तुलसी के 14 बेहतरीन फायदे | Tulsi plant benefits in hindi

Tulsi plant benefits in hindi के इस लेख में तुलसी के गुण और फायदे, तुलसी के औषधीय उपयोग तथा तुलसी के नुकसान को जानेंगे। इसके अलावा तुलसी के विभिन्न नाम, तुलसी कितने प्रकार के होते हैं तथा तुलसी के पत्ते में क्या पाया जाता है और तुलसी के आयुर्वेदिक उपयोग के बारे में विस्तार से जानेंगे।

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5 तुलसी के फायदे – Tulsi plant benefits in hindi

तुलसी क्या है – Tulsi in hindi

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  • तुलसी का परिचय : तुलसी (tulsi hindi) एक अद्भुत और गुणकारी पौधा है, जिसे हम प्यार से तुलसी माँ कहते हैं। इसकी पत्तियाँ हरे रंग की होती हैं और इसका स्वाद मिठा, कड़वा, कसैला आदि होता है। यह भारतीय घरों में धार्मिक और आयुर्वेदिक उपचार के लिए उपयोग होता है। तुलसी के पौधे को पूजा जाता है और इसे सुखद खुशबू के लिए भी आँगन में पूजा स्थल में लगाया जाता है। सिर्फ इसके खुशबू से ही कई सारे रोगों का निदान होता है। इसकी पत्तियों में विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं।
  • तुलसी का वैज्ञानिक नाम (tulsi scientific name in hindi) : Ocimum sanctum (ऑसीमम सैक्टम)
  • तुलसी का कुल नाम (tulsi family name in hindi) : Lamiaceae (लैमियासी)
  • तुलसी का कॉमन नेम (Tulsi common name) : तुलसी, Holy basil या ऑसीमम वेसिलिकम
  • तुलसी के प्रकार (type of tulsi plant in hindi) : तुलसी, एक अद्वितीय और गुणकारी पौधा है जो भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसके प्रमुख प्रकार हैं – श्रीतुलसी (ओसिमम सैंक्ट्रियम), रामतुलसी (ओसिमम टेनुफ्लोरम), वन तुलसी (ओसिमम बेसिलिकम) और जंगली तुलसी (ओसिमम बसिलिकम वर. बुबोसम)।

तुलसी के अन्य नाम – Other name of tulsi in hindi

Tulsi plant benefits in hindi के इस भाग में जानिए तुलसी के विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नाम, जो इस प्रकार है:

  • हिन्दी (tulsi hindi name) – तुलसी
  • अंग्रेजी (tulsi english name) – Holy Basil
  • बंगाली – तुलसी
  • ओडिया (tulasi odia name) – तुलसी
  • संस्कृत (tulsi sanskrit name) – तुलसी
  • उर्दू (tulsi plant urdu name) – रेहान
  • मराठी (tulsi marathi name) – तुलस
  • गुजराती – तुलसी
  • तेलुगू – गग्गेर चेट्टु
  • तमिल – तुलशी
  • मलयालम – तुलसी
  • पंजाबी – तुलसी
  • नेपाली – तुलसी
  • अरबी (tulsi arabic name) – दोहश
  • लैटिन (tulsi latin name) – Ocimum sanctum (ऑसीमम सैक्टम ) या Ocimum tenuiflorum

तुलसी के औषधीय गुण – Tulsi medicinal properties in hindi

तुलसी के औषधीय गुण तथा तुलसी के पौधे का उपयोग निम्नलिखित हैं जिसका आयुर्वेदिक उपचार तथा जड़ी-बूटी उपचार के लिए किया जाता है:

तुलसी के औषधीय गुण, तुलसी के स्वाद कड़वा, हलका, चटपटे, तीखे, काली मिर्च जैसा तथा इनका तासीर गर्म होता है। यह कफ-वात दोष को कम कर, बुखार कम करने वाला, पाचन शक्ति या भूख बढ़ाने और रक्त को शुद्ध करने वाला गुण होता है। परंपरा से आयुर्वेदिक उपचार के रूप में इनका महत्वपूर्ण स्थान है। एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीबायोटिक आदि तुलसी पौधे के गुण होते हैं।

तुलसी के पौधे का उपयोग – Tulsi uses in hindi

तुलसी के पत्तों का उपयोग खांसी, दमा, गले में खराश या गला बैठना, वात रोग, मुँह से आने वाली दुर्गंध दूर करने में, पाचन शक्ति के लिए, बालों के लिए, कैंसर, रक्त चाप, मस्तिष्क की बेहतर कार्यक्षमता के लिए किया जाता है। इसके अलावा तुलसी के पत्ते का उपयोग रतौंधी, पीनसरोग, कान के दर्द, सूजन में, दांत दर्द, डायरिया या पेट की मरोड़, पीलिया के इलाज में, पथरी की समस्या को कम करने के लिए किया जाता है।

तुलसी का काढ़ा से मलेरिया, सिर दर्द, बुखार, मौसमी बुखार या सर्द-गर्मी, श्वास विकारों को ठीक किया जा सकता है।

तुलसी का जूस आंख, कान, सिर दर्द में, पेट का दर्द, मलेरिया, चर्म रोग, किडनी के स्टोन में, कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण, चक्कर आने पर और खून को साफ करने में भी सहायक होता है। साथ में तुलसी जूस का उपयोग प्रसव (डिलीवरी) के बाद होने वाले दर्द में, सफ़ेद दाग, चेहरे पर लाये निखार लाने के लिए भी किया जा सकता है।

तुलसी बीज का उपयोग बवासीर, नपुंसकता, यौन शक्ति में वृद्धि, शीघ्रपतन के इलाज में, मूत्र में जलन, मासिक धर्म की अनियमितता में भी सहायक होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी तुलसी के बीज का उपयोग किया जाता है।

तुलसी के जड़ का उपयोग बिच्छू के डंक में, मकड़ी काटने पर, सांप के जहर का प्रभाव कम करने के लिए तथा टाइफाइड बुखार आदि में किया जा सकता है।

सिर के जूँ और लीख से छुटकारा पाने के लिए तुलसी का तेल भी उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा खांसी, जुकाम, अस्थमा या सांस से जुड़ी समस्याओं में, इम्यूनिटी सिस्टम को भी मजबूत के लिए तुलसी चाय के फायदे भी देखे गए हैं।

तुलसी के औषधीय गुण और तुलसी के पौधे का उपयोग जानने के बाद अब आगे तुलसी पौधे के फायदे के बारे में जनेगें।

तुलसी के फायदे – Tulsi plant benefits in hindi

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Tulsi plant benefits in hindi (तुलसी के फायदे हिंदी में) या तुलसी के पौधे के फायदे (tulsi leaves benefits in hindi) के फायदे तो अनेक हैं पर आज हम कुछ प्रभावी फायदों के बारे में बताएंगे, जो इस प्रकार है:

तुलसी के फायदे चेहरे के लिए – tulsi ke fayde for face

तुलसी के फायदे चेहरे के लिए उपयोग किया जा सकता है। बेदाग चेहरा तथा चेहरे की निखार पाने के लिए तुलसी का उपयोग किया जा सकता है। तुलसी के गुण तैलीय त्वचा और कील-मुंहासों को हटाने में सक्षम है। साथ ही त्वचा पर पड़े निशानों और घावों को हटाने में मददगार होती है। तुलसी के उपयोग से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा से होने लगता है। तुलसी में पाए जाने वाले रक्त शोधक गुण त्वचा के अशुद्ध रक्त को शुद्ध कर चेहरे की त्वचा में प्राकृतिक निखार लाती है।

तुलसी के फायदे त्वचा के लिए – tulsi ke fayde skin ke liye

चूंकि तुलसी कुष्ठ रोग का सम्पूर्ण इलाज नहीं कहा जा सकता, परन्तु यह कुछ हद तक मददगार हो सकता है। इसके उपयोग से त्वचा से कील मुँहासों को या त्वचा पर लाल और खुजलीदार चकत्ते जिसे एक्जिमा कहते हैं इसे कम करने में भी मददगार हो सकती है। इसके लिए 10-20 ml तुलसी का जूस का सेवन सुबह के समय करें। इसमें तुलसी ड्रॉपस का भी सेवन किया जा सकता है।

थायराइड में तुलसी के फायदे – thyroid me tulsi ke fayde

थायराइड में तुलसी का सेवन करना सेहत के लिए फायदेमंद है। तुलसी में अच्छी मात्रा में आयोडीन होता है, जिससे थायराइड की समस्याएं कम होती हैं। तुलसी का रस पीने से थायराइड के इलाज में सुधार हो सकती है। तुलसी के पत्तों में अंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को मुक्त करते हैं और थायराइड की समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।

थायराइड की समस्या के लिए तुलसी की पत्तियों को पीसकर पानी में मिलाएं और रोजाना खाली पेट इसका सेवन करें। इससे थायराइड की समस्याएं कम हो सकती हैं। तुलसी की चाय भी थायराइड के इलाज में लाभकारी है। इसे नियमित रूप से पीने से थकान और थायराइड से जुड़ी अन्य समस्याएं भी कम हो सकती हैं।

कैंसर में तुलसी के फायदे – cancer me tulsi ke fayde

तुलसी का सेवन कैंसर के इलाज में सहायक हो सकता है। तुलसी में मौजूद विटामिन C और अंटीऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं, जो कैंसर के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकते हैं। इसके रस में मौजूद तत्व रोगी के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कैंसर की बढ़ती समस्याओं को कम कर सकते हैं। तुलसी के पत्तों को रोजाना खाली पेट ताजे तुलसी के रस पीना, कैंसर के खिलाफ रक्षा करने में मदद कर सकता है। साथ ही, तुलसी की चाय भी एक फायदेमंद हो सकती है।

प्रेगनेंसी में तुलसी खाने के फायदेpregnancy me tulsi ke fayde

तुलसी का सेवन गर्भावस्था में महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकता है। तुलसी में फायदेमंद गुण होते हैं जो माँ और शिशु के स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं। इसमें विटामिन C और बी, फॉलेट एसिड जैसे पोषण सामग्री होती हैं, जो गर्भावस्था के दौरान महत्वपूर्ण होती हैं। मात्रा को संतुलित रखते हुए तुलसी की चाय, इनकी पत्तियों का सेवन या तुलसी का रस ले सकती हैं। हालांकि, गर्भावस्था में किसी भी परिवर्तन के लिए पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

आंखों में तुलसी के फायदे – tulsi benefits for eyes in hindi

तुलसी के पत्तियों का सेवन आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। तुलसी में विटामिन A और C, जो आंखों के लिए आवश्यक हैं, जो आंखों की रोशनी को बढ़ा सकते हैं। तुलसी के रस को शहद के साथ मिलाकर रात को सोने से पहले आंखों में दो-तीन बूंद लगाएं, आंखों की खुजली और सूजन को कम कर सकता है तथा आंखों के लिए तुलसी के फायदे हो सकते हैं। इस प्रयोग को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना सुरक्षित रहेगा।

तुलसी के पत्ते खाली पेट खाने के फायदे – khali pet tulsi ke fayde

तुलसी में एंटी-वायरस, एंटी-ऑक्सीडेंट्स और विटामिन C आदि गुण होते हैं, जो पेट की स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। खाली पेट तुलसी के पत्ते खाने से पाचन सुधरता है, जिससे अपच, गैस और पेट की अन्य समस्याओं से मुक्ति मिलती है। खाली पेट तुलसी का सेवन करने के लिए, पाँच-सात पत्तियों को पानी के साथ चबा कर खाएं।

खांसी में तुलसी के फायदे – tulsi benefits for cough in hindi

तुलसी को खांसी में एक प्रमुख और सुरक्षित उपाय माना जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण खांसी के कारण हुई थकान और सूजन को कम कर सकते हैं।

खांसी में तुलसी का काढ़ा बनाने के लिए 5-10 पत्तियों को एक कप पानी में उबालें और इसमें थोड़ा शहद मिलाकर सेवन करें। तुलसी के रस को हल्के गरम पानी में मिलाकर गरारे करने से भी खांसी में राहत मिल सकती है। रोजाना तुलसी का सेवन करने से बच्चों और बड़ों को खांसी से राहत मिल सकती है।

बुखार में तुलसी के फायदे – bukhar me tulsi ke fayde

तुलसी बुखार में एक प्रमुख और प्रभावी उपाय हो सकती है। तुलसी एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीऑक्सीडेंट गुण से भरपूर होती है जो बुखार के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकती हैं। तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाने के लिए, पाँच-दस पत्तियों को एक कप पानी में उबालें और इसमें थोड़ा शहद मिला कर सेवन करें। रोजाना तीन-चार बार यह काढ़ा पीना बुखार में राहत पहुँचा सकता है।

तुलसी के फायदे वजन कम करने के लिए – tulsi benefits for weight loss in hindi

तुलसी वजन कम करने में सहायक हो सकती है। इसमें मौजूद विटामिन C, अंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य पोषण सामग्री बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। तुलसी के रस को गुनगुने पानी में मिलाकर पीना आपके मेटाबोलिज्म को बढ़ा सकता है, जिससे तेजी से वजन कम करने में मददगार हो सकता है।

इसके लिए, रोजाना खाली पेट तुलसी के रस की एक छोटी सी मात्रा लें। तुलसी के रस का उपयोग वजन कम करने के साथ-साथ आपके स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए किया जा सकता है।

पेट के लिए तुलसी के फायदे – holy basil benefits for stomach in hindi

तुलसी के पत्तों का सेवन पेट के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण और पाचन को सुधारने वाले तत्व होते हैं, जो पेट संबंधित समस्याओं को दूर कर सकते हैं। तुलसी का रस पेट में बने गैस और एसिड को कम कर सकता है, जिससे पेट की समस्याएं दूर हो सकती हैं।

प्रतिदिन खाली पेट तुलसी की ५-१० पत्तियों को चबा कर सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, डॉक्टर से सलाह लेना सुरक्षित रहेगा, खासकर जब कोई व्यक्ति पेट से जुड़ी किसी गंभीर समस्या से जूझ रहा हो।

शुगर में तुलसी के फायदे – sugar me tulsi ke fayde

तुलसी का सेवन शुगर में फायदेमंद हो सकता है। शुगर को नियंत्रित करने के लिए तुलसी में मौजूद विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-वायरस गुण मदद कर सकते हैं। तुलसी का रस इंसुलिन की संख्या को बढ़ा सकता है और रक्त शर्करा को कम करने में मदद कर सकता है।

शुगर में तुलसी का सेवन करने के लिए, तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाएं या तुलसी की चाय पींये। इसे रोजाना खाली पेट सेवन करें। मात्रा को अपने स्वास्थ्य लाभ के आधार पर बढ़ाएं, लेकिन हमेशा डॉक्टर से सलाह लें। तुलसी के सेवन से पहले ब्लड शुगर की निगरानी में डॉक्टर की सलाह लेना उचित है।

बवासीर में तुलसी के फायदे – tulsi benefits for piles in hindi

तुलसी बवासीर के इलाज में सहायक हो सकती है। तुलसी में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो मलाशय में सूजन और दर्द को कम कर सकते हैं। तुलसी के पत्तों का सेवन पेट साफ करने में मदद कर सकता है, जिससे बवासीर की समस्या में आराम हो सकता है।

तुलसी का रस बवासीर के प्रदाह में लगाने से भी लाभ हो सकता है। इसके लिए, कुछ पत्तियों को पीसकर रस निकालें और उसे प्रदाह पर लगाएं। रोजाना तुलसी का सेवन करने से बवासीर में सुधार हो सकती है, लेकिन सुनिश्चित रूप से डॉक्टर से सलाह लें और उचित मात्रा में इस्तेमाल करें।

तुलसी के फायदे बालों के लिए – balo me tulsi ke fayde

तुलसी बालों के स्वास्थ्य के लिए एक अद्वितीय और प्राकृतिक उपाय है। तुलसी में मौजूद विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स बालों को मजबूती प्रदान कर सकते हैं, इसके उपयोग से बालों की जड़ों को मजबूती मिलती है और बालों का झड़ना कम होता है। तुलसी के रस को बालों में लगाने से बालों की चमक बढ़ती है।

इसके लिए, तुलसी के पत्तियों को पानी में उबालें और ठंडा करके बालों में लगाएं। सप्ताह में दो-तीन बार इस उपाय का अनुसरण करना फायदेमंद हो सकता है।

तुलसी के उपयोगी भाग – Tulsi plant parts used in hindi

मुख्य रूप से तुलसी के इन भागों को उपचार के लिए उपयोग में लाया जाता है:

  • तुलसी के पत्ते
  • तुलसी के जड़
  • तुलसी बीज

बाजार में तुलसी किस रूप में उपलब्ध है – Tulsi leaves products in india

बाजार में तुलसी इस रूप में उपलब्ध होता है :

  • तुलसी चूर्ण या पाउडर
  • तुलसी टैबलेट
  • तुलसी कैप्सूल
  • तुलसी जूस
  • तुलसी के तेल

इसके अलावा तुलसी से काढ़ा और चाय भी बनाया जा सकता है।

तुलसी में पाए जाने वाले पोषक तत्व की मात्रा – Tulsi nutritional value per 100g in hindi

तुलसी निम्नलिखित पोषक तत्वों से भरपूर होता है। साथ ही इसमें अनेक प्रकार के वितमीन्स, मिनेरल्स, इलेक्ट्रोलाइट्स भी पाया जाता है जो इस प्रकार है :

तुलसी में पोषक तत्वप्रत्येक 100 ग्राम में
ऊर्जा23 कैलोरी
कार्बोहाइड्रेट 2.65 ग्राम
फाइबर आहार 1.60 ग्राम
प्रोटीन 3.15 ग्राम
कुल वसा0.64 ग्राम
चीनी 0.3 ग्राम
कोलेस्ट्रॉल 0 मिलीग्राम
आयरन 3.17 मिलीग्राम
कैल्शियम177 मिलीग्राम
ताँबा 385 मिलीग्राम
जस्ता 0.81 मिलीग्राम
मैगनीशियम 64 मिलीग्राम
मैंगनीज 1.15 मिलीग्राम
फॉसफोरस 56 मिलीग्राम
विटामिन A 264 माइक्रोग्राम
विटामिन B-6 0.155 मिलीग्राम
विटामिन C 18 मिलीग्राम
विटामिन E 0.80 मिलीग्राम
विटामिन K414.8 माइक्रोग्राम
थायमिन 0.034 मिलीग्राम
फोलेट 68 माइक्रोग्राम
नियासिन 0.902 मिलीग्राम
पैंथोथेटिक अम्ल 0.209 मिलीग्राम
पोटैशियम 295 मिलीग्राम
सोडियम 4 मिलीग्राम
तुलसी में पाए जाने वाले पोषक तत्व की मात्रएं

तुलसी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की मात्राएं समान नहीं होता यह अलग-अलग जगहों में मिलने वाले तुलसी की पोषक मात्रा भिन्न हो सकती हैं। यह एक सामान्य जानकारी के लिए है।

तुलसी के अन्य दवाओं के साथ प्रतिक्रियाHoly basil leaf interactions in hindi

तुलसी कुछ एलोपैथी या अंग्रेजी दवाओं के साथ मिलकर परस्पर क्रिया कर सकती हैं जिससे कुछ दवाओं का प्रभाव शरीर पर कम या ज्यादा हो सकता है। इसलिए इस दौरान तुलसी का सेवन करने से बचें या डॉक्टर से सलाह लें। इन स्तिथियों में तुलसी न लें:

  • तुलसी का सेवन रक्त को पतला करने वाली दवाओं के साथ न करें, इससे खून जरूरत से ज्यादा पतला हो सकता है और रक्तस्राव हो सकता है।
  • मधुमेह की दवाइयों के साथ तुलसी सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि इन दोनों के साथ में इस्तेमाल शुगर लेवल को जरूरत से ज्यादा कम कर सकता है जो रोगी के लिए घातक साबित हो सकती है।
  • अगर कोई तनाव या अनिद्रा के लिए दवाई ले रहा है तो तुलसी के सेवन करने से बचें, इससे अत्यधिक थकान या नींद आदि की समस्या हो सकती है।

तुलसी के नुकसान – Tulsi side effects in hindi

तुलसी का उपयोग तभी करें जब आपको इसकी जरूरत हो, बिना आवश्यकता के इनका इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है। जब भी इसकी आवश्यकता हो सीमित समय के लिए, निर्धारित मात्रा में ही सेवन करें। अधिक मात्रा में सेवन करने से निम्नलिखित नुकसान हो सकता है:

  • तुलसी अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में जलन, उल्टी या दस्त जैसी स्तिथि बन सकती है।
  • अधिक समय तक या ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने से पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने या बांझपन का खतरा बढ़ सकता है।
  • चिकित्सक स्पष्ट शोध नहीं होने के कारण गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी बिना डॉक्टरी सलाह के तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए। अब तक इन दोनों ही मामलों में तुलसी पर चिकित्सक स्पष्ट शोध नहीं हो पाई है।
  • जो महिलायें निकट भविष्य में गर्भवती बनना चाहती हैं उसे तुलसी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • तुलसी में खून को पतला करने वाला गुण पाया जाता है। इसके सेवन से शरीर मे रक्त के थक्के बनने नहीं देता, अधिक मात्रा में सेवन करने से रक्त ज्यादा पतला हो सकता है और रक्तस्राव हो सकता है।
  • इसका सेवन मधुमेह की रोगीयों के लिए भी खतरा हो सकता है इसलिए इसे लेने के दौरान नियमित रक्त शर्करा के स्तर की जांच कराते रहें। चूंकि तुलसी रक्त शर्करा को कम करता है इसलिए स्वस्थ व्यक्ति भी ज्यादा मात्रा में सेवन करने से उनका रक्त शर्करा कम हो सकता है, जिससे शारीरिक थकान या दिमाग कमजोर जैसी समस्या हो सकता है।

FAQ – Tulsi plant benefits in hindi

तुलसी में कौन-कौन से तत्व पाए जाते हैं

तुलसी एक अद्वितीय पौधा है जिसमें कई महत्वपूर्ण तत्व होते हैं। इसमें प्रमुख तत्वों में से पहला अंतर्निहित तत्व है, जिसमें आयरन, कैल्शियम, और मैग्नीशियम शामिल होते हैं, जो हड्डियों और दाँतों के लिए आवश्यक होते हैं। इसके अलावा, तुलसी में अन्य रसायनिक तत्व भी होते हैं जैसे कि विटामिन सी, जो रोग प्रतिरोध में सहायक होता है।

तुलसी के बीज का उपयोग कैसे करे

तुलसी के बीज का उपयोग दवाई के रूप में करना बहुत सरल है। बीजों को पीसकर छान लें और इसे शहद के साथ मिलाकर सेवन करें। यह बढ़ते कफ और सर्दी को कम करने, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद कर सकता है।

तुलसी कितने प्रकार की होती हैं

तुलसी कई प्रकार की होती हैं, लेकिन प्रमुख तीन प्रजातियाँ हैं: श्रीतुलसी (Ocimum sanctum) जिसे हिन्दू धर्म में पूजा जाता है, रामतुलसी (Ocimum gratissimum) और अमृततुलसी (Ocimum tenuiflorum)। ये सभी प्रजातियाँ औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं और सेहत के लाभ के लिए जानी जाती हैं।

तुलसी का वैज्ञानिक नाम क्या है

तुलसी का वैज्ञानिक नाम “Ocimum sanctum” या “Ocimum tenuiflorum” है।

तुलसी के पत्ते से पिंपल कैसे हटाए?

तुलसी के पत्तों का रस पिंपल्स से निजात पाने में मदद कर सकता है। तुलसी के पत्ते को पीसकर रस निकालें और इसे पिंपल्स पर लगाएं। तुलसी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण से बचाव होता है और यह त्वचा को साफ और स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है। इसे नियमित रूप से प्रयोग करने से त्वचा की चमक बढ़ती है और पिंपल्स कम हो सकते हैं।

तुलसी के पत्ते चेहरे पर कैसे लगाएं

तुलसी के पत्तों को चेहरे पर लगाने से त्वचा को निखार मिलता है। पाँच-दस तुलसी के पत्तियों को पीसकर रस निकालें और इसे चेहरे पर लगाएं। इससे त्वचा की सफाई होती है और त्वचा की रक्षा में मदद होती है। तुलसी के रस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल गुण त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और मुहासे कम हो सकते हैं। इसे नियमित रूप से चेहरे पर लगाने से चमकती और स्वस्थ त्वचा हो सकती है।

अंतिम संदेश

Tulsi plant benefits in hindi के इस लेख में आपने जाना तुलसी क्या होता है? इनके गुण क्या है? उपयोग, फायदे तथा इनके सेवन के संभावित नुकसान क्या-क्या है? इस लेख में तुलसी से संबंधित बेहतर जानकारी देने की कोशिश की गई है, आशा है आपको पसंद आ गए होंगे। Tulsi plant benefits in hindi के इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका, धन्यवाद!

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नमस्कार दोस्तों, मैं इंडिया के सबसे बड़े लौहनगरी जमशेदपुर, झारखंड से हूँ। मैं इस ब्लॉग का लेखक और संस्थापक हूँ और इस ब्लॉग पर प्राकृतिक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य, जड़ी-बूटियों की जानकारी, प्राकृतिक उपचार, घरेलू उपचार से संबंधित जानकारी नियमित साझा करता रहता हूँ।

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