिमधु खाना फायदेमंद होता है।
मुलेठी के फायदे कामोत्तजना के लिए
इसके लिए 2-4 ग्राम मुलेठी चूर्ण को घी और शहद के साथ दूध में मिलाकर साथ पी लें। मुलेठी का इस्तेमाल नपुंसकता के इलाज में, कामोत्तेजना तथा काम क्षमता में वृद्धि में किया जाता है। इसमें कामोत्तेजक गुण पाए जाते हैं। जिनकी सेक्स की इच्छा कम है इसका सेवन कर सकते हैं।
गठिया में मुलेठी के फायदे
गठिया में मुलेठी भी काफी कारगर माना जाता है। हर दिन मुलेठी की चाय के कुछ कप पिएं या अपने चिकित्सक से परामर्श करके इसका पूरक लें। यह गठिया के दो आम लक्षण, सूजन और दर्द को कम करता है। यह जड़ी-बूटी सूजन वाले गठिया रोगों का इलाज करने में सक्षम है।
मुलेठी के फायदे मधुमेह के लिए – mulethi benefits for diabetes in hindi
कुछ हद तक मुलेठी से मधुमेह का उपचार किया जा सकता है। मुलेठी जो एंटीऑक्सीडेंट और हाइपरग्लाइसेमिक गुणों से भरपूर होता है। इसलिए यह शरीर में ब्लड शुगर या ग्लूकोज लेवल को कम करने की क्षमता रखता है, जो वजन घटने के साथ-साथ दर्द और सूजन की समस्याओं को भी कम करता है। इसमें मुलेठी के पाउडर को पानी के साथ सेवन करें।
खांसी में मुलेठी के फायदे – mulethi benefits for cough in hindi
इसके लिए मुलेठी का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन 20 से 25 मिलीग्राम सेवन करने से खांसी से राहत मिलता है। खांसी में मुलेठी को मुंह में रखकर देर तक चूसते रहने से खांसी में आराम मिलता है। यदि आप सूखी खांसी से पीड़ित हैं, तो एक चम्मच मुलेठी को शहद के साथ मिलाकर दिन में दो या तीन बार चाटकर खाएं।
कमजोरी दूर करने में मुलेठी के फायदे
शरीरिक कमजोरी दूर करने के लिए मुलेठी का इस्तेमाल हमारे पूर्वज पुराने जमाने से ही करते आ रहे हैं। इसके लिए रोजाना पांच से छह हफ्तों तक एक चम्मच मुलेठी चूर्ण को एक कप दूध में मिलाकर आधा चम्मच शहद और एक चम्मच घी डालें। जब आप बहुत कमजोर महसूस कर रहे हैं तभी यह विधि अपनाएं। इसे खाने से शरीर में बल वृद्धि होती है। थकान और थकावट से राहत देने के लिए मुलेठी को अपने मधुर और रसायन गुणों के कारण तुरंत ऊर्जा प्रदान करने वाली जड़ी-बूटी के रूप में जानी जाती है।
मुलेठी के फायदे बालों के लिए – mulethi benefits for hair in hindi
मुलेठी बालों के लिए कई तरह से फायदे पहुंचा सकता है। इसके लिए मुलेठी या यष्टिमधु पाउडर, आंवले का रस और नींबू का रस मिलाकर बाल धोने से एक घंटे पहले बालों पर लगाएं। यष्टिमधु में फ्लेवोनोइड्स, फाइटोस्ट्रोजेन और कई आवश्यक तेल होते हैं जो बालों की परेशानियों को दूर करते हैं। यह बालों के झड़ने को रोकता है। यह पुरुषों में गंजेपन की समस्या को दूर कर यह डैंड्रफ़ को सिर की त्वचा से हटाकर स्वस्थ बालों का विकास करता है तथा बाल घना होता है।
मुलेठी के फायदे पेट के लिए
दिन में तीन बार मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर खाने से आराम मिलेगा। जठरांत्र क्षेत्र स्वास्थ्य पाचन प्रक्रिया से संबंधित है। मुलेठी में डिमल्सेंट गुण पाया गया है, गलत खाना या खाना ठीक से न पचने से पेट में दर्द और ऐंठन होने लगता है। इससे आंतों और पेट के दर्द में राहत मिलती है। जठरांत्र स्वास्थ्य को इसके सेवन से फायदा हो सकता है।
वजन कम करने में मुलेठी के फायदे – mulethi benefits for weight loss in hindi
मुलेठी पाउडर या टैबलेट को दिन में दो बार खाने से आप वजन कम कर सकते हैं। फाइबर की उच्च मात्रा के कारण यष्टिमधु आपको लंबे समय तक बेहतर महसूस कराता है और शरीर के वजन को कम करता है। यष्टिमधु फ्लैवोनॉयड तेल मोटापे को कम करता है और मोटापे से जुड़े रोगों को भी पहले से ही रोकता है।
ध्यान रखें:
यहाँ मुलेठी या यष्टिमधु के पाउडर की इस्तेमाल की सलाह दी गयी है आप इसके जगह इसका टैबलेट या कैप्सूल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। यदि आप किसी रोग का इलाज करने के लिए लेना चाहते हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही मुलेठी का सेवन करें।
अनिद्रा में मुलेठी के फायदे
इसके लिए मुलेठी पाउडर को शहद के साथ खाने से आपको नींद आती है। मुलेठी में ग्लाइसीर्रिजिन नामक यौगिक पाया जाता है। मुलेठी खाना आपको अच्छी नींद दे सकता है। अनिद्रा की समस्या को दूर करने के लिए औषधीय रूप में इसका उपयोग बहुत पहले से ही होता आ रहा है।
मुख स्वास्थ्य के लिए मुलेठी के फायदे
मुलेठी पाउडर का पेस्ट बनाकर टूथपेस्ट बना लें तथा इसका इस्तेमाल करें। मुलेठी खाने से भी आपके मुंह को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। मुलेठी में ग्लाइसीर्रिजिन, ग्लेब्रिडिन, लाइसोक्लेकोन ए, लाइसोरिसिडिन और लाइकोरिसोफ्लेवन ए की यौगिक पायी जाती है। यह मुंह के कई रोगों का उपचार कर सकते हैं।
मुलेठी के फायदे हृदय स्वास्थ्य के लिए
मुलेठी में हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के गुण पाए जाते हैं। मुलेठी में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को कम करती है। इनके इन गुणों की वजह से हृदय को कई प्रकार से स्वास्थ्य लाभ मिलता है जिससे हार्ट-अटैक जैसे समस्याओं को रोक जा सकता है। इसके लिए मुलेठी के चूर्ण या टैबलेट का सुबह-शाम सेवन करें।
ध्यान रखें:
Mulethi uses in hindi में मुलेठी या यष्टिमधु के इस्तेमाल करने के दौरान आपको परहेज की भी आवशकता पड़ सकती है तभी दवा का असर अच्छी तरह से हो सकेगा और दवा ठीक से काम करेगा:
जैसे –
बाहर का खाना, तेलिया चीज, फास्ट फूड, चाय या कॉफी, माँस, मछली, अंडा इत्यादि व जो जल्दी नहीं पचता हो।
कारण है जड़ी-बूटी का असर धीरे-धीरे होगा तथा इन सब का असर तेजी से होता है इसीलिए प्रायः परहेज की सलाह दी गई है।
मुलेठी के उपयोगी भाग
Mulethi benefits hindi के इस भाग में हम जानेंगे मुलेठी के उपयोगी भाग जिसे आयुर्वेदिक तथा आधुनिक दवाई बनाने में इस्तेमाल किया जाता है:
- जड़
- तने
बाजार में मुलेठी इन सभी फ़ोरम में उपलब्ध है:
मुलेठी (यष्टिमधु) किस रूप में उपलब्ध है?
- पाउडर (चूर्ण)
- कैप्सूल
- टैबलेट
- सिरप या रस
- जड़ या तना
- जूस
- तेल
मुलेठी में मिलने वाला पोषक तत्वों का वर्गीकरण:
मुलेठी अनेक प्रकार के पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है जो इस प्रकार है:
क्रमांक | पौषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम में |
1 | जल | 6.3 g |
2 | कार्बोहाइड्रेट | 93.55 g |
3 | आयरन | 0.13 mg |
4 | कैल्शियम | 3m g |
5 | डाइटरी फाइबर | 0.2 g |
6 | शुगर | 70 g |
7 | विटामिन बी-6 | 0.004 mg |
8 | ऊर्जा | 375 kcal |
9 | सोडियम | 50 mg |
10 | कॉपर | 0.028 mg |
मुलेठी का अन्य दवाइयों के साथ प्रतिक्रियाएं
- होम्योपैथिक दवा के साथ प्रतिक्रिया: अब तक यष्टिमधु या मुलेठी का होम्योपैथिक दवा के साथ प्रतिक्रिया नहीं देखा गया है।
- एलोपैथिक या पश्चिमी दवाओं के साथ प्रतिक्रिया: यदि आप यष्टिमधु को एलोपैथिक दवाओं के साथ ले रहे हैं तो अपने चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ एलोपैथिक दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकती हैं। यदि चिकित्सक द्वारा यष्टिमधु और एलोपैथिक दोनों दवाओं को एक साथ सेवन करने की सलाह दी जाती है, तो पहले एलोपैथिक दवा लेना चाहिए तथा आधे घंटे बाद यष्टिमधु लेनी चाहिए।
- मल्टीविटामिन टैबलेट या ओमेगा 3 फैटी एसिड के साथ प्रतिक्रिया: हाँ, यह उत्पाद अधिकांश आहार अनुपूरकों के साथ आम तौर पर काम करता है। हालाँकि, आप एक से अधिक दवा प्रतिदिन ले रहे हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
मुलेठी के नुकसान – mulethi side effects in hindi
सामान्यतः मुलेठी के कोई नुकसान नहीं है पर निर्धारित मात्रा से अधिक सेवन करने से निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं: जैसे
सिरदर्द, थकान, सूजन की समस्या,
सांस लेने में तकलीफ,
जोड़ों में अकड़न, आलस्य,
हाई ब्लड प्रेशर, पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन स्तर कम होना तथा मांसपेशियां कमज़ोर हो सकती हैं।
निम्नलिखित स्तिथि में मुलेठी का इस्तेमाल न करें जैसे- किडनी के रोगी, मधुमेह के मरीज और गर्भवती महिलाएं
मूत्रवर्धक या हाइपोथायरायडिज़्म से पीड़ित लोग सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
FAQ – Mulethi benefits hindi
मुलेठी खाने के क्या-क्या फायदे हैं?
आयुर्वेद में मुलेठी वर्षों से कई रोगों को जड़ से दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। सर्दियों में भी मुलेठी पाउडर खाने से जुकाम और खांसी दूर हो सकती है। मुलेठी को चबाने से गले में खराश, नाख बंद, स्किन इंफेक्शन, साँस से संबंधित समस्याएं, मोटापा, गैस्ट्रिक समस्याएं, जोड़ों में दर्द आदि दूर हो सकते हैं। इसके लिए मुलेठी की जड़ और तना उपयोग कर सकते हैं।
क्या गर्भावस्था के दौरान यष्टिमधु का सेवन कर सकते हैं?
नहीं। गर्भावस्था में यष्टिमधु लेने से बच्चे में आईक्यू कम हो सकता है। मुलेठी प्रसव को समय से पहले कर सकती है। इससे सहन शक्ति का अभाव हो सकती है। अतः मुलेठी को गर्भावस्था के दौरान आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रयोग किया जा सकता है।
मुलेठी की तासीर कैसी होती है?
इसकी तासीर ठंडी (शीतलक) होती है। इसलिए इसे सर्दियों के मौसम में लेना नुकसानदायी हो सकता है तथा अगर आप इसे किसी बीमारी की इलाज के रूप में ले रहे हैं तो पहले अपने वैध से बोलकर करें।
मुलेठी किसे नहीं खाना चाहिए?
गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह से ही इसका उपयोग करना है। उच्च रक्तचाप वाले रोगियों को अधिक मात्रा में खाने से खतरा हो सकता है। अगर किसी दूसरी बीमारी की इलाज चल रही है तो मुलेठी का सेवन डॉक्टर से पूछकर करना चाहिए।
क्या मुलेठी किडनी और लिवर को खराब कर सकती है?
मुलेठी का हेपेटोप्रोटेक्टिव प्रभाव लिवर की चोट को कम कर सकता है। लेकिन किडनी रोगियों के लिए मुलेठी खाना गंभीर हो सकता है।
मुलेठी का सेवन कैसे करें?
आपको मुलेठी खाना चाहिए अगर आप अक्सर थक जाते हैं या कमजोर हो जाते हैं। इसके लिए एक चम्मच घी और एक चम्मच शहद को दो ग्राम मुलेठी पाउडर में मिलाकर गर्म दूध में पिएं। मुलेठी के गुण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।
मुलेठी कब और कहाँ होती है
जनवरी से फरवरी तक और जुलाई से अगस्त तक मुलेठी का रोपण होता है। भारत में मुलेठी की खेती के लिये राजस्थान की गर्म और शुष्क जलवायु अच्छी मानी जाती है। आज-कल हिमाचल प्रदेश के कुछ स्थानों पर इसकी खेती विकसित की जा रही है।
उपयोग में कैसे लाया जाता है
मुलेठी को काटने के बाद, इनके तने और जड़ को छाल के साथ सुखाकर फिर छोटे टुकड़ों में काटकर पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
अंतिम संदेश
Mulethi benefits hindi के इस लेख में आपने जाना मुलेठी क्या होता है? इनके गुण क्या है? उपयोग, फायदे तथा इनके सेवन के संभावित नुकसान क्या-क्या है? इस लेख में मुलेठी से संबंधित बेहतर जानकारी देने की कोशिश की गई है, आशा है आपको पसंद आ गए होंगे। Mulethi benefits hindi के इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका, धन्यवाद!