शतावरी के 16 शानदार फायदे – Shatavari benefits hindi

Shatavari benefits hindi के इस लेख में आप जानने वाले हैं, शतावरी के औषधीय गुण, शतावरी के फायदे, शतावरी का उपयोग तथा शतावरी के नुकसान। इसके अलावा शतावरी के अन्य नाम, शतावरी में पोषक तत्व इत्यादि के बारे में विस्तृत रूप से जानेंगे।

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4 शतावरी के फायदे – Shatavari benefits hindi

शतावरी एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग हमारे पूर्वजों द्वारा खूब किया जाता था तथा इसका स्वास्थ्य फायदा उन्होंने उठाया। लेकिन अभी के समय में इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को है। जानकारी के अभाव में हमलोग इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। तो आज इस आर्टिकल में आपको शतावरी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं, इसे पूरा पढें।

शतावरी क्या है – Shatavari in hindi

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  • शतावरी परिचय: शतावरी (shatavari hindi) एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। आमतौर पर इसे सतावर के नाम से जाना जाता है। शतावरी बेल झाड़ की तरह होता है। इसकी लताएं झाड़ीदार होती हैं। इसकी जड़े १ से २ सेमी मोटी और ३० से १०० सेमी लम्बी होती हैं। 100 से अधिक जड़े सिर्फ एक बेल के नीचे होती हैं। इसी कारण इसका नाम शतावरी पड़ा।
  • सतावर पहचान: शतावरी की जड़ों में नुकीले दोनों सिरे होते हैं। इन जड़ों पर एक छोटा, भूरा छिलका रहता है। इस छिलके से दूध की तरह सफेद जड़ें निकलती हैं। इन जड़ों के बीच में कड़ा रेशा है, जो सूखी या गीली होने पर ही निकाला जा सकता है। शतावरी भारी, शीतल, कड़वी, मधुर तथा स्वादिष्ट रस युक्त है।
  • वैज्ञानिक नाम (shatavari botanical name in hindi) : एस्पेरेगस रेसिमोसस (Asparagus racemosus)
  • शतावरी पौधे परिवार (shatavari family name in hindi) : Liliaceae (लिलियसी)
  • शतावरी कितने प्रकार के होते हैं: शतावरी दो प्रकार की होती हैं:
    • विरलकन्द शतावर: इस शतावर के छोटे कन्द होते हैं। जो फूले हुए हैं, वे गुच्छों और मांसल होते हैं। छोटे, मांसल, फूले हुए, गुच्छों में लगे हुए इसके कन्द हैं। इस कन्द का काढ़ा बनाया जाता है और खाया जाता है।
    • कुन्तपत्रा शतावर: शतावर एक झाड़ीदार पौधा है। इसके मोटे कन्द छोटे होते हैं। इसके सफेद फूल गोल हैं और फल भी गोल होते हैं। कच्चे फल हरे होते हैं, लेकिन पकने पर वे लाल हो जाते हैं।
  • शतावरी कहाँ मिलता है शतावरी झारखण्ड के ज्यादातर वनों में आसानी से दिख जाने वाली जड़ी-बूटी है। शतावरी बिहार के पठारी भागों और गंगा के ऊपरी मैदानों में भी पाई जाती है। शतावरी की खेती भारत में कई स्थानों पर की जाती है। यह 1500 मीटर की ऊंचाई पर हिमालयी क्षेत्रों में इसकी खेती भी की जाती है। इसके अलावा शतावरी के पौधे श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और ट्रॉपिकल अफ्रीका आदि में भी पाए जाते हैं।

शतावरी के अन्य नाम – Shatavari other names in hindi

Shatavari benefits hindi में ही नहीं बल्कि देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है:

  • हिन्दी (shatavari hindi name) – सतावर, शतावरी
  • English (shatavari english name) – Asparagus (एस्पैरागस)
  • बंगाली (shatavari bengali name) – शतमूली
  • उड़िया – चोत्तारु
  • गुजराती (shatavari gujarati name) – एकलकान्ता
  • मराठी – शतावरी
  • तमिल (shatavari tamil name) – किलावरि
  • तेलगू (shatavari telugu name) – छल्लागडडा
  • उर्दू (shatavari urdu name) – सतावरा
  • पंजाबी – बोजीदान
  • संस्कृत (shatavari sanskrit name) – शतावरी, शतमूली
  • नेपाली – सतामूलि
  • लैटिन (shatavari latin name in hindi) – Asparagus racemosus या एस्पैरागस रेसिमोसस

शतावरी के उपयोग – Shatavari uses in hindi

शतवारी औषधीय रूप में निम्नलिखित उपयोग होते हैं:

शतावरी के फायदे – Shatavari benefits hindi

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शतावरी के उपयोग (Shatavari uses in hindi) जानने के बाद अब हम Shatavari benefits hindi (शतावरी के फायदे हिन्दी में) इनके कुछ प्रभावी फायदों के बारे में जानेंगे:

बालों के लिए शतावरी के फायदे – Shatavari benefits for hair in hindi

शतावरी बालों के स्वास्थ्य के लिए एक उत्तम आयुर्वेदिक उपाय है। शतावरी विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट्स और खनिजों की भरपूर मात्रा होती है, जो बालों को मजबूती प्रदान करने में मदद करती है। शतावरी के नियमित सेवन से बालों की रूखी कम होती है और उन्हें मुलायम बनाए रखता है। आजकल के जीवनशैली में ज्यादातर लोग बालों की समस्याओं से जूझ रहे हैं और इसलिए शतावरी वरदान साबित हो सकती है। इसके लिए आप शतावरी पाउडर को दूध या पानी में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। यह दिन में एक बार करें ताकि आपके बालों को उनकी आवश्यकता होने वाली मदद मिले।

वजन बढ़ाने के लिए शतावरी के फायदे – Shatavari benefits for weight gain in hindi

यूं तो आजकल सभी जगह मोटापा घटाने की उपाय बताया जाता है पर आज यहाँ पर शतावरी से वजन कैसे बढ़ाया जाय इसकी उपाय बताया जाएगा। शतावरी एक पौष्टिक हर्बल पौधा है जिसे वजन बढ़ाने में सहायक माना जाता है। शतावरी पौष्टिक तत्वों से भरपूर है, जिससे भूख बढ़ती है और वजन वृद्धि होती है। शतावरी में प्रोटीन, विटामिन और खनिज होते हैं, जो वजन बढ़ाने में सहायक होते हैं। इसके लिए शतावरी पाउडर को दूध या पानी के साथ सेवन किया जा सकता है। इसे दिन में एक या दो बार ले सकते हैं।

शतावरी के फायदे स्तनों को बढ़ाने के लिए – Shatavari benefits for breast size increase in hindi

प्राकृतिक रूप से ब्रेस्ट साइज़ को बढ़ाने के लिए शतावरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। शतावरी में फाइटोएस्ट्रोजेन की मात्रा होने के कारण छाती से चिपकी हुई स्तनों को उसका सही आकार में बढ़ाया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से महिलाओं में वसा ऊतकों के निर्माण में बढ़ोतरी होती है। जिससे स्तनों के साइज़ भी बढ़ती है। इसलिए शतावरी के सेवन से महिलाएं अपने ब्रेस्ट साइज को बढ़ा सकती हैं।

इसके लिए शतावरी चूर्ण, टेबलेट, कैप्सूल या जूस को किसी भी रूप में ले सकते हैं। इसके लिए शतावरी को दूध या पानी के साथ दिन में दो बार सेवन करें।

शतावरी के फायदे स्तनों में दूध वृद्धि के लिए – Shatavari benefits for breast milk in hindi

कुछ महिलाओं को माँ बनने के बाद दूध की कमी की शिकायत होती है। इसलिए महिलाओं के दुग्ध उत्पादन की मात्रा बढ़ाना हो या दूध की पौष्टिकता में सुधार करना हो दोनों ही मामलों में शतावरी के सेवन से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। चूँकि शतावरी में गैलेक्टोगॉज नामक केमिकल पाया जाता है जिससे स्तनपान में सुधार किया जा सकता है।

  • इसके लिए 10 ग्राम शतावरी के जड़ के चूर्ण गाय के दूध के साथ सेवन करना चाहिए।
  • दूसरा तरीका शतावरी के जड़ के चूर्ण और मिश्री को बराबर मात्रा में पीसकर पाउडर बनाकर रख लें। लगभग एक चम्मच पाउडर को 1 कप दूध के साथ दिन में 3 बार पिलाएं।

स्तनों का जमा दूध निकालने के लिए – Shatavari benefits hindi

अगर किसी कारणों से माता के स्तनों में दूध जमा हो गया है तो इसे निकालना जरूरी होता है अन्यथा स्तिथि अत्यंत गंभीर हो सकती है। तो इसके लिए शतावरी, सौंफ और बिदारीकंद तीनों के 50-50 ग्राम मात्रा को पीसकर छानकर लें। इसे 5 ग्राम दूध या पानी के साथ लें। इस प्रयोग से माता के छाती का जमा हुआ दूध पिघलकर उतर जाएगा और राहत मिलेगा।

त्वचा के लिए शतावरी के फायदे – Shatavari benefits for skin in hindi

शतावरी त्वचा के लिए एक प्राकृतिक उपाय है जो आपकी त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद कर सकता है। शतावरी त्वचा को मोइस्चराइज़ करता है, रंगत को बनाए रखता है और झुर्रियों को कम करता है। शतावरी के जूस को रोजाना सुबह-शाम सेवन करें। कुछ ही दिनों में फर्क दिखने लगती है। शतावरी चेहरे पर या त्वचा पर प्राकृतिक निखार लाती है।

बवासीर में शतावरी के फायदे – Shatavari benefits for piles in hindi

शतावरी का इस्तेमाल बवासीर में राहत दे सकता है बेहतर परिणाम के लिए इसका नियमित निर्धारित मात्रा में सेवन करें। इसके लिए 2 से 4 gm शतावरी पाउडर गाय के दूध के साथ इस्तेमाल करना चाहिए।

हृदय रोग में शतावरी के फायदे – Shatavari benefits for heart disease in hindi

शतावरी को हृदय रोग में एक अच्छा प्राकृतिक उपचार माना जा सकता है। अगर आपका दिल की धड़कन अनियमित (कुछ हुआ की नहीं धड़कन तेज हो जाता है) दिल कमजोर हो गया है। खून में कोलेस्ट्रॉल ज्यादा हो गया है या दिल की मांसपेशियों कमजोर हो गई है। शतावरी दिल के दौरे, दिल में खून के थक्कों के खतरे, हृदय के ब्लॉक होने के खतरों को कम करता है। शतावरी के सेवन से मन शांत रहता है और दिल के कार्य करने की सिस्टम को आराम मिलता है। इसके लिए 3 से 6 ग्राम शतावरी चूर्ण को दूध या पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करें।

अपच में शतावरी के फायदे – Shatavari benefits in indigestion in hindi

क्या आपको खाना खाने के बाद ठीक से हजम नहीं हो रहा है और पेट दर्द हो रहा है? तो इसे आजमाएं, चूँकि स्वास्थ्य रहने के लिए पाचन क्रिया सही से काम करना जरूरी होता है। सतावरी में प्रयाप्त मात्रा में फाइबर होता है। इसलिए यह पित्त दोष या किसी भी कारणों से उत्पन्न पेट की समस्या को भी ठीक कर सकता है और पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलने में मदद कर सकता है।

इसके लिए 5 ml शतावरी जड़ के रस में मधु को मिलाकर गाय के दूध के साथ पी लें। इससे अपच की समस्या ठीक होती है तथा पेट दर्द में भी आराम मिल सकता है।

नपुंसकता में शतावरी के फायदे – Shatavari benefits in impotence in hindi

यदि तनाव, चिंता या हस्थमैथून आदि किसी भी कारणों से कामेच्छा की कमी, मर्दांनगी ताकत की क्षती हुई है तो शतावरी में इसकी भरपाई करने की क्षमता है। यह प्राकृति का वरदान जो हमें पौरुषशक्ति और सहनशक्ति की वापसी कर नया यौवन शक्ति प्रदान कर सकती है।

  • मात्रा: 2 ग्राम शतावरी चूर्ण और 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को देशी गाय के दूध में उबाल कर पीने से नपुंसकता में लाभ होता है। इसमें मिश्री मिलाकर सेवन करने से परिणाम जल्दी मिलता है।
  • दूध में 3 ग्राम शतावरी का चूर्ण उबालकर मिश्री मिलाकर पीने से सहवास(सेक्स) कमजोरी दूर होगी।

सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन कने से कुछ ही दिनों में परिणाम देखने को मिल जाता है। इसे आप 3 महीनों तक सेवन तक सेवन कर सकते हैं।

घाव में शतावरी के फायदे – Shatavari benefits in injury in hindi

शतावरी का इस्तेमाल घाव को ठीक करने में भी किया जाता है। यदि हाल ही में चोट लागी है या पुराना घाव जो बहुत दिनों से ठीक नहीं हो रहा हो तो आप एक बार इसे ट्राइ जरूर कर सकते हैं। इसके लिए 20 ग्राम शतावरी के ताजे पत्तों को कूटकर पाउडर बना लें तथा 40 ग्राम देशी घी में तल लें। अब इस पाउडर को अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट बनाकर घाव पर लगाएं।

एंटी-ऐजिंग के लिए शतावरी के फायदे – Shatavari benefits for anti-aging in hindi

शतावरी के जड़ में सैपोनिन नामक रसायन पाया जाता है जिसका काम है मुक्त-कट्टरपंथी त्वचा की क्षति को कम करना। यह रसायन कोलेजन को टूटने से रोकता है। इससे उम्र का प्रभाव कम दिखाई देता है। इसके लिए 3 से 6 gm शतावरी चूर्ण को दो बार दूध या पानी के साथ सेवन करें।

इम्यूनिटी के लिए शतावरी के फायदे – Shatavari benefits for immunity in hindi

अगर अप्राकृतिक लाइफ स्टाइल की वजह से आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी हो गई है। यदि आज कल आपको किसी भी चीज से बहुत ज्यादा एलर्जी हो रही है। तो यह भी एक कारण हो सकता है कि प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है। आपकी प्रतिरोधक क्षमता को प्राकृतिक रूप से बनाये रखने के लिए शतावरी उपयुक्त हो सकता है। इसमें मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स प्रतिरोध क्षमता को मजबूत करती है। शतावरी में मौजूद विटामिन A, विटामिन C और विटामिन E शरीर से जुड़े संक्रमणों के प्रति प्रभावी है। इसके लिए सतावर चूर्ण को 3-6 gm दूध के साथ सुबह-शाम 3 महीनों तक सेवन करें।

मस्तिष्क के लिए शतावरी के फायदे – Shatavari benefits for Brain in hindi

शतावरी डिप्रेशन की समस्या में सुधार कर सकती है। शतावरी में मौजूद ओमेगा 3, विटामिन B-6 और राइबोफ्लेविन साथ ही इसमें वसा की मात्रा कम पायी जाती है। शतावरी के इन्हीं गुणों के कारणों से मस्तिष्क स्वास्थ्य के विकास करने में और प्रतिरक्षा को मजबूत बनाने में मददगार साबित हुई है। यह मस्तिष्क को तनाव मुक्त बनती है और अच्छी नींद लाती है जिससे मस्तिष्क या मन शांत तथा मन की एकाग्रता बढ़ती है।

मात्रा: सतावर चूर्ण को 3-6 gm दूध या पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करें। चूर्ण के जगह आप शतावरी के टैबलेट या कैप्सूल भी लें सकते हैं।

स्वप्न दोष में शतावरी के फायदे – Shatavari benefits for Nightfall in hindi

रात को नींद में अपने आप वीर्य का निकाल जाना स्वपन्न दोष कहलाता है। यह किशोरावस्था में सभी के साथ हो सकता है। इससे घबराने की बात नहीं है। इस दोष के निदान के लिए शतावरी की ताजी जड़ और धागा मिश्री को 250 + 250 ग्राम की मात्रा को कूट-पीसकर महीन बना लें। अब इस चूर्ण को लगभग 6 से 10 ग्राम की मात्रा 250 ml दूध के साथ सुबह – शाम सेवन करें।

इस दौरान हस्तमैथुन करने से परहेज करें तथा गर्मी पैदा करने वाली (मिर्च, मसाला, तला हुआ या मांस, मछली आदि) भोजन न करें।

अनिद्रा में शतावरी के फायदे – Shatavari benefits for insomnia in hindi

कई बार हम मानसिक तनाव या चिंता के कारण अनिद्रा के शिकार हो जाते हैं। अगर आपको रात में विस्तार पर सोने पर भी नींद नहीं आ रही है, तनाव या किसी भी कारणों से तो इसके इलाज के लिए शतावरी शांति पूर्वक नींद लाने के लिए मददगार हो सकता है। इसके लिए 2 से 4 ग्राम सतावर चूर्ण लें और अच्छी तरह दूध में पका लें। अब इसमें थोड़ा सी मात्रा में शुद्ध गाय की घी में मिलाकर सेवन करें। यह एक खुराक है। शतावरी मानसिक तनाव को कम कर हमें आरामदायक नींद लाने में मदद करती है।

सावधानियाँ

जिन लोगों को liliaceae परिवार के पौधे, फल, सब्जियों आदि (जैसे- लहसुन, प्याज, एलोवेरा, लिली आदि ) से एलर्जी है कृपया ऐसे लोग या रोगी शतावरी का सेवन करने से बचें।

शतावरी के उपयोगी भाग – Shatavari benefits hindi

अब हम आपको shatavari benefits hindi के इस भाग में शतावरी के दवाई तथा आहार अनुपूरक के रूप में उपयोग होने वाले भाग के बारे में बता रहे हैं-

  • शतावरी जड़ अथवा (कंद रूपी जड़)
  • शतावरी के पत्ते
  • शतावरी के पौधे
  • शतावरी के फल

शतावरी किस रूप में उपलब्ध है – Shatavari benefits hindi

शतावरी के निम्नलिखित रूप देखने को मिलेंगे जिसे हम आसानी से किसी भी आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर या ऑनलाइन भी ऑर्डर कर सकते हैं:

  • शतावरी पाउडर या चूर्ण
  • शतावरी कैप्सल
  • शतावरी टैबलेट
  • शतावरी का सूखा जड़

शतावरी के पोषक तत्वों का वर्गीकरण – Shatavari indgrants in hindi

शतावरी निम्नलिखित आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है:

पोषक तत्वप्रति 100 ग्राम शतावरी में
ऊर्जा20,000 कैलोरी
कार्बोहाइड्रेट3.38 gm
प्रोटीन2.2 gm
वसा 0.12 gm
विटामिन C5.6 mg
विटामिन K0.0416 mg
विटामिन E 1.13 mg
विटामिन B-60.091 mg
आयरन1.14 mg
कैल्शियम24 mg
सोडियम2 mg
जिंक0.54 mg
आहारीय फ़ाइबर2.1 gm
फास्फोरस52 mg
पोटैशियम202 mg
मैग्नीशियम14 mg
मैंगनीज0.158 mg
थायमिन0.143 mg
Shatavari Benefits Hindi: पोषक तत्वों का वर्गीकरण

शतावरी में इसके अलावा और भी कई तरह की पोषक तत्व पाया जाता है।

शतावरी के अन्य दवाईयों के साथ प्रतिक्रिया – Shatavari interactions in hindi

मूत्रावर्धक शतावरी: अगर आप मूत्रवर्धक (पोटेशियम कम करने वाली या पानी की गोलियां) ले रहे हैं तो शतावरी का सेवन करने से बचें क्योंकि शतावरी में पोटेशियम कम मात्रा में पाया जाता है। इसलिए मूत्रवर्धक या जल पिल्स भी पोटेशियम को कम कर सकता है। शतावरी का उपयोग मूत्रवर्धक के साथ खतरनाक रूप से कम हो सकता है।

जो लोग ब्लड शुगर को कम करने वाली दवाई ले रहें हैं उसे शतावरी का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि शतावरी ब्लड शुगर को और ज्यादा कम कर सकता है।

एलोपथी-शतावरी: शतावरी कुछ अंग्रेजी दवाईयों के साथ प्रतिक्रिया कर सकती हैं इसलिए इसे साथ में लेने से पहले से योग्य वैध की सलाह लें।

शतावरी के नुकसान – Shatavari side effects in hindi

शतावरी औषधीय गुणों की खान है परंतु इसके इस्तेमाल के कुछ नुकसान भी है इसलिए इसे सावधानी पूर्वक लेनी चाहिए। चूँकि Animals पर हुए शोधों से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मनुष्यों पर निम्नलिखित साइड इफेक्ट होने की संभावना है:

  • चक्कर आना
  • साँस लेने में दिक्कत होना
  • दिल की धड़कन तेज होना
  • आँखों में या त्वचा में खुजली
  • पित्ती या दाने होना
  • सीधे त्वचा में लगाने से एलर्जी की समस्‍या होना आदि।

शतावरी सेवन के दौरान इस तरह के लक्षण आपको दिखाई देने पर या महसूस होने पर तुरंत योग्य चिकित्सक से संपर्क करें।

FAQ – Shatavari benefits hindi

शतावरी की तासीर कैसी होती है?

आयुर्वेद के अनुसार शतावरी की तासीर शीतल(ठंडी) कही गई है। वहीं कुछ यूनानी अनुसंधान रिपोर्ट में इसको गर्म तासीर का माना गया है। शतावरी के सेवन से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकता है इसलिए इसका सेवन सावधानी पूर्वक करनी चाहिए।

शतावरी के कौन-कौन से भाग उपयोग में लाया जाता है?

मुख्य रूप से इनके मांसल जड़ों को उपयोग में लाया जाता है। आयुर्वेदिक दवाई के रूप में इसका काढ़ा, पाउडर, टैबलेट, कैप्सल आदि बनाया जाता है। यूनानी दवाई में भी इसका इस्तेमाल होता है। साथ ही इनके पत्ते, पौधे आदि का भी उपयोग किया जाता है।

शतावरी क्या है?

शतावरी एक बेल रूपी झाड़ीदार पौधा है जिसके जड़ में 100 से ज्यादा गुददेदार मांसल जड़ होता है। इन्हीं कारणों से इसे शतावरी कहा जाता है। इसकी पौधा या बेल झाड़ीदार तथा काँटेदार होता है। इनके जड़ का उपयोग दवाई के रूप मे उपयोग किया जाता है। शतावरी का उपयोग पेट दर्द, त्वचा रोग, बालों का झड़ना, मूत्र विकार, सेक्शुअल समस्या, स्त्री रोग आदि में किया जाता है।

शतावरी किस रूप में उपलब्ध है?

वर्तमान में शतावरी आसनी से हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर में या ऑनलाइन मिल जाता है। इसकी टैबलेट, कैप्सल, पाउडर(चूर्ण), सिरप या इसका सूखा जड़ भी मिल जाता है। आप इसके सूखे जड़ से काढ़े बना कर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं या पाउडर भी बना सकते हैं।

क्या शतावरी का सेवन गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान कर सकते हैं?

आयुर्वेद के अनुसार शतावरी का सेवन गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान सुरक्षित कही गई है परंतु मेडिकल साइंस में इसका पर्याप्त अनुसंधान सबूत नहीं होने कारण सेवन की स्पष्टता नहीं है। इसलिए अपनी सुरक्षा के दृष्टि से डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

शतावरी सेवन करने का सबसे अच्छा समय कब होता है?

ऐसे तो आप सतावरी हर मौसम में लें सकते हैं चूँकि आयुर्वेद के अनुसार इसकी तासीर शीतल होती है लेकिन कुछ अनुसंधान रिपोर्ट में गर्म तासीर माना गया है। उचित मात्रा में लें और लंबे समय तक इस्तेमाल से बचें।

शतावरी कहाँ होता है?

पुराने समय में शतावरी जंगलों या वनों से ही प्राप्त हो जाता था। यह भारत में झारखण्ड, बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हिमालय आदि जंगलों से प्राप्त हो जाता है। आजकल इसका खेती झारखण्ड, उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों मे की जाती है। शतावरी भारत के अलावा श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, अफ्रीका आदि में भी पाया जाता है।

शतावरी में कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं?

शतावरी में 20 से अधिक पोषक तत्व पाया जात है। इनमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, ऊर्जा, फाइबर, शुगर, कैल्शियम, आयरन, विटामिन B6, विटामिन B12, विटामिन K, विटामिन D, विटामिन D2 विटामिन D3 इत्यादि भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल आहार अनुपूरकों के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है और दवाई के रूप में भी।

शतावरी का उपयोग कैसे करें?

शतावरी का उपयोग हम दो तरीके से कर सकते हैं: आहार अनुपूरक के रूप में और किसी बीमारी के इलाज के लिए। आहार अनुपूरक के रूप में जिसे हमारे शरीर में कमी पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है इसके लिए इसके काढ़े का सेवन तथा शतावरी के अंकुर पौधे को पका कर खाने से पूर्ति होती है। बीमारी के इलाज के लिए इसका पाउडर, टैबलेट आदि का निर्धारित मात्रा में सेवन करने से सही समय पर ठीक हो जाता है। इससे शरीर में नया यौवन शक्ति का संचार होता है तथा शरीर मजबूत बनता है।

शतावरी का उपयोग कितनी मात्रा में करें?

हम शतावरी को निम्नलिखित मात्रा सेवन करने की सलाह देते हैं। एक वयस्क के लिए यह निर्धारित मात्रा है। सुबह नास्ते से पहले और रात को खाने के 1 घंटा पूर्व इसका दूध या पानी या चिकित्सीय सलाह में सेवन करना चाहिए। मात्रा: पाउडर 3 से 6 gm, जूस 10 से 20 ml, काढ़ा 50 से 100 ml तक इस्तेमाल कर सकते हैं। मात्रा शरीर के स्तिथि के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।

अंतिम संदेश

Shatavari benefits hindi के इस लेख में आपने जाना शतावरी क्या होता है? इनके गुण क्या है? उपयोग, फायदे तथा इनके सेवन के संभावित नुकसान क्या है? इस लेख में शतावरी से संबंधित बेहतर जानकारी देने की कोशिश की गई है, आशा है आपको पसंद आ गए होंगे। Shatavari benefits hindi के इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका, धन्यवाद!

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नमस्कार दोस्तों, मैं इंडिया के सबसे बड़े लौहनगरी जमशेदपुर, झारखंड से हूँ। मैं इस ब्लॉग का लेखक और संस्थापक हूँ और इस ब्लॉग पर प्राकृतिक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य, जड़ी-बूटियों की जानकारी, प्राकृतिक उपचार, घरेलू उपचार से संबंधित जानकारी नियमित साझा करता रहता हूँ।

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