पुनर्नवा 16 गजब के फायदे | Benefits of punarnava in hindi

Benefits of punarnava in hindi के इस लेख में पुनर्नवा के गुण और फायदे, पुनर्नवा के औषधीय उपयोग तथा पुनर्नवा के नुकसान को जानेंगे। इसके अलावा पुनर्नवा के विभिन्न नाम, पुनर्नवा कितने प्रकार के होते हैं तथा पुनर्नवा के आयुर्वेदिक उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी जानेंगे।

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4 पुनर्नवा के फायदे इन हिंदी – Benefits of punarnava in hindi

पुनर्नवा क्या है – Punarnava in hindi

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  • पुनर्नवा की जानकारी (Punarnava hindi) : “दोबारा नया करने वाला” चूंकि यह पौधा गर्मी में सूखने के बाद अगले साल बर्षात में फिर से जीवित हो जाती है। इसी से नाम पड़ा “पुनर्नवा”। पुनर्नवा के सेवन से शरीर की अंदरूनी भाग की प्रणालियां पुनर्जीवित तथा नवीनीकृत होकर ठीक से काम करने लग जाती है। जिससे हमारा शरीर नवीकरण हो जाती है। पुनर्नवा को स्पाइडरलिंग भी कहा जाता है क्योंकि इसकी पौधा जमीन की सतह पर फैलता है मकड़ी के जाल की तरह। कभी-कभी यह बरसात के मौसम में 4 मीटर तक बढ़ जाता है और गर्मियों में सूख जाता है लेकिन नमी वाले स्थानों पर यह सालभर जीवित रह सकता है।
  • पुनर्नवा की पहचान: पत्तियाँ आमतौर कोमल, मांसल, गोल या अंडाकार तथा ऊपरी सतह हरी होती हैं पर नीचे से सफेद और चिकनी होती हैं। जो 1-2 इंच लंबी हो सकती हैं। पौधे की लंबाई लगभग 0.75-4 मीटर तक हो सकती है। पौधे में फूल और फल शीत ऋतु में लगती है। यह पौधा जमीन की सतह पर फैलता है मकड़ी के जाल की तरह। लाल अथवा रक्त पुनर्नवा के फूल गुलाबी या हल्के लाल रंग के होते हैं। इसके पत्ते श्वेत की तुलना में चक्राकार न होकर कुछ लंबे होते हैं। इसके फल बीज वाले मेवे होते हैं जो गोलाकार होते हैं।
  • पुनर्नवा का वैज्ञानिक नाम (punarnava scientific name in hindi): (Boerhavia diffusa) बोरहाविया डिफ्यूजा
  • पौधे परिवार का नाम (punarnava family name in hindi): (Nyctaginaceae) निक्टागिनेसी
  • पुनर्नवा के प्रकार: आयुर्वेद के अनुसार पुनर्नवा दो किस्में हैं। लाल पुनर्नवा और स्वेत पुनर्नवा
    • लाल पुनर्नवा: परंपरागत रूप से पुनर्नवा पौधे की लाल किस्म ट्राइएंथेमा पॉलाकैस्ट्रम कहलाता है, जिसका उपयोग अक्सर पौधे की जड़ों से टिंचर बनाने के लिए किया जाता है।
    • श्वेत पुनर्नवा: पौधे की सफेद किस्म को आमतौर पर पुनर्नवा के रूप में जाना जाता है, और इसे बोरहवा डिफ्यूसा के नाम से भी जाना जाता है। सफेद किस्म का मुख्य उपयोग औषधीय प्रयोजनों के लिए है, क्योंकि इसका उपयोग पौधे के सभी तीन गंभीर दोषों वात, पित्त और कफ दोष को दबाने के लिए किया जाता है।

पुनर्नवा के अन्य नाम – Punarnava other names in hindi

पुनर्नवा को देश और दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है: जैसे

  • हिन्दी (boerhavia diffusa hindi name): पुनर्नवा
  • तेलुगु (punarnava telugu name) : अतिकामामिदी, पुनर-नवा
  • अंग्रेजी (punarnava english name) : रेड हॉगवीड, रेड स्पाइडरलिंग, कॉमन हॉगवीड
  • तमिल (punarnava tamil name) : मुकराटे- किराई, मुक्कुरटैक्कोटी
  • पंजाबी: इटसिट
  • मराठी (punarnava marathi name) : घेटुली
  • असमिया: पनानुआ
  • बंगाली: पुनर्नोवा, गदापुष्पा
  • कन्नड़: कोम्मे, कोम्मे गिडा
  • कश्मीरी: वंजुला पुनर्नवा
  • कोंकणी: पुनर्नवा
  • मलयालम (punarnava malayalam name) : तालुतमा, तविलमा
  • अरबी: पुनर्नवा, अलयामासिब
  • नेपाली: पुनर्नवा, पुनर्नभा
  • संस्कृत: नीलापुनर्नवा, पुनर्नवा
  • उर्दू: तुखम-आई-स्पैस्ट

पुनर्नवा के उपयोग – Punarnava uses in hindi

पुनर्नवा एक औषधीय जड़ी बूटी है जो अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों के लिए जाना जाता है। पुनर्नवा का उपयोग निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याओं में कीया जाता है:

  • पीलिया के उपचार के लिए
  • गठिया के रोग में सहायक
  • किडनी (गुर्दे) की पथरी के इलाज के लिए तथा इनके सभी विकारों के इलाज के लिए
  • फैटी लिवर के उपचार में तथा लीवर को पुनर्जीवित करने और उसे डिटॉक्सीफाई करने के लिए
  • नपुंसकता का इलाज करने के लिए
  • कामेच्छा, स्तंभन और वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा को बढ़ाता है
  • वातनाशक के रूप में कार्य करता है
  • भूख बढ़ाता है, अमा को पचाता है और पेट दर्द को कम करता है
  • खुजली, त्वचा रोग आदि के लिए
  • एनिमिया के इलाज में
  • शरीर को मजबूत बनाता है
  • वात-पित्त-कफ़ दोषों को सामान्य करता है
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है
  • मोटापा के इलाज के लिए
  • कामोत्तेजक उपचार के लिए
  • शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकता है।

पुनर्नवा के फायदे इन हिंदी – Benefits of punarnava in hindi

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पुनर्नवा के उपयोग (Punarnava uses in hindi) जानने के बाद अब हम (Benefits of punarnava in hindi) पुनर्नवा के फायदे इन हिंदी इनके कुछ कुछ असरदार फायदों के बारे में जानेंगे:

पीलिया में पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for jaundice in hindi

आयुर्वेद में पुनर्नवा को पीलिया का सबसे अच्छा उपचार माना जाता है। पुनर्नवा के सेवन से पीलिया नहीं होता है। देश और दुनिया के कई हिस्सों में इसका इस्तेमाल सब्जी के रूप में भी किया जाता है। यह ऐसे रोगी के लिए बहुत मददगार हो सकता है जो एनीमिया और हृदय रोग से पीड़ित रहते हैं।

  • पुनर्नवा और भूमि आंवला की काढ़ा या आसव बना लें। वयस्कों को 30-40 ml सुबह-शाम पीलिया ठीक न होने तक सेवन करें। बच्चों को 20 ml तक दिया जा सकता है। इसे थोड़ी गुनगुने में ही सेवन करनी चाहिए।
  • पुनर्नवा की जड़ को साफ करके इसके छोटे-छोटे 21 टुकड़ों में काटने के बाद इन 21 टुकड़ों की माला बनाकर रोगी के गले में पहना दे। जब यह ठीक हो जाए तो उस माला को किसी जल स्त्रोत में विसर्जन कर देना चाहिए।
  • पुनर्नवा का 2 चम्मच ताजी रस कुछ दिनों तक सुबह-शाम भोजन के बाद शहद के साथ सेवन करने से पीलिया ठीक होता है।
  • पुनर्नवा के जड़ सहित पौधे को 10-20 ml रस में हरड़ का चूर्ण 2-4 ग्राम मिलाकर पीने से जॉनडिस कम हो जाता है।

लीवर के लिए पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for liver in hindi

पुनर्नवा का सेवन लीवर स्वस्थ्य के लिए प्रभावी माना जा सकता है। पुनर्नवा का उपयोग लीवर को पुनर्जीवित करने और उसे साफ़ करने के लिए व्यापक रूप से किया जाता है। यदि शरीर पर किसी भी प्रकार का संक्रमण होता है तो सबसे पहले इसका दुष्प्रभाव लीवर पर होता है। जिसके कारण व्यक्ति थका हुआ और सुस्त हो जाता है। इसलिए इस प्रारंभिक चरण में पुनर्नवा का उपयोग उपयुक्त माना जाता है, जो दोबारा स्वास्थ्य और प्राणशक्ति को बनए रखने में मदद कर सकता है।

पुनर्नवा का रस 1-2 चम्मच तथा बराबर मात्रा में पानी मिलाएं। पुनर्नवा को भोजन करने से पहले दिन में दो बार सेवन करें।

किडनी स्वास्थ्य के लिए पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for kidney in hindi

आयुर्वेद के अनुसार पुनर्नवा से किडनी विकारों का इलाज किया जा सकता है। अब पुनर्नवा के अध्ययनों ने किडनी रोगियों के उपचार और स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए साफ कर दिया है। यह जड़ी-बूटी शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालने में मदद करती है और साथ ही यह मूत्राशय में पथरी के बनने से भी रोकती है। इस जड़ी-बूटी के उपयोग से सिर्फ एक महीने में ही किड्नी की कार्य प्रणाली को सुधरने की संकेत मिल सकती है।

पुनर्नवा के जड़ सहित पौधे का काढ़ा बना कर 10-20 ग्राम काढ़े का सेवन करें।

हृदय रोग में पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for heart in hindi

पुनर्नवा को हृदय रोग में एक अच्छा विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है। पुनर्नवा दिल (हृदय) के अनेक रोगों में उपयोगी माना जाता है। पुनर्नवा की जड़ का चूर्ण तथा सूखे पत्तों के चूर्ण को बराबर मात्रा में मिलाकर एक-एक चम्मच रोजाना सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करें। इसके नियमित इस्तेमाल से हृदय स्वास्थ्य में बढ़ोतरी हो सकती है।

कैंसर में पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for cancers in hindi

आयुर्वेद में पुनर्नवा को कैंसर के इलाज के लिए एक प्रभावशाली जड़ी-बूटी मानी जाती है। एक अध्ययन ने साफ कर दिया कि पुनर्नवा में अल्कलॉइड तथा कैंसर रोधी एजेंट वाली गुण पाया जाता है। यह पुनर्नवाइन प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाता है। पूरे पौधे का अर्क कैंसर के इलाज के लिए बहुत फायदेमंद माना गया है। इसके लिए पुनर्नवा के पंचांग के अर्क का सेवन करें।

मधुमेह में पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for diabetes in hindi

मधुमेह के लिए पुनर्नवा एक प्राकृतिक उपाय हो सकता है। पुनर्नवा में खून से ग्लूकोज के स्तर को कम करने वाली गुण पाया जाता है जिसके कारण प्लाज्मा इंसुलिन के स्तर को बढ़ावा मिलता है। जिससे खून में ब्लड का सही स्तर बना रहता है। इसमें पुनर्नवा के ताजी पत्तियों का अर्क तैयार कर सेवन करने की सलाह दी जाती है। इससे मधुमेह के लिए मददगार हो सकता है।

नपुंसकता में पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for sex problems in hindi

आयुर्वेद में इस जड़ी-बूटी को कामेच्छा शक्ति बढ़ाने एवं वीर्य की मात्रा बढ़ाने और गुणवत्ता सुधारने के लिए जानी जाती है। पुनर्नवा के बीज पुरुष प्रजनन प्रणाली को पुनर्जीवित करने में मदद कर सकती है। पुनर्नवा स्तंभन दोष अथवा नपुंसकता की समस्या को ठीक कर सकता है। इसके लिए पुनर्नवा के बीजों का चूर्ण 1 से 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करें।

त्वचा विकार में पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for skin in hindi

त्वचा के लिए पुनर्नवा के फायदे देखे जा सकते हैं। इसके लिए पुनर्नवा की जड़ों को तेल में पकाकर, तेल गुनगुना होने (जितनी गुनगुना सहन किया जा सके) पर इससे प्रभावित त्वचा पर मालिश करें। पुनर्नवा त्वचा को नमी प्रदान करने में, त्वचा को रक्षा करने और दाग-धब्बों को कम करने जैसे कई प्रकार के त्वचा विकारों को दूर करने में हमारी मदद कर सकती है।

पेट संबंधी विकारों में पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for stomach problems in hindi

पुनर्नवा आमाशय को शक्ति प्रदान करती है तथा उसकी कार्य करने की क्रिया को बढ़ाती है। यह पेट की समस्याओं, विशेषकर पेट दर्द का इलाज करता है। इसमें 5 ग्राम पुनर्नवा के जड़ का चूर्ण दिन में तीन बार लें। यह पेट दर्द के साथ पेट के अन्य कई तरह की कृमियों को मारने या बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही साथ पुनर्नवा पाचन को सुधारने अथवा पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाए रखने में मदद करता है।

मूत्र संक्रमण में पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for urine infection in hindi

मूत्र संक्रमण (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) महिला हो या पुरुष किसी को भी हो सकता है। मूत्र रोग में पेशाब करते समय जलन की समस्या हो सकती है। पुनर्नवा में एंटी-स्पास्मोडिक, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी आदि गुण पाया जाता है। जिसके कारण यह मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करता है।

इसके लिए चौथाई चम्मच पुनर्नवा, गोक्षुरा और धनिया पाउडर तीनों को बराबर मात्रा में तथा चम्मच का आठवां भाग नीम लेकर इसमें आधा कप गर्म पानी मिलाएं। इसे पाँच मिनट तक रहने दें। इसका सेवन प्रतिदिन दो या तीन बार करें। पेशाब में जलन और मूत्र पथ के संक्रमण इससे दोनों लाभ हो सकते हैं।

गठिया में पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for arthritis in hindi

पुनर्नवा को गठिया में मददगार माना जा सकता है। पुनर्नवा गठिया से संबंधित जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत दिला सकती है। इसके लिए ताजी पुनर्नवा को पीसकर पेस्ट बना लें तथा इस पेस्ट को दर्द वाले स्थान पर लेप करें। आप पेस्ट को अपनी त्वचा पर तब तक के लिए लगा रहने दें जब तक आपने आप सुख न जाए। इसके अलावा गठिया रोगी को श्वेतपुनर्नवा के कोमल पत्तों को सब्जी के रूप में इस्तेमाल करने से भी लाभ मिलता है। गठिया से पीड़ित लोगों को श्वेतपुनर्नवा की सब्जी का सेवन कराने से कुछ ही दिनों में लाभ मिलता है।

वजन घटाने में पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for weight loss in hindi

पुनर्नवा को वजन घटाने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पुनर्नवा लगभग सभी आयुर्वेदिक वजन कम करने वाले प्रोडक्ट में एक घटक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। पुनर्नवा शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ और अपशिष्ट पदार्थों को हटाने का कार्य करती है। आयुर्वेदिक में इसे रेचक के रूप में भी जाना जाता है।

इसके लिए आधा चम्मच पुनर्नवा पाउडर और 1/4 चम्मच त्रिकटु पाउडर, आधा कप गर्म पानी में 1 चम्मच शहद मिलाकर 5 मिनट तक ऐसे ही रहने दें, अच्छी तरह मिलाएं और पी लें। इसे प्रतिदिन भोजन से पहले तीन बार ले सकते हैं।

अनिद्रा में पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for insomnia in hindi

कई बार इंसान गहरी चिंता और तनाव के कारण अनिद्रा का शिकार हो जाता है। ऐसी स्तिथि में पुनर्नवा को अनिद्रा की समस्याओं में इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर रात्री में सोने के बावजूद नींद नहीं आ रही तो ऐसी परिस्तिथि में पुनर्नवा का 50-100 मिलीलीटर काढ़ा पिलायें। यह नींद की गोलियों की तरह काम करता है और आपको गहरी नींद में सुला देता है।

मोतियाबिंद में पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for eyes in hindi

पुनर्नवा के फायदे मोतियाबिंद तथा आँखों की समस्याओं में भी प्राप्त किया जा सकता है। पुनर्नवा की जड़ को पानी में पीसकर इसका पेस्ट बनाकर काजल की तरह लगाएं। इसके नियमित प्रयोग से मोतियाबिंद की समस्या को ठीक किया जा सकता है तथा साथ ही आँखों के दर्द, जलन और सूजन भी कम हो किया जा सकता है।

मलेरिया में पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for malaria in hindi

पुनर्नवा मलेरिया बुखार में या एक दो दिनों के अंतराल में होने वाले बुखार को ठीक करने वाली दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह अंतराल वाली बुखार या सप्ताहिक बुखार, मलेरिया का एक रूप है जिसमें बुखार की शुरुआत तीन से चार दिनों के अंतराल में होती है , इसलिए इसे “सप्ताहिक बुखार” नाम दिया गया है। यह बुखार एनोफ़ेलीज़ वंश की संक्रमित मादा मच्छरों के काटने होता है।

पुनर्नवा की 2 ग्राम जड़ का चूर्ण दूध या पान के पत्ते के साथ सेवन करें। इसके सेवन से सप्ताहिक बुखार ठीक हो जाता है। इसमे पूरे पौधे (पंचांग) का काढ़े का भी सेवन किया जा सकता है। सप्ताहिक बुखार और मूत्र मार्ग में संक्रमण के कारण होने वाली जलन में यह लाभदायक होता है।

प्रतिरोधक क्षमता के लिए पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for immunity in hindi

पुनर्नवा के गुण प्रतिरोधक क्षमता के निर्माण में भी कारगर है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पुनर्नवा के 2-3 gm जड़ का चूर्ण गाय के दूध के साथ सुबह और शाम सेवन करने से शरीर पुष्ट होकर शरीर में नया यौवन शक्ति आ जाती है। इससे प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि होती है।

पुनर्नवा के उपयोगी भाग – Punarnava Parts Uses in hindi

पुनर्नवा के निम्नलिखित भाग उपयोग में लाया जाता है:

  • पुनर्नवा के संपूर्ण पौधा
  • पुनर्नवा के पत्ते
  • पुनर्नवा के बीज
  • पुनर्नवा के फूल

पुनर्नवा किस रूप में उपलब्ध है – Punarnava is available in form in hindi

बाजार में और online में पुनर्नवा निम्नलिखित रूप में उपलब्ध है:

  • पुनर्नवा पाउडर या चूर्ण
  • पुनर्नवा जूस
  • पुनर्नवा टैबलेट
  • पुनर्नवा कैप्सूल

पुनर्नवा के पोषक तत्वों का वर्गीकरण – पुनर्नवा ingredients in हिंदी

पुनर्नवा में प्रति 100 ग्राम में मौजूद विभिन्न पोषक तत्वों की मात्राएं :

कार्बोहाइड्रेट 415.68 मि.ग्रा
आयरन 0.012 मि.ग्रा
कैल्शियम 142 मि.ग्रा
विटामिन सी 44.8 मि.ग्रा
प्रोटीन 35.96 मि.ग्रा
कोलेस्ट्रॉल 12.55 मि.ग्रा
सोडियम 162 मि.ग्रा
आयोडीन 0.002 मि.ग्रा
सोडियम 162.50 और 75.55 मि.ग्रा
मैग्नीशियम 8.68 और 6.63 मि.ग्रा
विटामिन बी3 97.00 और 66.20 मि.ग्रा
विटामिन बी2 22.00 और 8.70 मि.ग्रा

पुनर्नवा के अन्य दवाईयों के साथ प्रतिक्रिया – Punarnava interaction in hindi

होम्योपैथिक दवा के साथ
पुनर्नवा होम्योपैथिक दवा के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है।

पश्चिमी दवाओं के साथ
यदि आप इस दवा को एलोपैथिक दवाओं के साथ लेना चाहते हैं तो अपने डॉक्टर की सलाह लें। कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ आधुनिक दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकती हैं।

पुनर्नवा के नुकसान – Punarnava side effects in hindi

पुनर्नवा के निम्नलिखित दुष्प्रभाव हो सकते हैं इसलिए इसका सेवन सावधानी पूर्वक करनी चाहिए:

  • पुनर्नवा को अधिक मात्रा में सेवन करने से रक्तचाप के स्तर को बढ़ा सकता है और हृदय की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है।
  • इथेनॉल एलर्जी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को इस जड़ी बूटी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • यह रेचक भी है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को इस जड़ी-बूटी से परहेज करना चाहिए अथवा डॉक्टर की सलाह लें।
  • 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इस जड़ी बूटी का सेवन नहीं करना चाहिए।

FAQ – Benefits of punarnava in hindi

पुनर्नवा के कौन से भाग उपयोग में लाया जाता है?

पुनर्नवा के जड़ और पत्तियों के साथ-साथ संपूर्ण पौधे को उपयोग में लाया जाता है। वैज्ञानिक अनुसंधानों के बाद इसकी मांग पहले के मुकावाले काफी बढ़ गया है।

पुनर्नवा का पौधा कैसे पहचाने?

पत्तियाँ आमतौर कोमल, मांसल, गोल या अंडाकार तथा ऊपरी सतह हरी होती हैं पर नीचे से सफेद और चिकनी होती हैं। जो 1-2 इंच लंबी हो सकती हैं। पौधे की लंबाई लगभग 0.75-4 मीटर तक हो सकती है। पौधे में फूल और फल शीत ऋतु में लगती है। लाल अथवा रक्त पुनर्नवा के फूल का रंग गुलाबी या हल्के लाल रंग के होते हैं। इसके फल बीज वाले मेवे होते हैं जो गोलाकार होते हैं।

क्या पुनर्नवा रक्तचाप को बढ़ाती है?

नहीं बढ़ाती। कुछ अध्ययनों से यह साफ हो गया है कि पुनर्नवा में उच्च रक्तचाप के स्तर को कम करने वाली गुण पाया गया है। पुनर्नवा में कुछ यौगिक ऐसे हैं जो रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने में सक्षम है। इससे रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और यह उच्च रक्तचाप की जोखिम को कम करती है।

क्या पुनर्नवा का सेवन बच्चे कर सकते हैं?

नहीं। 12 वर्ष या इससे कम उम्र के बच्चों को पुनर्नवा दवाई के रूप में सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती। लेकिन इसका उपयोग सब्जी के रूप में बच्चे भी कर सकते हैं।
क्या पुनर्नवा के साथ मल्टीविटामिन का सेवन कर सकते हैं।
हाँ। आम तौर पर, यह दवा अधिकांश आहार अनुपूरकों के साथ लेने की सलाह दी जा सकती है। लेकिन अगर आप प्रतिदिन एक से अधिक दवा ले रहे हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।

क्या पुनर्नवा का सेवन गर्भवती महिला कर सकती हैं?

चूँकि पुनर्नवा रेचक होती है इसलिए पुनर्नवा गर्भवती महिलाओं को सेवन की सलाह नहीं दी जाती। विशेष परिस्थिति में इसका सेवन डॉक्टर की देख-रेख में किया जा सकता है।

पुनर्नवा की तासीर कैसी होती है?

पुनर्नवा की तासीर शीतल, सूखा और खाना को पचाने में आसान बनाती है। किन्तु इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें।

पुनर्नवा क्या है?

पुनर्नवा एक बारहमासी देशी जड़ी-बूटी है। यह खरपतवार की तरह होती है। इसकी तासीर ठंडी होती है। इसका रस पीने में मीठा, तीखा तथा कषैला होता है। पुनर्नवा का उपयोग पीलिया, किडनी रोग, हृदय रोग, लिवर के उपचार में किया जाता है। यह भारत के अलावा एशिया, अफ्रीका, अमेरिका आदि में भी पाया जाता है।

कहाँ पाया जाता है

पुनर्नवा को प्राचीन काल से ही भारत में औषधीय जड़ी-बूटियों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।इसका उपयोग भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका, अफ्रीका आदि में भी दैनिक जीवन में उपयोग होता है।

उपयोग में कैसे लाया जाता है

इनके सम्पूर्ण पौधे का उपयोग किया जाता है: पुनर्नवा के विभिन्न भागों का उपयोग कई विकारों के इलाज के लिए किया जाता है। पुनर्नवा की जड़, पत्तियां या पूरे पौधे का उपयोग आयुर्वेदिक हर्बल चिकित्सा में विभिन्न विकारों के इलाज के लिए किया गया है। कई एशियाई और अफ्रीकी देशों में इसके पत्तियों और बीजों का उपयोग सब्जी के रूप में भी किया जाता है।

अंतिम संदेश

Benefits of punarnava in hindi के इस लेख में आपने जाना पुनर्नवा क्या होता है? इनके गुण क्या है? उपयोग, फायदे तथा इनके सेवन के संभावित नुकसान क्या-क्या है? इस लेख में पुनर्नवा से संबंधित बेहतर जानकारी देने की कोशिश की गई है, आशा है आपको पसंद आ गए होंगे। Benefits of punarnava in hindi के इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका, धन्यवाद!

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नमस्कार दोस्तों, मैं इंडिया के सबसे बड़े लौहनगरी जमशेदपुर, झारखंड से हूँ। मैं इस ब्लॉग का लेखक और संस्थापक हूँ और इस ब्लॉग पर प्राकृतिक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य, जड़ी-बूटियों की जानकारी, प्राकृतिक उपचार, घरेलू उपचार से संबंधित जानकारी नियमित साझा करता रहता हूँ।

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