Benefits of aloe vera in hindi के इस लेख में एलोवेरा के गुण, एलोवेरा के औषधीय उपयोग, एलोवेरा के फायदे तथा एलोवेरा के नुकसान को जानेंगे। इसके अलावा एलोवेरा के विभिन्न नाम, एलोवेरा कितने प्रकार के होते हैं इनके बारे में विस्तार से जानेंगे।
एलोवेरा क्या होता है – what is aloe vera in hindi

- एलोवेरा की पहचान: आलोवेरा का पौधा आमतौर पर 1-2 फीट लम्बा होता है और इसके पत्ते रसीले तथा गूदेदार होता है। इसके पत्ते गहरे हरे रंग या लाल रंग के होते हैं। यदि आप इस पौधे को छूते हैं, तो पौधे की खुशबू महसूस होगी। इसका पौधा खुदाई के बिना भी बढ़ सकता है।
- एलोवेरा का वैज्ञानिक नाम (aloe vera scientific name in hindi) : (Aloe Barbadensis Miller) एलो बार्बडेंसिस मिलर
- एलोवेरा पौधे के परिवार : (Asphodelaceae) ऐस्फोडिलसी
- एलोवेरा के प्रकार: दुनिया भर में एलोवेरा 300 से भी ज्यादा प्रकार का पाया जाता है यहाँ पर हम कुछ प्रकार का उल्लेख कर रहें हैं:
- एलोवेरा (Aloe Vera): यह सबसे प्रसिद्ध एलोवेरा प्रजाति है और ज्यादातर चिकित्सा और सौंदर्य उत्पादों में उपयोग की जाती है। इसकी पत्तों से जूस, जेल, तेल आदि निकाला जाता है।
- रेड एलो: यह एलोवेरा सूरज की किरणों में तांबे के रंग जैसे लाल खूबसूरत दिखता है। देखने में काफी आकर्षक लगता है। यह कम पानी में भी होता है, जिससे यह धीरे-धीरे बढ़त है।
- एलोवेरा आरबेंसिस (Aloe Arborescens): इस प्रजाति का पौधा अधिकतर बड़ा और लकड़ी की तरह कठिन होता है। इसके जूस का सेवन आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है।
- एलोवेरा फेरोक्स (Aloe Ferox): इस प्रजाति के पौधे दक्षिण अफ्रीका में पाए जाते हैं और इसके उपयोग कुछ आयुर्वेदिक औषधियों के तौर पर किए जाते हैं।
एलोवेरा के अन्य नाम – Aloe vera other names in hindi
एलोवेरा को देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है:
- हिन्दी– घीकुआँर, ग्वारपाठा
- English – एलो वेरा (Aloe vera)
- संस्कृत – घृतकुमारी
- बंगला – घृतकोमारी
- मराठी- – कोरफड
- गुजराती – कुंवार
- तामिल – कत्तालै
- तेलुगु – कलबन्द
- कन्नड़ – लोलिसर
- पंजाबी – कोगर
- मलयालम – छोट्ठ कथलाइ
- अरबी – तसाबार अलसी
- फ़ारसी- दरख्ते सिन
- नेपाली – घ्यूकुमारी
एलोवेरा औषधीय उपयोग – Aloe vera uses in hindi
एलोवेरा का निम्नलिखित औषधिय उपयोग होता है:
- पेट के विभिन्न रोगों में एलोवेरा के उपयोग जैसे – पाचन क्रिया को मजबूत करने, अम्लपित्त, पेट की गांठ, अपच, कब्ज, पेट में पानी भर जाना अथवा जलोदर के उपचार के लिए किया जाता है।
- एलोवेरा का उपयोग चर्म रोग, त्वचा को मॉइस्चराइज, झुर्रियों के लिए, मुंहासों में किया जाता है।
- एलोवेरा गंजेपन रोकने तथा बालों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता, बलवर्द्धक योग, वजन कम करने के रूप में भी सेवन किया जा सकता है।
- एलोवेरा का उपयोग मस्तिष्क स्वास्थ्य और मुंह के स्वास्थ्य के लिए भी होता है।
- एलोवेरा दमा, डायबिटीज, प्लीहावृद्धि या तिल्ली के कारण होने वाला पेट का दर्द, फैटी लिवर के उपचार में मददगार है।
- एलोवेरा गठिया रोग या जोड़ों के दर्द, आमवात, सिर दर्द, आंखों के दर्द या आंखों की बीमारी में, कमर दर्द, कान दर्द में उपयोगी है।
- एलोवेरा बवासीर, फोड़ा व घाव में, फोड़े-फुंसियों, चोट और गांठ, आग से जलने, कुत्ते काटने पर, हाथ-पैर का फटना, चेचक के घाव भरने में प्रभावी है।
- एलोवेरा में हिचकी, खांसी, खांसी-जुकाम, बुखार, ज्वर, पीलिया के इलाज के गुण होता है।
- एलोवेरा नंपुसकता, लिंग में छाले होने पर, पेशाब करने में कष्ट या जलन, मूत्र रोग, सूजन की समस्या के लिए उपयोग किया जाता है।
- एलोवेरा जिगर कमजोरी या हृदय रोग से बचाव, लीवर विकार आदि के लिए उपयोग किया सकता है।
- एलोवेरा स्त्री रोग, मासिक धर्म विकार, स्तनों की जलन और सूजन में कारगर है।
एलोवेरा के फायदे – Benefits of aloe vera in hindi

एलोवेरा औषधीय उपयोग (Aloe vera uses in hindi) जानने के बाद अब हम जानेंगे एलोवेरा के फायदे (Benefits of aloe vera in hindi) के बारे में, एलोवेरा के अनेक फायदे हैं लेकिन यहाँ पर हम कुछ महत्वपूर्ण फायदों को जानेंगे :
आँखों के लिए एलोवेरा के फायदे – aloe vera benefits for eyes infection in hindi
एलोवेरा आँखों के लिए एक उत्कृष्ट प्राकृतिक उपाय है। आजकल, जब लोग लंबे समय तक स्क्रीनों के सामने होते हैं, आँखों की देखभाल में एलोवेरा की आवश्यकता है। एलोवेरा के रस या एलोवेरा जेल को सावधानीपूर्वक आँखों के चारों ओर लगाएं और धीरे से मालिश करें। इससे आँखों की लालीपन, आँखों की जलन-सूजन आदि से राहत मिलती है।
इसे सुबह और रात्रि में लगाने से आँखों को आराम मिलता है और व्यक्ति की दृष्टि में सुधार हो सकता है। इससे आँखों की थकान को भी कम किया जा सकता है। दूसरा उपाय यह है, एलोवेरा के गूदे में हल्दी का चूर्ण मिलाकर गरम करें। जब आंखों की दर्द बहुत ज्यादा हो रही हो तो इस स्तिथि में पैरों के तलवे में इस पेस्ट को लगाकर पट्टी बांध दें।
एलोवेरा मुंह में लगाने के फायदे – aloe vera benefits for mouth health in hindi
एलोवेरा को मुंह में लगाने से संबंधित फायदे अनगिनत हैं। मुंह की स्वास्थ्य समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं, एलोवेरा मुंह के स्वास्थ्य के लिए एक प्राकृतिक औषधि के रूप में मानी जा रही है। एलोवेरा दाँतों की सूजन और दर्द को कम करता है, मुंह के छालों को ठीक करता है और मुंह की बदबू को दूर करता है। एलोवेरा जेल को 2-3 मिनट के लिए मुंह में रखें और फिर ठंडे पानी से कुल्ला करें। इसे हर दिन या जब भी आवश्यक हो, इसे मुंह में लगाने से बेहतरीन परिणाम मिलते हैं।
कामोत्तेजना के लिए एलोवेरा के फायदे – aloe vera benefits for sex in hindi
एलोवेरा यौन स्वास्थ्य में भी एक प्राकृतिक सहायक है। जीवनशैली में बदलाव के कारण यौन स्वास्थ्य समस्याएं लगातार बढ़ रहे हैं, एलोवेरा इसमें उपयोगी हो सकता है। एलोविरा (testosterone) टेस्टास्टरोन हार्मोन बनाने में मददगार होता है। जिससे पुरुषों में सेक्स की उत्तेजना में वृद्धि होती है। इसके लिए एलोवेरा जूस का खाली पेट 20-30 मिली का सेवन नियमित रूप से करें। अधिकतम तीन महीने तक सेवन किया जा सकता है।
गर्भावस्था में एलोवेरा के फायदे – aloe vera benefits for pregancy in hindi
गर्भावस्था में एलोवेरा का उपयोग करना माता और शिशु की सेहत के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। गर्भावस्था में होने वाली त्वचा समस्याएं बढ़ रही हैं, एलोवेरा विशेषकर त्वचा की देखभाल के लिए आवश्यक है। एलोवेरा में त्वचा को नमी प्रदान करने में, त्वचा की रक्षा करने और दाग-धब्बों को कम करने की गुण होता है। गर्भावस्था के दौरान एलोवेरा जेल को त्वचा पर लगाने से खुजली, सूजन और त्वचा की सूजन को कम करता है।
त्वचा के लिए एलोवेरा के फायदे – aloe vera benefits for skin in hindi
एलोवेरा त्वचा के लिए एक प्रमुख सौंदर्य और स्वास्थ्य संबंधित उपाय हो सकता है। सबसे बेहतर परिणाम के लिए त्वचा में एलोवेरा के जेल को माना जाता है। एलोवेरा मृत त्वचा को हटाती है और त्वचा को नया रूप देती है। जिससे त्वचा की नमी, ताजगी और चमक बनी रहती है साथ ही दाग-धब्बे, झुर्रियों से राहत, मुहांसों से मिलेगा छुटकारा और रूखापन को कम करता है।
सिर में एलोवेरा लगाने के फायदे
एलोवेरा के इस्तेमाल से असमय बालों के झड़ने को रोक जा सकता है। कुछ हद तक एलोवेरा से गंजेपन को भी दूर किया जा सकता है इसके लिए एलोवेरा के जेल या इनके पत्ते को काट कर उसका गुदा लगा सकते हैं। इसे नियमित रूप से करने से गंजेपन दूर होती है और नई बाल निकलने लगती है।
सिर दर्द में एलोवेरा के रस का सेवन सिर दर्द में आराम पहुंचा सकता है। इसके लिए एलोवरा के पत्तों के रस या गूदे को सीधा लगा सकते हैं। इसे 5-10 मिनट से ज्यादा न रखें अन्यथा यह त्वचा को नुकसान पहुंचा या जला सकता है।
वजन घटाने में एलोवेरा के फायदे – aloe vera benefits for weight loss in hindi
एलोवेरा वजन घटाने में एक प्राकृतिक उपाय हो सकता है जो सुरक्षित और प्रभावी है। वर्तमान समय में, जब बढ़ते वजन और अनियमित भोजन की वजह से सेहत समस्याएं बढ़ रही हैं, एलोवेरा वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। एलोवेरा जूस को प्रतिदिन खाली पेट लेना वजन घटाने में सहायक हो सकता है। एलोवेरा जूस को सुबह खाली पेट 20-30 मिली नियमित सेवन करें। इससे तेजी से कैलोरी बर्न होती है, मेटाबॉलिज्म तेज होता है जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
ब्रेस्ट पर एलोवेरा लगाने के फायदे – aloe vera benefits for breast in hindi
एलोवेरा जूस के नियमित सेवन से शरीर में रक्त परिसंचरण बढ़ती है। अंदर से त्वचा स्वास्थ्य रहती है, इससे महिलाओं में अनेक फायदे देखने को मिलती है। एलोवेरा ब्रेस्ट के लिए सुरक्षित और प्रभावी तरीका है जो महिलाओं के स्तनों की देखभाल में मदद कर सकती हैं। एलोवेरा त्वचा को नमी प्रदान करता है, सूजन को कम करता है, त्वचा को मुलायम बनाए रखता है और इससे ब्रेस्ट की साइज बढ़ने में मदद मिलती है।
एलोवेरा जेल को स्तनों पर लगाया भी जा सकता है, एलोवेरा जेल को सावधानीपूर्वक मालिश के रूप में लगाएं और थोड़ी देर के लिए छोड़ें। हफ्ते में दो-तीन बार लगाने से स्तनों की त्वचा में सुधार हो सकता है। इससे स्तनों के गांठ में भी फायदेमंद होता है।
खाली पेट एलोवेरा के फायदे – benefits of aloe vera juice empty stomach in hindi
पेट के रोग में एलोवेरा के गुण पेट के विभिन्न रोगों, जैसे कि पेप्टिक अल्सर, एच. पाइलोरी (H. pylori) कृमि संक्रमण को रोकती है, अम्लपित्त, अपच, जलोदर में लाभकारी हो सकते हैं। जलोदर या पेट में पानी भरना एलोवेरा के रस में हल्दी का पाउडर मिलाकर पीने से प्लीहा विकार ठीक होता है और भोजन पचने को आसान बनाती है।
पेट की दर्द तथा गांठ पेट में गांठ होने पर रात को गांठ पर तैल का लेप कर ऐलोवेरा गूदा लगाकर पट्टी बांधने से सुबह तक पेट नरम हो जाएगा और पेट की दर्द दूर हो जाती है। जब पेट में गांठ हो जाती है तो एलोवेरा के गूदे को गांठ के ऊपर बांधना चाहिए। इससे कठोर पेट मुलायम हो कर आंतों में जमा मल बाहर निकाल जाएगा।
कब्ज में फायदे 10 ग्राम एलोवेरा के गुदा में तुलसी की 4 पत्तियां तथा सनाय की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को सुबह-शाम खाली पेट सेवन करने से कब्ज की शिकायत खत्म हो जाएगी। कब्ज के लिए एलोवेरा में लैक्सेटिव गुण मल को मुलायम कर पेट साफ करने में मदद कर सकता है। 10-20 मिलीग्राम एलोवेरा के रस सुबह-शाम सेवन करना चाहिए।
अजीर्ण में एलोवेरा के फायदे – aloe vera benefits for digestion in hindi
एलोवेरा में पाचन क्रिया को सुधारने में वाली गुण पाई जाती है। एलोवेरा पेट संबंधित समस्याओं को कम करने में उपयोगी हो सकता है। एलोवेरा के जूस को खाली पेट सेवन करें।
एलोवेरा के फायदे चेहरे के लिए – aloe vera benefits for face in hindi
एलोवेरा जेल को चेहरे पर लगाने से मुंहासों की समस्या में सुधार होता है। एलोवेरा जेल को झुर्रियों पर लगाने से झुर्रियों में कमी आती है। एलोवेरा जेल को त्वचा पर लगाने से त्वचा को मॉइस्चराइज करने में मदद मिलती है। इससे चेहरे की रौनक तथा प्राकृतिक निखार बनी रहती है।
बालों के लिए एलोवेरा के फायदे – aloe vera benefits for hair in hindi
एलोवेरा को बालों के लिए सबसे प्रभावी उपायों में से एक माना जाता है। एलोवेरा जेल को बालों पर लगाने से बालों की मजबूती बढ़ती है और उन्हें चमकदार बनाती है। गंजेपन से निजात के लिए लाल (Red aloe vera) एलोवेरा के गूदे को अच्छी तरह गलाकर सिर पर लेप करें। इससे बाल काले और घने होंगे तथा गंजे वाले स्थान पर नए बाल निकल आएंगे।
शुगर में एलोवेरा के फायदे – aloe vera benefits for diabetes
एलोवेरा को शुगर कंट्रोल करने में एक अच्छा उपाय माना जाता है। डायबिटीज (मधुमेह) में एलोवेरा 5 ग्राम एलोवेरा का गुदा में 250-500 ml गुडूची सत् (पानी को गर्म कर सुखा कर नीचे बचा हुआ पदार्थ) सुबह-शाम सेवन करें। इससे डायबिटीज नियंत्रित करने में मदद मिलती है। मधुमेह के लिए एलोवेरा के रस का सेवन मधुमेह के रोगी के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए 10-20 मिलीग्राम एलोवेरा के रस सुबह-शाम सेवन करना चाहिए।
बवासीर में एलोवेरा के फायदे – aloe vera benefits for piles in hindi
आजकल के नई जीवन शैली के चलते बवासीर की समस्या आम हो गई है। बवासीर में एलोवेरा के फायदे, चूंकि बवासीर का कब्ज से कनेक्शन होती है इसलिए पेट में कब्ज को बनने नहीं देना है, एलोवेरा का जूस खाली पेट रोजाना सेवन करने से पाचन क्रिया सही से काम करती है और पेट में गैस और कब्ज नहीं बन पाता है। इसे अधिकतम तीन महीनों तक सेवन किया जा सकता है। एलोवेरा में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक आदि गुण होती है। यह पेट को ठंडक पहुंचाती है साथ ही बवासीर के कारण होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होती है।
इन स्तिथियों में भी एलोवेरा प्रभावी और सुरक्षित माना जाता है:
- मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए: एलोवेरा का रस पीना मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए: एलोवेरा में पाए जाने वाले गुण सेहत की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं और रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ा सकते हैं।
- हृदय रोग से बचाव में: 5-10 ग्राम एलोवेरा जेल में मिश्री या शहद मिलाकर सेवन करें। इस दवा का सेवन सुबह-शाम करें।
- गठिया के इलाज में: एलोवेरा को गठिया के इलाज के लिए इसके जेल 10 ग्राम सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।
- चेचक के घाव भरने में: एलोवेरा के गूदे को चेचक के घावों पर लेप लगाने से चेचक का दर्द, जलन और सूजन से राहत से राहत मिलती है।
- तिल्ली (प्लीहा) विकार से लाभ: एलोवेरा के रस का सेवन प्लीहा विकार में भी लाभकारी हो सकता है। इसमें 10-20 ml एलोवेरा के रस में 2-3 ग्राम हल्दी पाउडर मिलाकर सेवन करना चाहिए।
- पीलिया का इलाज: इसके लिए 10-20 ml एलोवेरा के रस सुबह-शाम सेवन करना चाहिए।
- सूजन में: लगभग 10 ग्राम एलोवेरा के पत्ते तथा 10 ग्राम सफेद जीरा पीसकर प्रभावित अंग पर लगाने से सूजन (फूलना) ठीक होता है।
- लिवर या जिगर विकार में: एलोवेरा के रस का सेवन जिगर की कमजोरी को दूर करने में मदद कर सकता है।
- 20 ग्राम एलोवेरा पत्तों के रस और शहद 10 ग्राम लें। इसे चीनी मिट्टी के बर्तन में ढक्कन लगाकर सात दिन तक धूप में रखने के बाद इसे छान लें। इसे सुबह-शाम 10-20 ग्राम मात्रा में सेवन करें।
- खांसी: एलोवेरा के रस का सेवन खांसी को ठीक करने में मददगार हो सकता है।
- 5 ml एलोवेरा के रस में चुटकी भर सोंठ का चूर्ण मिलाकर शहद के साथ सेवन करना चाहिए।
- फोड़े-फुंसीयां: अधपका या पका फोड़े पर एलोवेरा के गूदे को गरम करके फोड़े-फुंसियों पर बांधे इससे फोड़े बैठ जाएगी या पककर फूट जाएगा।
- पके फोड़े से मवाद निकालने के लिए एलोवेरा के गरम गूदे में 2 चुटकी हल्दी का चूर्ण मिलाएं। इसे फोड़े पर लगाकर पट्टी बांध दें। इससे दर्द भी नहीं होगा और फोड़ा फूट जाएगा।
- मूत्रकृच्छ अथवा पेशाब में जलन: 50 ग्राम एलोवीरा के गूदे में मिश्री या चीनी मिलाकर खाएं। इससे पेशाब करने में दर्द या जलन को ठीक की जा सकती है।
- अंग में गांठ: जब शरीर पर किसी भाग में गांठ पड़ जाता है तो एलोवेरा का गूदा में हल्दी और लहसुन मिलाकर इसे हल्का गर्म करके गांठ पर लगाएं।
- आग से जलने में एलोवेरा के उपयोग: आग से झुलस जाने पर या गरम तरल पदार्थ से जल जाने से एलोवेरा के पत्तों का गूदा का लेप लगाएं। इससे ठंडक पहुँचती है और जलन शान्त होती है, फफोला भी नहीं पड़ता।
- बुखार में एलोवेरा जड़: बुखार का इलाज एलोवेरा से किया जा सकता है। 10-20 ml एलोवेरा की जड़ की काढ़ा दिन में 3 बार सेवन करें।
- एलोवेरा के पत्ते का उपयोग: चर्म रोग (मस्से) के इलाज में एलोवेरा के पत्तों का उपयोग किया जा सकता है। एलोवेरा के पत्ते को एक तरफ छीलकर मस्सों पर बांधने से त्वचा पर निकले मस्से खत्म हो जाते हैं।
कृपया ध्यान दें:
उपरोक्त जानकारी केवल सूचना के रूप में है और इसका उपयोग केवल सावधानी और डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।
एलोवेरा के उपयोगी भाग – Useful parts of aloe vera plant in hindi
एलोवेरा के उपयोग होने वाले भाग:
- एलोवेरा का फूल
- एलोवेरा का पौधा
- एलोवेरा का बीज
- एलोवेरा के पत्ते
- एलोवेरा जड़
एलोवेरा किस रूप में उपलब्ध है – Aloe Vera form available in hindi
एलोवेरा अब हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर निम्नलिखित प्रोडक्ट उपलब्ध है:
- एलोवेरा जूस
- एलोवेरा जेल
- एलोवेरा का तेल
- एलोवेरा टैबलेट
- एलोवेरा कैप्सूल
- एलोवेरा पाउडर
इसके अलावा एलोवेरा फेस पाउडर, एलोवेरा साबुन, एलोवेरा फेस क्रीम, एलोवेरा टूथपेस्ट आदि भी उपलब्ध है।
एलोवेरा में पोषक तत्व – Aloe vera indgrents in hindi
एलोवेरा में निम्नलिखित पोषक तत्व पाया जाता है: 100 gm एलोवेरा जूस में ऊर्जा 53 कैलोरी, कार्बोहाइड्रट 12.87g, प्रोटीन 0.36g होती है। इसके अलावा इसमें 10 से ज्यादा विटामिन्स और 20 से भी अधिक मिनरल्स भी प्रयाप्त मात्रा में पाया जाता है। इसी कारण से एलोवेरा को औषधीय गुणों का खान माना जाता है।
एलोवेरा अन्य दवाओं के साथ प्रतिक्रिया – Aloe vera interaction with other medications in hindi
एलोवेरा कई प्रकार की दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है। यहां विस्तार से जानिए कि एलोवेरा किन-किन दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है:
- ऐलोपैथी: एलोवेरा ऐलोपैथिक दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है, जो उनकी प्रभाव को कम या ज्यादा कर सकता है।
- होम्योपैथी: यदि आप होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो एलोवेरा के साथ उपयोग करने से पहले अपने होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श कर लें।
- डाइटरी सप्लीमेंट्स: एलोवेरा डाइटरी सप्लीमेंट्स के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है।
कई दवाएँ हैं जो एलोवेरा के साथ प्रतिक्रिया कर सकती हैं, इसलिए सही उपयोग और मात्रा के लिए हमेशा डॉक्टर की सलाह लें।
एलोवेरा के नुकसान – Aloe vera side effects in hindi
एलोवेरा के औषधीय उपयोगों के साथ कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं:
- लिवर पर बुरा प्रभाव: एलोवेरा में बायो एक्टिव कंपाउंड्स होने के कारण लिवर की डिटॉक्स प्रक्रिया में बाधा आ सकती है।
- पेट समस्याएं: एलोवेरा पौधे के पत्ते के सबसे नीचे पीले रंग जिसे लेटेक्स कहते हैं। यह पोटेशियम के स्तर भी कम कर सकती है तथा पेट में जलन, मरोड़ या ऐंठन जैसी समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
- त्वचा की एलर्जी: एलोवेरा से एलर्जी हो सकती है, जिससे आंखों में रेडनेस, स्किन रैशेज़, जलन और खुजली जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- ब्लड शुगर स्तर कम होना: एलोवेरा जूस के सेवन से मधुमेह की रोगियों में ब्लड शुगर स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह उसकी इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन को भी बिगाड़ सकती है।
- डीहाइड्रेशन की समस्याएं: एलोवेरा के निर्धारित मात्रा से अधिक सेवन से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बिगड़ सकता है अथवा शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
- अन्य: एलोवेरा अधिक मात्रा में मौखिक सेवन करने से सीने में तथा पेशाब में जलन हो सकता है। उल्टी तथा दस्त होता है। गले में खराश, आँखों में जलन, जी मिचलाना इसका आम दुष्प्रभाव है।
इन दुष्प्रभावों को ध्यान में रखते हुए एलोवेरा का सावधानीपूर्ण उपयोग करना चाहिए या डॉक्टर की सलाह लेना सुरक्षित हो सकता है।
FAQ – Benefits of aloe vera in hindi
एलोवेरा की जड़ क्या काम आती है?
पेट दर्द में जल्द राहत के लिए एलोवेरा की जड़ को उबालकर इसमें भुनी हुई हींग मिलाकर सेवन की जाती है।
क्या हम एलोवेरा के फूल खा सकते हैं?
चूंकि एलोवेरा के फूलों में कैरोटीनॉइड, फ्लेवनोइड्स, और फ्लेवौनोल्स जैसे यौगिक होते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन, प्रोटीन, कैरोटीन, तेल जैसे पोषक तत्व भी पाया जाता है। इन गुणों के कारण यह पेट से जुड़ी समस्याओं को रोकने में, खराब पाचन क्रिया को ठीक करने में, कब्ज, पेट दर्द तथा दिमांगी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। इनके फूल ताज़ा या स्मूदी मे मिलकर भी सेवन किया जा सकता है।
क्या एलोवेरा का सेवन गर्भवती महिलाएं कर सकती हैं?
गर्भवती महिला या स्तनपान कराने वाली माताओं को एलोवेरा जूस के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है। लेकिन कुछ नए अध्ययनों से इसे इस्तेमाल करने की भी कही गई है। इसलिए ऐसी स्तिथियों में डॉक्टर की सलाह भी जरूरी है।
एलोवेरा की तासीर कैसी होती है?
एलोवेरा की तासीर शीतल होती है। जिससे शरीर को ठंडक, पाचन में सुधार, कब्ज तथा एसिडिटी आदि की समस्या का समाधान होती है। एलोवेरा जूस के नियमित सेवन से वजन नियंत्रण करने में भी मदद मिलती है और डायबिटीज भी कंट्रोल में रहता है।
एलोवेरा जूस किसे नहीं लेनी चाहिए?
अगर आपको (Liliaceae) लिलियासी वर्ग के पौधे, फल बगैरह से एलर्जी होता है जैसे- प्याज, लहसुन आदि। तो आपको एलोवेरा का सेवन नहीं करना चाहिए इससे आपको एलर्जी हो सकती है। साथ ही यदि आप मधुमेह, बवासीर, आंतों की समस्या, हृदय रोग, गुर्दे की समस्या या इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन से पीड़ित हैं तो भी आपको एलोवेरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
एलोवेरा कहाँ पाया जाता है
एलोवेरा के पौधे दुनिया के अनेक हिस्सों में पाए जाते हैं, लेकिन यह अक्सर गर्म और सूखे जलवायु क्षेत्रों में अधिक पाए जाते हैं। भारत में एलोवेरा की खेती कई राज्यों में की जाती है, जैसे कि राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, और केरल। इन राज्यों में यह कई किसानों और उद्योगियों द्वारा खेती किया जाता है, और एलोवेरा के उपयोग के लिए उत्पादन किया जाता है। आयुर्वेदिक औषधियों, सौंदर्य उत्पादों, और प्राकृतिक उपचार के लिए महत्वपूर्ण है।
अंतिम संदेश
Benefits of aloe vera in hindi के इस लेख में आपने जाना एलोवेरा क्या होता है? एलोवेरा के गुण, एलोवेरा के उपयोग, एलोवेरा के फायदे तथा एलोवेरा के संभावित नुकसान क्या-क्या है? इस लेख में एलोवेरा से संबंधित बेहतर जानकारी देने की कोशिश की गई है, आशा है आपको पसंद आ गए होंगे। Benefits of aloe vera in hindi के इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका, धन्यवाद!